एमपी के कूनों उद्यान में 5 चीते और छोड़े गए; नेशनल पार्क में कुल संख्या 12 हुई
- पिछले चीतों की सफ़लता के बाद जनवरी 2024 में भारत में जन्मी ज्वाला और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़ दिया गया। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
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मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में पांच चीतों को छोड़ा गया है। पांच चीतों में ज्वाला और उसके चार शावक शामिल हैं। इस तरह उद्यान में कुल चीतों की संख्या 12 हो गई है। एक वन अधिकारी ने बताया कि पिछले चीतों की सफ़लता के बाद जनवरी 2024 में भारत में जन्मी ज्वाला और उसके चार शावकों को जंगल में छोड़ दिया गया। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।
शुक्रवार को अहेरा पर्यटन क्षेत्र के खजूरी जंगल में यह रिहाई पिछले दो महीनों में सात चीतों की सफल रिहाई के बाद हुई है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 5 भी फरवरी को कुनो नेशनल पार्क का दौरा किया था। इस दौरे में उन्होंने पाँच चीतों को छोड़ा था, जिनमें भारत में जन्मे तीन शावक भी शामिल थे।
कुनो नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा ने बताया कि वन विभाग ने बताया है कि ये शावक 13 महीने के हैं और एक साथ शिकार करते हैं। चूँकि वे भारतीय धरती पर पैदा हुए हैं, इसलिए उन्हें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। लगभग 15 दिन पहले जंगल में छोड़े गए तीन शावक पहले से ही एक साथ शिकार करते देखे गए हैं और अपना अधिकांश समय एक साथ बिताते हैं। चीतों के पहले अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण की सफलता के लिए इन सात शावकों का जीवित रहना महत्वपूर्ण है,"
दिसंबर में जंगल में छोड़े गए दो चीते अग्नि और वायु इस इलाके की खोज कर रहे हैं और मध्य प्रदेश के बड़े हिस्से में घूम रहे हैं। फिलहाल 14 चीते एक बाड़े में रखे गए हैं और जल्द ही उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा। वन विभाग कुनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों को गांधी सागर में स्थानांतरित करने पर विचार कर रहा है, हालांकि अंतिम निर्णय टास्क फोर्स द्वारा लिया जाएगा, एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने कहा।
एक अधिकारी के अनुसार, 2022 और 2023 में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीतों को भारत लाया गया था। इस बीच, मंदसौर में गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में बाड़ लगाने और अन्य बुनियादी ढांचे का काम पूरा होने वाला है, जो चीतों का एक और आवास है।
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