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एयर इंडिया की फ्लाइट में 'हाईजैक अलार्म' से मचा हड़कंप, एयरपोर्ट पर तैनात हुई NSG; क्या है मामला?

  • एयर इंडिया की इस फ्लाइट में 126 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान के ट्रांसपोंडर ने ‘स्क्वॉक 7500’ कोड ट्रांसमिट किया, जो आमतौर पर हाइजैकिंग के संकेत के रूप में पहचाना जाता है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईWed, 29 Jan 2025 05:03 PM
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एयर इंडिया की फ्लाइट में 'हाईजैक अलार्म' से मचा हड़कंप, एयरपोर्ट पर तैनात हुई NSG; क्या है मामला?

दिल्ली से मुंबई के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI 2957 में हाइजैक का अलार्म बजने से हड़कंप मच गया। हालांकि, पायलट ने तुरंत दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को सूचित किया कि यह एक झूठा अलार्म था, लेकिन एटीसी ने प्रोटोकॉल के तहत सुरक्षा एजेंसियों और भारतीय वायुसेना को सतर्क कर दिया।

क्या हुआ था?

एयर इंडिया की इस फ्लाइट में 126 यात्री सवार थे। उड़ान भरने के तुरंत बाद विमान के ट्रांसपोंडर ने ‘स्क्वॉक 7500’ कोड ट्रांसमिट किया, जो आमतौर पर हाइजैकिंग के संकेत के रूप में पहचाना जाता है। एक दिल्ली एयरपोर्ट अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि यह अलार्म फ्लाइट के टेक-ऑफ के तुरंत बाद सक्रिय हो गया।

क्या होता है स्क्वॉक कोड?

स्क्वॉक कोड चार अंकों की एक संख्या होती है, जिसका इस्तेमाल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) फ्लाइट की पहचान के लिए करता है। यह कोड 0000 से 7777 तक होता है। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार के अनुसार, स्क्वॉक कोड 7500 का अर्थ ‘अवैध हस्तक्षेप’ होता है, जिसे आमतौर पर हाइजैकिंग का संकेत माना जाता है।

हालांकि, पायलट ने तुरंत स्पष्ट किया कि यह एक फेक अलार्म था, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बरतते हुए सभी प्रोटोकॉल का पालन किया। एक पूर्व ATC अधिकारी ने कहा, “हम यह नहीं मान सकते कि पायलट पर कोई दबाव नहीं है। अगर वह बंदूक की नोक पर हुआ और उसे झूठ बोलने को कहा गया हो तो?”

मुंबई एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा

रात 9:47 बजे जब फ्लाइट मुंबई पहुंची, तो इसे अलग-थलग खड़े किए जाने वाले ‘आइसोलेशन बे’ में ले जाया गया। यात्रियों को एक घंटे बाद विमान से उतरने की अनुमति दी गई, जब यह पुष्टि हो गई कि कोई खतरा नहीं है। मुंबई एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि प्रोटोकॉल के अनुसार, मुंबई एयरपोर्ट पर ‘एरोड्रोम कमेटी’ का गठन किया गया और पूरी आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी गई। इस दौरान स्थानीय पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और अन्य सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर रहीं।

DGCA, BCAS और CISF ने जांच शुरू की

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, एयरलाइन ने इस घटना की रिपोर्ट दी और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस फेक अलार्म की वजह क्या थी। यह पायलट की गलती थी या ATC ने संकेत को गलत पढ़ा, यह जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।”

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तकनीकी गड़बड़ी की आशंका

एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में पायलट या क्रू की कोई गलती सामने नहीं आई है। उन्होंने संभावना जताई कि यह किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण हुआ हो सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा, “इसकी सटीक वजह का पता जांच पूरी होने के बाद ही चल पाएगा।” इस घटना ने हवाई सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता खड़ी कर दी है। हालांकि यह एक झूठा अलार्म साबित हुआ, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने इसे गंभीरता से लेते हुए पूरे प्रोटोकॉल का पालन किया।

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