अब बात करते हैं कि आखिर SC ने गांधी का जिक्र अदालत में क्यों किया। दरअसल महात्मा गांधी भी जब अंग्रेजी सरकार को पत्र लिखा करते थे तो अकसर अंत में लिखते थे- 'I have the honour to remain, Your Excellency's obdt. servant'। इसका अर्थ हुआ- आपका वफादार सेवक बने रहने में मैं खुद को सम्मानित महसूस करूंगा।
वीर सावरकर पर राहुल गांधी की माफीवीर वाली टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों का मजाक न उड़ाएं। बेंच ने राहुल गांधी के वकील सिंघवी से पूछा कि क्या राहुल गांधी को पता है कि महात्मा गांधी ने भी अंग्रेजों से संवाद में खुद के लिए 'आपका वफादार सेवक' शब्द का इस्तेमाल किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में सक्रिय गैंगस्टर समूहों को लेकर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि खूंखार गैंगस्टर लंबी सुनवाई के आधार पर जमानत हासिल करने के लिए मुकदमे में देरी का फायदा उठा रहे हैं। कोर्ट एक गैंगस्टर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को सुझाव भी दिया।
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपने हलफनामे का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि बालाजी ने गवाहों को प्रभावित किया।
सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि न्याय में देरी न्याय से वंचित करने के समान है, वहीं न्याय न मिलना उससे भी बदतर है। कोर्ट 4 कैदियों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके अपील पर झारखंड हाई कोर्ट ने करीब 3 साल से फैसला सुरक्षित रखा है, लेकिन उन्हें सुनाया नहीं गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगभग हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने का चलन हो गया है। यह सही नहीं है। इससे भर्ती की प्रक्रिया में देरी होती है। SC ने BPSC PT एग्जाम को दोबारा आयोजित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा, 'हमारी चिंता यह है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इन ड्राइवरों का रोजगार नहीं जाना चाहिए। भारत में ड्राइवर की नौकरी भी रोजगार का एक बड़ा माध्यम है।' मजाकिया अंदाज में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि एआई से तो वकीलों को भी टक्कर मिल रही है। ऐसे टूल हैं, जिनसे आप कोई भी कानूनी राय ले सकते हैं।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने वकील संदीप टोडी को चार सप्ताह का समय दिया है। इस समयसीमा के भीतर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के खातों में राशि जमा करने को कहा गया है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिए अपने बयान की आलोचना के बीच फिर से खुलकर राय जाहिर की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि संसद में लोकतंत्र सुप्रीम है और उससे ऊपर कोई भी अथॉरिटी नहीं है।
जस्टिस कैलाशनाथ वांचू ICS अधिकारी थे, जो आगे चलकर भारत के 10वें सीजेआई बने थे। उनका जन्म साल 1903 में मध्य प्रदेश में हुआ था। वह अपने परिवार में पहले न्यायाधीश थे।