कर्ज के जाल में फंसा किसानों की जमीन कॉरपोरेट को सौंपने की साजिश, बजट पर भड़के राकेश टिकैत
- राकेश टिकैत ने कहा कि बजट में किसानों को एक बार फिर से ठगा गया है। बजट केवल पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाला है। बजट को बनाते वक्त केवल बड़े उद्योगपतियों और घरानों का ध्यान रखा गया है।
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए केंद्रीय बजट पर किसान नेताओं ने प्रतिक्रियाएं दी हैं। पंजाब सहित देश के अलग-अलग किसान संगठनों ने बजट के प्रावधानों पर अपनी राय जाहिर की और केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के ऐलान को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत भड़क गए और केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि बजट में किसानों को कर्ज मुक्त करने का प्रावधान होना चाहिए था लेकिन सरकार ने दोबारा से कर्ज बढ़ाने की बात की है। राकेश टिकैत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि किसानों को कर्ज के जाल में फंसाकर उनकी जमीन कॉरपोरेट को सौंपने की साजिश है। टिकैत ने इस बजट को जनता बनाम कॉरपोरेट का बजट बताते हुए कहा कि सरकार ने पुराने बजट को नए सिरे से कॉरपोरेट के हवाले किया है।
'बजट केवल पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाला'
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि बजट में किसानों को एक बार फिर से ठगा गया है। बजट केवल पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाला है। बजट को बनाते वक्त केवल बड़े उद्योगपतियों और घरानों का ध्यान रखा गया है। किसानों की ना तो एमएसपी का ध्यान रखा गया है और ना ही कर्ज माफी को लेकर बजट में कोई प्रावधान है। ऐसे में किसानों को इस बजट से केवल निराशा हुई है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। टिकैत ने कहा कर्जा बढ़ने से बजट अच्छा नहीं होता है. कर्जे में राहत देने से बजट अच्छा होता है. आम लोगों को क्या राहत दी जा रही है इससे बजट के मायने निकलते हैं। उन्होंने कहा यह बजट न आम लोगों के लिए, न दुकानदारों के लिए और न किसानों के लिए अच्छा है।
बजट पर टिकी थीं किसानों की निगाहें
शंभू व खनौरी बॉर्डर पर पिछले एक वर्ष से आंदोलन कर रहे किसानों की निगाहें शनिवार को पेश होने वाले केंद्रीय बजट पर टिकी हुई थी। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शुक्रवार शाम शंभू बॉर्डर पर प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि अगर मोदी सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है तो उसे बजट में किसानों के लिए बड़ी घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। पंढेर ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के मुद्दों पर गंभीर नहीं है।
यह बजट भी किसानों के लिए महज औपचारिकता ही : पंधेर
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार को लगता है कि उनकी नीति सही है। अगर ऐसा है तो रुपया लगातार क्यों गिर रहा है और अपने सबसे निचले स्तर पर क्यों है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चालू बजट सत्र में कृषि क्षेत्र की इन मांगों के लिए बजट में कोटा आरक्षित करना चाहिए था। सरकार इस बजट में किसानों और मजदूरों के कल्याण के लिए कोटा निर्धारित नहीं किया है, इसलिए यह बजट भी किसानों के लिए महज औपचारिकता ही साबित हुआ।