pm modi visit to cyprus may increase tension for Turkiye Pakistan भारत ने बढ़ा दी पाकिस्तान के इस दोस्त की टेंशन, PM मोदी ने चला बड़ा इंटरनेशनल दांव, India News in Hindi - Hindustan

भारत ने बढ़ा दी पाकिस्तान के इस दोस्त की टेंशन, PM मोदी ने चला बड़ा इंटरनेशनल दांव

पीएम मोदी की साइप्रस यात्रा को तुर्किए और पाकिस्तान के मजबूत होते रिश्ते के जवाब में उठाए कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर सरकार ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।

Tue, 17 June 2025 05:39 AMNisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तान
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भारत ने बढ़ा दी पाकिस्तान के इस दोस्त की टेंशन, PM मोदी ने चला बड़ा इंटरनेशनल दांव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साइप्रस पहुंचे हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और यूपीआई समेत कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। कहा यह भी जा रहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा तुर्किए की चिंता बढ़ा सकती है। खास बात है कि भारत की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के समय तुर्किए ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था।

पिछले दो दशकों से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की यह पहली यात्रा है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और साइप्रस के बीच द्विपक्षीय व्यापार हाल के वर्षों में 'उतार-चढ़ाव के बीच स्थिर' रहा है और अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के लिए यह 13.696 करोड़ अमेरीकी डॉलर था।

पीएम मोदी की साइप्रस यात्रा को तुर्किए और पाकिस्तान के मजबूत होते रिश्ते के जवाब में उठाए कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालांकि, इसे लेकर सरकार ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।

क्यों बढ़ेगी तुर्किए की चिंता

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साइप्रस और तुर्की में लंबे समय से संघर्ष जारी है और इसकी शुरुआत 1974 में तुर्की के आक्रमण और द्वीप के बंटवारे से हुई है। साइप्रस के पास यूरोपीय संघ की सदस्यता है। अब कहा जा रहा है कि साइप्रस जाना और संभावित रूप से बफर जोन की यात्रा करना भारत की तरफ से संदेश है कि वह तुर्किए के विस्तारवाद के खिलाफ साइप्रस के साथ है।

पाकिस्तान को भी लग सकता है झटका

यह फैसला पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की भारत की रणनीति का समर्थन करता है। साइप्रस ने कश्मीर, आतंकवाद और UNSC सुधारों को लेकर भी भारत का समर्थन किया है। 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की साइप्रस ने निंदा की थी। साथ ही कहा था कि इस मुद्दे को यूरोपीय संघ स्तर तक उठाया जाएगा।

भारत के लिए साइप्रस क्यों है अहम

पूर्वी भूमध्य सागर में साइप्रस की लोकेशन और भौगोलिक रूप से एशिया में होने के बाद EU सदस्य होने का दर्ज भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी अहम है। यह सागर में तुर्किए और सीरिया के करीब है।

इसके अलावा साइप्रस के सबसे बड़े बैंक यूरोबैंक ने हाल ही में मुंबई में एक दफ्तर खोलने का ऐलान किया है। व्यापार के लिहाज से यह अहम साबित हो सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साइप्रस के एडवांस फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर, कर व्यवस्था और शिपिंग उद्योग उन भारतीय कंपनियों के लिए आदर्श साबित होगा, जो यूरोपीय बाजार की ओर देख रही हैं।

IMEC यानी इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर के जरिए कनेक्टिविटी के लिहाज से भी साइप्रस अहम होगा। क्योंकि, यह उस एनर्जी कॉरिडोर का हिस्सा है।

EU संग भारत के संबंध

साल 2026 में साइप्रस के पास ईयू परिषद की अध्यक्षता आएगी। ऐसे में भारत को व्यापार, सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर साइप्रस के साथ संबंधों का फायदा हो सकता है। FDI यानी फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के मामले में भी साइप्रस का भारत में बड़ा हिस्सा है।

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