मोदी सरकार के किस प्रस्ताव के खिलाफ एकजुट हुए पंजाब के सारे विधायक, बस भाजपा के दो विधायक अलग
- पंजाब विधानसभा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तीखी लड़ाई चल रही है। ऐसे में दोनों दलों के विधायकों का एक साथ आना दिलचस्प रहा। हालांकि भाजपा के दो विधायक अश्वनी शर्मा और जंगीलाल महाजन मौके पर नहीं थे। दोनों ही दो घंटे की डिबेट के दौरान विधानसभा में मौजूद नहीं रहे।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विधानसभा सत्र के दौरान केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित नेशनल एग्रिकल्चर पॉलिसी पर निशाना साधा। इस दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट नजर आए। सभी विधायकों ने एक सुर से ड्राफ्ट पॉलिसी की आलोचना की और ध्वनिमत से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। पंजाब विधानसभा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच तीखी लड़ाई चल रही है। ऐसे में दोनों दलों के विधायकों का एक साथ आना दिलचस्प रहा। हालांकि भाजपा के दो विधायक अश्वनी शर्मा और जंगीलाल महाजन मौके पर नहीं थे। दोनों ही दो घंटे की डिबेट के दौरान विधानसभा में मौजूद नहीं रहे।
आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से तैयार नेशनल पॉलिसी ऑन ऐग्रिकल्चर मार्केटिंग का ड्राफ्ट किसान विरोधी है। इसके अलावा यह राज्य सरकार के अधिकारों की भी तौहीन करता है। भगवंत मान ने कहा कि ऐसा ड्राफ्ट तैयार करना गलत है क्योंकि ऐग्रिकल्चर मार्केटिंग राज्य अनुसूची का विषय है। इस मामले में केंद्र सरकार दखल नहीं हो सकता। इसके बाद भी ऐसा ड्राफ्ट तैयार करना गलत है। हम इसकी पुरजोर निंदा करते हैं। आप सरकार के इस प्रस्ताव का कांग्रेस नेताओं ने भी समर्थन किया। इन नेताओं में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल थे। उन्होंने भी कहा कि हम ऐसे प्रस्ताव का विरोध करते हैं और राज्य सरकार के साथ हैं।
विधायकों ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है, वह निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा कि इससे ऐग्रिकल्चर उत्पादों की मार्केटिंग के मामले में निजी कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल सभी राज्यों में ऐग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी बनी हैं। यदि यह ड्राफ्ट मंजूर हो गया तो फिर सभी राज्यों के एपीएमसी अप्रासंगिक रह जाएंगे। गौरतलब है कि पंजाब में ही तीन कृषि कानूनों का भी प्रबल विरोध हुआ था। पंजाब, हरियाणा एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से ज्यादा समय तक डेरा डाले रखा था और अंत में पीएम नरेंद्र मोदी ने उन कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था।