अमेरिका ने भारत की 4 कंपनियों पर लगा दी पाबंदी, ईरान से तेल डील के चक्कर में बड़ा ऐक्शन
- यह पहला मौका नहीं है, जब अमेरिका ने भारत की कंपनियों पर पाबंदी लगाई। इससे पहले अक्टूबर में अमेरिका ने भारत स्थित कंपनी गब्बारो शिप सर्विसेज पर भी पाबंदी लगाई थी। अगस्त और सितंबर में भी तीन अन्य कंपनियों पर अमेरिकी रोक लगी थी। अमेरिका कहना था कि इन कंपनियों ने रूस की एलएनजी का ट्रांसपोर्ट किया है।
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ईरान के साथ कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की डील करने पर अमेरिका ने भारत की 4 कंपनियों पर पाबंदियां लगाई हैं। ईरान के खिलाफ दबाव बढ़ाने की डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की नीति के तहत यह फैसला लिया गया है। अमेरिका के फॉरेन एसेट्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने यह फैसला लिया है। इसके तहत अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कई देशों के 30 लोगों और 4 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार जिन 4 भारतीय कंपनियों पर पाबंदियां लगाई गई हैं, उनमें से एक नवी मुंबई स्थित फ्लक्स मैरीटाइम एलएलपी है। इसके अलावा एनसीआर से चलने वाली बीएसएम मैरीन और ऑस्टिनशिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। तंजावुर स्थित कॉसमोस लाइंस पर भी अमेरिका ने रोक लगा दी है।
पहली तीन कंपनियों पर ईरान के तेल को ढोने वाले जहाजों का प्रबंधन संभालने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा कॉसमोस लाइंस को ईरानी तेल के ट्रांसपोर्ट में शामिल होने पर प्रतिबंधित किया गया है। अमेरिका की ओर से यूएई, हॉन्गकॉन्ग के ऑइल ब्रोकर्स पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं। इसके अलावा भारत और चीन के टैंकर ऑपरेटरों पर भी अमेरिका ने रोक लगाई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि ईरान को तेल से होने वाली कमाई का इस्तेमाल अतिवादी गतिविधियों में होता है। इसलिए उस पर ऐक्शन लेना जरूरी है। जिन जहाजों और उनसे जुड़ी कंपनियों पर पाबंदी लगाई गई है, उनके द्वारा कई मिलियन बैरल ईरानी तेल का ट्रांसपोर्टेशन किया गया था।
अमेरिका ने ईरान पर भी आरोपों की झड़ी लगाई है। अमेरिका ने कहा कि ईरान को जो कमाई होती है, उसका इस्तेमाल उसने वैश्विक सुरक्षा को खतरे में डालने के लिए किया है। उसने इस कमाई से परमाणु खतरा पैदा किया है। इसके अलावा बलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम भी आगे बढ़ाया है। यही नहीं ईरान ने आतंकी समूहों को भी मजबूत किया है। अमेरिका ने कहा कि हम उन संस्थाओं पर पाबंदी लगाई है, जिन्होंने ईरान के तेल का ट्रांसपोर्टेशन किया था। अमेरिकी सरकार के अनुसार एशियाई बाजार में ईरान का तेल बिका है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ईरान पर सख्ती बढ़ा दी है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ईरान की आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगाने की जरूरत है ताकि वह फंड जुटाकर आतंकवाद पर खर्च न कर सके।
यह पहला मौका नहीं है, जब अमेरिका ने भारत की कंपनियों पर इस तरह से पाबंदी लगाई है। इससे पहले अक्टूबर में अमेरिका ने भारत स्थित कंपनी गब्बारो शिप सर्विसेज पर भी पाबंदी लगाई थी। यही नहीं बीते साल ही अगस्त और सितंबर में भी तीन अन्य कंपनियों पर अमेरिकी रोक लगी थी। अमेरिका कहना था कि इन कंपनियों ने रूस की एलएनजी का ट्रांसपोर्ट किया है।