Jharkhand Government Initiates Urban Self-Help Groups for Poor Women Empowerment शहरी गरीब महिलाओं की उन्नति पर भी सरकार का फोकस, Ranchi Hindi News - Hindustan
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शहरी गरीब महिलाओं की उन्नति पर भी सरकार का फोकस

शहरी स्वयं सहायता समूह की चर्चा, अबुआ सरकार की एक पहल पर कार्यक्रम का होगा आयोजन, स्वयं सहायता समूह की 500 प्रतिभागियों की रहेगी उपस्थिति, मंत्री से म

Newswrap हिन्दुस्तान, रांचीTue, 29 April 2025 11:29 PM
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शहरी गरीब महिलाओं की उन्नति पर भी सरकार का फोकस

रांची, हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य के सभी ग्रामीण महिलाओं के बाद अब शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में रह रही गरीब महिलाओं की उन्नति को लेकर हेमंत सोरेन सरकार एक बड़ी पहल करने जा रही है। नगर विकास विभाग ने निर्णय लिया है कि इन शहरी गरीबों के लिए जल्द ही 'शहरी स्वयं सहायता समूह के साथ परिचर्चा' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम के आयोजन को लेकर नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार से अनुमोदन मिल चुका है। कार्यक्रम की जो रूपरेखा प्रस्तावित की गई है, उसके मुताबिक इसका नाम 'शहरी स्वयं सहायता समूह की चर्चा, अबुआ सरकार की एक पहल' रखा गया है। यह कार्यक्रम रांची के शौर्य ऑडिटोरियम डोरंडा या कार्निवल बैंक्वेट हॉल में करना प्रस्तावित है। इस दौरान स्वयं सहायता समूह की 500 प्रतिभागियों की उपस्थिति रहने का प्रस्ताव है।

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शहरी महिलाओं के एसएचजी से जुड़ने के निम्न होंगे फायदें

राज्य सरकार का मानना है कि सभी शहरी गरीब महिलाओं को एसएचजी समूह से जुड़ना चाहिए। इससे महिलाएं अपनी आजीविका को बढ़ा सकती है। सामाजिक काम करने को लेकर भी इससे जुड़ना चाहिए। समूह से जुड़ने के बाद राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। इसके अलावा समूह से जुड़ने से शहरी गरीब महिलाओं को कौशल विकास, सिलाई-कढ़ाई के साथ अन्य प्रशिक्षण, व्यवसाय करने के लिए बैंक से लोन भी मिल सकेगा।

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क्रेडिट लिंकेज से ग्रामीण महिलाओं को मिली है गति

बता दें कि हेमंत सरकार का मुख्य जोर शहरी और ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर है। इससे पहले राज्य की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक मोर्चों पर सशक्त बनाने के लिए क्रेडिट लिंकेज को गति दी जा रही है। सरकार का दावा है कि राज्य में अब तक 2.91 लाख समूहों का गठन हो चुका है, जिसमें वर्ष 2019 से अब तक 53,293 से ज्यादा समूह बने हैं एवं क्रेडिट लिंकेज में 14,204 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, जो वर्ष 2019 दिसंबर से पूर्व 545.30 करोड़ रुपये था। सरकार का यह भी दावा है कि स्वयं सहायता समूहों को बैंकों के साथ क्रेडिट लिंकेज सुनिश्चित कराने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, क्योंकि एसएचजी सदस्यों को सरल शर्तों पर ऋण सुविधाएं मिल रही हैं। इससे पहले ग्रामीण और शहरी महिलाओं के उत्थान और उनके आर्थिक स्वावलंबन को लेकर राज्य सरकार मंईयां सम्मान योजना चला रही है। 

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