Hindi Newsदेश न्यूज़India China agreement Kailash Mansarovar Yatra from this year talk on direct flight of Delhi Beijing also made

कैलास मानसरोवर यात्रा इसी साल से, दिल्ली-बीजिंग की डायरेक्ट फ्लाइट पर भी बनी बात

  • Kailash Mansarovar Yatra: भारत और चीन के बीच कैलास मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू करने को लेकर रजामंदी हो गई है। दूसरी तरफ कोविड काल यानि 2020 से भारत और चीन के बीच बंद डायरेक्ट फ्लाइट्स को दोबारा शुरू करने पर सहमति बनी।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 27 Jan 2025 08:40 PM
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कैलास मानसरोवर यात्रा इसी साल से, दिल्ली-बीजिंग की डायरेक्ट फ्लाइट पर भी बनी बात

भारत और चीन के बीच सोमवार को कैलास मानसरोवर की यात्रा को फिर से शुरू करने को लेकर फैसला लिया गया। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री और चीनी मंत्री वांग यी के बीच में हुई मुलाकात में यह फैसला लिया गया। हिन्दु धर्म की मान्यताओं के अनुसार कैलास को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। दोनों देशों के तनाव के चलते चीनी क्षेत्र से यह यात्रा काफी समय से बंद है। कैलास मानसरोवर की यात्रा के अलावा दोनों देशों ने सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने पर भी सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी, जो कि कोविड के समय से ही बंद हैं। ऐसे में यह फैसला भारत और चीन के बीच में आने जाने वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद होगा।

विदेश मंत्रायल ने बयान जारी कर रहा कि दोनों ही देश सीमा पार कर आने वाली नदियों से संबंधित आपसी सहयोग पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए हैं। इस मुद्दे को लेकर भारत और चीन के बीच बिशेषज्ञ स्तर की बातचीत जल्दी ही शुरू की जाएगी। भारत और चीन लोगों के बीच विशेषकर मीडिया और थिंक टैंक के बीच संपर्क बढ़ावा देने पर भी राजी हुए। बयान में कहा गया कि दोनों ही देश जल्दी ही एक-दूसरे के हितों और चिंताओं को ध्यान में रखने और सुलझाने के लिए संवाद का सहारा लेंगे। इसके इतर जो भी मुद्दे उलझे हुए हैं, उन्हें हल करने के लिए दोनों ही देश पारदर्शिता और आपसी सहमति और सहयोग का सहारा लेंगे।

कैलास मानसरोवर यात्रा

हिन्दु, जैन और बौद्ध धर्मों में कैलास मानसरोवर को बड़ा महत्व हैं। हिन्दु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कैलास में भगवान शिव का निवास स्थान है। वहीं जैन धर्म की मान्यता के अनुसार प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का यहीं पर निर्वाण प्राप्त हुआ था। बौद्ध धर्म में इस स्थान को ब्रह्मांड का केंद्र माना गया है। 2020 में भारत और चीन के बीच हुए विवाद के पहले हर साल हजारों भारतीय चीन के रास्ते यहां दर्शन के जाते थे। 2020 के बाद चीन ने यहां यात्रा करने के लिए परमीशन देना मना कर दिया। भारत और चीन ने इस यात्रा के लिए आपस में कई समझौते भी किए हैं।

कैलास मानसरोवर तिब्बत का भाग है, जिस पर चीन अपना एकाधिकार जताता है। कैलाश मानसरोवर की समुद्रतल से ऊंचाई लगभग 21 हजार फीट है। भारत के लिपुलेख से यह केवल 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारत की तरफ से इस यात्रा के लिए दो रास्ते हैं, जिनमें एक उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर जाता है। दूसरा सिक्किम के नाथूला दर्रे से होकर जाता है। दूसरी तरफ भारतीय नेपाल के रास्ते भी कैलास मानसरोवर की यात्रा कर सकते हैं।

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भारत और चीन के संबंध 2020 में अपने निचले स्तरों पर आ गए थे। डोकलाम में दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में दोनों ही तरफ से सैनिक हताहत हुए थे। पिछले चार सालों में दोनों देशों के बीच में विवाद सुलझाने को लेकर कई बैठकें हुईं लेकिन नतीजे शिफर रहे। प्रधानमंत्री मोदी की कजान यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच में 2020 की स्थिति में वापस जाने का फैसला लिया। इसके बाद 2020 से बनी टकराव की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ।

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