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व्यापार-निवेश पर बनी बात, कतर में कैद 600 भारतीयों के भविष्य पर अभी भी सस्पेंस ब

  • पिछले साल दोहा में लगभग 18 महीने की कैद के बाद लौटे सात पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों ने खाड़ी देश में फंसे अंतिम भारतीय को वापस लाने की मांग की है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 18 Feb 2025 06:34 PM
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व्यापार-निवेश पर बनी बात, कतर में कैद 600 भारतीयों के भविष्य पर अभी भी सस्पेंस ब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी के बीच वार्ता में दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और लोगों से लोगों के संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-कतर संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि कतर में अभी भी 600 भारतीय बंद हैं। इसके अलावा, एक भारतीय नौसेना के अधिकारी भी कैद में हैं।

भारतीय नौसेना अधिकारी पर चल रही सुनवाई

कतर के अमीर दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंचे हैं। दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बारे में विदेश मंत्रालय के अधिकारी अरुण कुमार चटर्जी ने बताया कि नौसेना अधिकारी का मामला वहां की स्थानीय अदालतों में लंबित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अमीर और उनकी सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों के संरक्षण और कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। हालांकि विदेश मंत्रालय के सचिव ने सीधे तौर पर ये नहीं बताया कि क्या पीएम मोदी और कतर के अमीर के बीच भारतीय नौसेना के अधिकारी को लेकर कोई बातचीत हुई या नहीं।

इस बीच पिछले साल दोहा में लगभग 18 महीने की कैद के बाद लौटे सात पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों ने खाड़ी देश में फंसे अंतिम भारतीय को वापस लाने की मांग की है। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को सात पूर्व नौसेना अधिकारियों द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "हम अपने सहयोगी कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की कतर से वापसी को सुगम बनाने के लिए रचनात्मक विचार-विमर्श की उम्मीद कर रहे हैं। इससे कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को उनके परिवार, खास तौर पर उनकी बुजुर्ग मां से मिलने में मदद मिलेगी।"

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों की पीड़ा अगस्त 2022 में तब शुरू हुई जब कतर के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार किया। न तो भारत और न ही कतर ने उन अधिकारियों के खिलाफ सटीक आरोपों का खुलासा किया। वे सभी कतर सरकार को रक्षा और सुरक्षा से संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति करने वाली कंपनी डाहरा ग्लोबल में कार्यरत थे। इसके बाद, अक्टूबर 2023 में इन लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। विदेश मंत्रालय (MEA) ने मौत की सजा को "बेहद चौंकाने वाला" बताया था और बाद में पुनर्विचार की अपील की थी।

कतर ने इन लोगों को काउंसलर एक्सेस दिया और दिसंबर 2023 में, मौत की सजा को अलग-अलग समय के कारावास में बदल दिया गया। कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कतर दौरे से कुछ दिन पहले छोड़ दिए गए। आठवें व्यक्ति कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अभी भी दोहा में ही कैद हैं।

कतर की जेलों में 600 भारतीय बंदी, 2024 में 85 को मिली माफी

विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि कतर में वर्तमान में लगभग 600 भारतीय नागरिक जेल में हैं। सचिव ने बताया कि समय-समय पर कतर की सरकार द्वारा क्षमा याचना के तहत भारतीय कैदियों को रिहा किया जाता है। वर्ष 2024 में अब तक 85 भारतीयों को माफी दी जा चुकी है। दोनों देशों के बीच कैदियों के ट्रांसफर पर एक समझौता भी हुआ है, लेकिन इसे अभी कतर सरकार की स्वीकृति मिलनी बाकी है।

मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की दिशा में कदम

भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही है। भारत और कतर भी इस दिशा में संभावनाओं को तलाश रहे हैं। भारत और कतर ऊर्जा क्षेत्र में पहले से ही मजबूत साझेदार हैं। कतर भारत के लिए एलएनजी का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। फरवरी 2024 में कतर एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के बीच 20 वर्षों के लिए 7.5 मिलियन मीट्रिक टन एलएनजी आपूर्ति का समझौता हुआ था, जो 2028 से प्रभावी होगा। इस बैठक में ऊर्जा साझेदारी को और मजबूत करने और संभावित निवेश के अवसरों को तलाशने पर भी चर्चा हुई।

व्यापार और निवेश में नया लक्ष्य

वर्तमान में भारत और कतर के बीच वार्षिक व्यापार लगभग 14 अरब डॉलर का है। दोनों देशों ने अगले 5 वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। कतर का सॉवरेन वेल्थ फंड, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (QIA), भारत में लगभग 1.5 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) कर चुका है और आगे इसमें वृद्धि की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। कतर से आए व्यापार प्रतिनिधियों और भारतीय उद्योगपतियों के बीच भी बैठकें हुईं, जिनमें आपसी सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा हुई।

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कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जासिम अल सानी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समझौते का आदान-प्रदान किया। हैदराबाद हाउस में आयोजित समारोह में घोषणा की गई कि भारत और कतर के बीच दोहरे कराधान से बचने और आय पर करों के संबंध में राजकोषीय चोरी की रोकथाम के लिए एक संशोधित समझौते का भी आदान-प्रदान किया गया। कतर के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समझौते का आदान-प्रदान किया।

अमीर का भव्य स्वागत

कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी का भारत में भव्य स्वागत किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी ने उनका राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया। अमीर के साथ कतर के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और शीर्ष व्यापारिक प्रतिनिधि भी इस यात्रा में शामिल थे। राष्ट्रपति मुर्मू ने उनके सम्मान में एक औपचारिक रात्रिभोज का भी आयोजन किया।

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