बेंगलुरु भगदड़: कौन हैं IPS अधिकारी बी दयानंद जिनके निलंबन पर मचा बवाल, समर्थन में उतरी BJP
बेंगलुरु में भगदड़ मामले में पुलिस कमिश्नर बी दयानंद को सस्पेंड कर दिया गया। आईपीएस अधिकारी के समर्थन में कई राजनीतिक दल भी उतर पड़े हैं।

आईपीएल में आरसीबी की जीत के बाद जश्न के दौरान बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार तुरंत हरकत में आ गई। सरकार ने बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी दयानंद को सस्पेंड कर दिया। हालांकि कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर कई राजनीतिक दलों समेत इंटरनेट पर भी लोग नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #IStandWithBDayanand के साथ टैग करके लोग उनका समर्थन कर रहे हैं। वहीं बीजेपी समेत कई पार्टियो ने भी कर्नाटक सरका के इस फैसले का विरोध किया है।
कर्नाटक सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए पुलिसकर्मी भी काला बैंड बांधक ड्यूटी पर आए। सूत्रों का यह भी कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने सरकार को सलाह दी थी कि जश्न का यह कार्यक्रम रविवार को रखा जाए। इससे लॉजिस्टिक प्रेशर भी कम हो जाएगा। हालांकि सरकार ने इस सलाह को नजरअंदाज कर दिया। रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी भास्कर राव ने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार घबराई हुई है और उसने आनन-फानन में यह एक्शन लिया है। उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक के इतिहास में पुलिस के लिए काला दिन है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए उपमुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार के हाथ खुन से रंगे हैं।
इंटरनेट पर भी लोग बी दयानंद के सपोर्ट में पोस्ट कर रहे हैं और उनकी बहाली की मांग कर रहे हैं। कई यूजर का कहना है कि सरकारी सेवा में वह आदर्श हैं। उन्होंने बेहद ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई है। बीजेपी और जनता दल (सेकयुलर) ने भी सोशल मीडिया पर बी दयानंद के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है। कर्नाटक बीजेपी ने कहा, कर्नाटक के इतिहास में पहली बार खूनी पुलिस अधिकारी को सजा दे रहे हैं। वहीं जेडीएस ने कहा कि उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि इस भगदड़ के लिए वही जिम्मेदार हैं।
कौन हैं आईपीएस बी दयानंद?
19 मार्च 1967 को जन्मे बी दयानंद कर्नाटक के ही रहने वाले हैं। 1995 में सिविल सर्विस की परीक्षा पास करने के बाद उन्हें आईपीएस नियुक्त किया गया था। इसके बाद कई जगहों पर उन्होंने सेवाएँ दीं। 30 मई 2023 को उन्हें बेंगलुरु को कमिश्नर ऑफ पुलिस बनाया गया।