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बोले रांचीः कुरैशी मुहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

  • कांटाटोली स्थित जमीयतुल कुरैश पंचायत के लोगों ने कहा कि वे बुनियादी सुविधाओं की कमी झेल रहे हैं। बेरोजगारी इस कदर है कि लोग बच्चों को स्कूल भेजने में सक्षम नहीं हैं। सड़क बदहाल है। अतिक्रमण के कारण रोजमर्रा के जीवन में परेशानी झेलनी पड़ती है। मोहल्ले में गंदगी भी है।

Hindustan हिन्दुस्तान टीमMon, 17 Feb 2025 07:45 PM
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बोले रांचीः कुरैशी मुहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

रांची, संवाददाता। कांटाटोली स्थित जमीयतुल कुरैश पंचायत के लोगों ने हिन्दुस्तान के बोले रांची कार्यक्रम में अपनी पीड़ा सुनाई। कहा कि हमलोग बुनियादी सुविधाओं की कमी झेल रहे हैं। बेरोजगारी इस कदर हो गई है कि लोग बच्चों को स्कूल भेजने में सक्षम नहीं हैं। मोहल्ले की सड़क बदहाल है। अतिक्रमण के कारण रोजमर्रा के जीवन में परेशानी झेलनी पड़ती है। मोहल्ले में गंदगी का अंबार है। लोगों का कहना है कि निगम की टीम आती तो है पर नियमित नहीं आने से साफ-सफाई नहीं होती। स्ट्रीट लाइट खराब है, लेकिन बनाने की कार्रवाई नहीं होती।

कुरैशी समाज का दर्द है कि उनके पास न रोजगार है न बच्चों को पढ़ाने के लिए फीस। मजबूरी में बच्चों की शिक्षा बंद करानी पड़ रही है। समाज के लोगों का कहना है कि पुस्तैनी रोजगार बंद होने के कारण उनका रोजगार छीन गया। सरकार से कई बार इस मामले में गुहार लगाई गई, लेकिन समाधान नहीं हो पाया।

उन्होंने कहा कि समाज की तकलीफ इस बात से भी है कि कांटाटोली के जमीयतुल कुरैश पंचायत में साफ-सफाई से लेकर बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। उनकी उपेक्षा हो रही है। नगर निगम से भी उनकी शिकायत है। निगम की सफाई टीम रोजाना नहीं आती। मोहल्ले की स्ट्रीट लाइट खराब है, लेकिन कोई बनवाने की पहल नहीं कर रहा है।

हिंदुस्तान अखबार के बोले रांची संवाद में झारखंड प्रदेश जमीयतुल कुरैश के प्रदेश अध्यक्ष मुजीब कुरैशी ने कहा कि जब हमारा रोजगार बंद हुआ तो पलायन बढ़ा। लोग अपने घर-मोहल्ला छोड़कर दूसरी जगह चले गए। कुछ लोग हैं, जिनमें कोई ई-रिक्शा चला रहा है, तो कोई इलेक्ट्रिक, रंग-पुताई का काम कर रहा है। कपड़े और जूते की दुकानों पर काम करने की मजबूरी है। मुख्य रोजगार बंद होने से मोहल्ले की दुकानों का बाजार भी प्रभावित हुआ, जिस कारण कई लोगों ने दुकानें बंद कर दीं हैं।

परिवार पर बढ़ता जा रहा कर्ज का बोझ

जमीयतुल कुरैश पंचायत के कई घर टूटे-फूटे हैं, लेकिन उसके बनवाने के लिए लोगों के पास पैसे नहीं हैं। लोगों ने कहा कि उनकी उपर कई प्रकार के कर्ज हो गए है। जो कमाते हैं, उससे परिवार पालना भी मुश्किल है, तो घरों की मरम्मत कैसे करवाएं। अभी तो कर्ज भरना ही मुश्किल है।

मोहल्लेवासियों ने बताया कि यहां तीन पानी की टंकी है, जिससे पूरे मुहल्ले को पानी मिलता है, लेकिन नल में सप्लाई पानी साफ नहीं आता। स्लाटर हाउस के पास कुआं भी था, जिसे कचरा डाल कर भर दिया गया। लोगों ने कहा कि करीब डेढ़ सौ साल पुराने इस मोहल्ले में सामुदायिक शौचालय जर्जर है। नगर निगम को लिखकर दिया गया है। निगम से टीम आकर निरीक्षण भी की, लेकिन अभी तक शौचालय बना नहीं है। खासकर शादी विवाह, रमजान महीने के समय बहुत दिक्कत होती है।

जमीयतुल कुरैश पंचायत के महासचिव परवेज कुरैशी ने कहा कि मोहल्ले के लोगों के पास रोजगार नहीं है। ऐसे में सबसे बड़ा प्रभाव आनेवाली पीढ़ी पर पड़ रहा है। उनकी पढ़ाई छूट रही है। मोहल्ले में कुरैश समाज द्वारा संचालित अल कुरैश तालीमी मिशन स्कूल है, जो यू डाइज से संचालित है। यहां पांचवीं तक की शिक्षा मिल रही है। वर्तमान में 200 विद्यार्थी नामांकित हैं, लेकिन इसका भवन जर्जर है। समाज के पास पैसा नहीं है। कुछ साल पहले राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया था, लेकिन अभी भी कुछ हिस्सा सही नहीं है। बेंच-डेस्क की जरूरत है, इसकी मांग लगातार की जा रही है, लेकिन कभी सुनवाई नहीं होती। कुरैशी समाज के लोगों का कहना है कि जब स्लाटर हाउस बंद किया गया तो सबसे अधिक नुकसान इसी समाज को हुआ। लेकिन, इसके बाद सरकार ने रोजगार बहाल करने का प्रयास नहीं किया। कम से कम इस मोहल्ले में एक सरकारी स्कूल होना चाहिए, जहां मोहल्ले के बच्चे उच्च शिक्षा ग्रहण कर सकें। स्थानीय लोगों ने कहा कि कुरैशी बिरादरी जहां भी रहेंगे, एक जगह ही रहेंगे, इसलिए एक जगह इनकी तादाद 100 से अधिक होती है। जमीयतुल कुरैश पंचायत में 700 से अधिक की आबादी है। वहां के लोग बुनयिादी सुविधाओं के आभाव में जीवन यापन करने में परेशानी हो रही है। उन्होने सरकार से बुनियादी सुविधाएं बहाल करने की मांग की।

स्कूल भवन जर्जर, उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं

मोहल्ले के स्थानीयों ने बताया कि यहां पर अल कुरैश तालीमी मिशन स्कूल का संचालन जमैतुल कुरैश पंचायत के अंतर्गत है। इसका संचालन यू डाइज से होता है। यहां पांचवीं तक की शिक्षा मिल रही है। वर्तमान में 200 विद्यार्थी नामांकित हैं, लेकिन इसका भवन जर्जर है। इस स्कूल में उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण परेशानी होती है। सरकार की ओर से इस स्कूल को सहायता प्राप्त नहीं है।

यहां के बच्चों को सरकार से मदद मिलनी चाहिए। उन्हें मुफ्त में किताब, कॉपी, ड्रेस समेत मिड डे मिल की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही उच्च विद्यालय के लिए भी सरकार को मदद करनी चाहिए, जिससे इस समाज से बच्चे शिक्षित हो सकें।

जमीयतुल कुरैश पंचायत के लोगों ने बताया कुछ साल पहले राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी द्वारा इसका जीर्णोद्धार कराया गया था, लेकिन अभी भी कुछ हिस्सा सही नहीं है। बेंच-डेस्क की जरूरत है, इसकी मांग लगातार की जा रही है, लेकिन सुनवाई नहीं होती। लोगों ने कहा की इस मोहल्ले में शिक्षा के लिए काम करने की आवश्यकता है, जिससे आने वाला भविष्य उज्जवल हो सके। उन्हें पढ़ाई वाले माहौल में ढालने का प्रयास करना चाहिए।

सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की आवश्यकता

कांटाटोली स्थित जमीयतुल कुरैश पंचायत के लोगों ने सरकारी मोहल्ला क्लिनिक खोलने की मांग की। उन्होंने कहा कि यहां पर 700 से अधिक लोग रहते हैं, लेकिन यहां पर एक भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। स्वास्थ केंद्र से यहां के लोगों को किफायती दर पर इलाज हो पाएगा। स्वास्थ्य केंद्र के साथ दवा भी नि:शुल्क दी जाए।

मोहल्ले की नियमित नहीं होती सफाई

कुरैशी मोहल्ले में गंदगी का अंबार लगा है। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि नगर निगम के सफाईकर्मी 10 दिन में आते हैं और घूमकर चले जाते हैं। यहां की नालियों की सफाई भी सालों से नहीं हुई है। इस कारण यहां का ड्रेनेज भी प्रभावित है। बारिश के समय नाली का पानी सड़क पर आ जाता है। लोगों को काफी परेशानी होती है।

पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी

जमीयतुल कुरैश पंचायत में सप्लाई पानी साफ नहीं आता है। उसमें गंदगी रहती है और उसे बदबू आती है। वो पानी पीने योग्य नहीं है। यहां पर तीन सरकारी पानी की टंकी लगी है, जिसपर पूरा मोहल्ला निर्भर है। इस मोहल्ले के घरों को हर घर नल योजना से जोड़ने की आवश्यकता है, जिससे यहां पर पानी की समस्या दूर हो सके।

सामुदायिक शौचालय बना खंडहर

समाज के लोगों ने कहा कि जमीयतुल कुरैश पंचायत में मौजूद सामुदायिक शौचालय खंडहर बन चुका है। शौचालय के नाम पर केवल ढांचा बचा हुआ है। बाहर के दरवाजे टूट गए हैं और अंदर के दरवाजों में जंग लग गया है। वहां लगे सभी टाइल्स मार्बल टूट चुके हैं। वहां लगे नल गायब हैं। पानी के लगे पाइप भी कई जगह से टूटे हुए हैं। लोगों ने कहा कि नगर निगम को इस मामले से अवगत कराया गया है। निगम से टीम आकर निरीक्षण भी की, लेकिन अभी तक शौचालय नहीं बना है। खासकर शादी विवाह, रमजान महीने के समय बहुत दिक्कत होती है। इस सामुदायिक शौचालय को मरम्मत करने की आवश्यकता है।

समस्याएं

1. कुरैशी समाज के लोगों का पारंपरिक रोजगार छीन चुका है, जिससे संकट है।

2. कुरैशी मुहल्ले में बने सामुदायिक शौचालय की स्थिति दयनीय है।

3. पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है, सप्लाई पानी में गंदगी रहती है।

4. मोहल्ले में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नहीं, जिससे बीमार लोगों को परेशानी।

5. कुरैशी मुहल्ले की सड़क पर अतिक्रमण है, मोहल्ले में गंदगी का अंबार लगा है।

सुझाव

1. झारखंड सरकार को समाज के लोगों को रोजगार मुहैया कराना चाहिए।

2. कुरैशी मुहल्ले में मौजूद सामुदायिक शौचालय की मरम्मत निगम कराए।

3. साफ पीने के पानी के लिए मोहल्ले के हर घर को नल जल योजना से जोड़ा जाए।

4. मोहल्ले में सरकारी मोहल्ला क्लिनिक खोला जाए, जिसमें दवा भी उपलब्ध हो।

5. सड़क से अतिक्रमण हटाया जाए और मोहल्ले की नियमित सफाई हो।

::: बोले लोग :::

कुरैशी समाज का पुस्तैनी काम बंद हो गया। इस कारण यहां पर रोजगार नहीं है। लोग मजदूरी करने को मजबूर हैं। बच्चों को पढ़ने और घर चलाने में भी परेशानी हो रही है। मोहल्ले में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था हो जहां दवा भी मिले। इससे मुहल्ले के लोगों को लाभ मिलेगा।

-गुलाम गौश कुरैशी, सदर, कांटाटोली जमीयतुल कुरैश पंचायत

इस समाज के लोगों की स्थिति दयनीय हो गई है। कांटाटोली के कुरैशी मुहल्ले में पीने के पानी की भी स्थिति अच्छी नहीं है। सप्लाई पानी गंदा आता है। इस क्षेत्र में तीन सरकारी बोरिंग टंकी लगवाए गए हैं। इसके भरोसे 700 लोग हैं। गर्मी के दिनों में यहां पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है।

-मुजीन कुरैशी, अध्यक्ष, झारखंड स्टेट जमीयतुल कुरैश

कुरैशी मुहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का आभाव है। पानी से लेकर शौचालय तक की समस्या है। सामुदायिक शौचालय की हालत खराब है। इसकी मरम्मत करवानी चाहिए।

-तजमुल कुरैशी

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है। समाज के युवा बेरोजगार हो गए हैं। आगे की पढ़ाई करने के लिए पैसे भी नहीं हैं। यहां सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नहीं है।

-कमराम कुरैशी

सामुदायिक शौचालय की स्थिति बदतर है। शौचालय के नाम पर केवल ढांचा है। बाहर के दरवाजे से लेकर बाथरूम के दरवाजे टूटे हुए हैं। वहां लगे नल भी असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिए हैं।

-मो मुजफ्फर कुरैशी

रोजगार की व्यवस्था समाप्त हो गई है। भाड़े का ऑटो चलाने को मजबूर हैं। इस मोहल्ले में सड़क पर अतिक्रमण बहुत है। इस कारण हर समय जाम की स्थिति लगी रहती है।

-मोइविद्दीन कुरैशी

इस समाज के लिए शिक्षा के क्षेत्र में सरकार को सहयोग करने की आवश्यकता है। वर्तमान में इस मोहल्ले में जो स्कूल संचालित है, वहां पांचवीं तक ही पढ़ाई होती है।

-परवेज कुरैशी

जमीयतुल कुरैश पंचायत में सड़क पर बहुत अतिक्रमण है। इससे जाम की स्थिति रहती है। नगर निगम 10 दिन में एक बार कचड़े का उठाव करती है, इस क्षेत्र में गंदगी का अंबार रहता है।

-शहजाद अंसारी

यहां के बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए यहां पर अच्छी सरकारी शिक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। यहां मौजूद स्कूल के बच्चों को कॉपी, किताब और पढ़ाई वाली सामग्री उपलब्ध करवाई जाए।

-मो शमी उल्ला कुरैशी

भाड़े का ऑटो चलते हैं। अच्छी कमाई नहीं होने के कारण 1.5 लाख रुपए का कर्ज हो गया है। मोहल्ले में पानी की भी व्यवस्था नहीं है, इसे भी दुरुस्त करनी चाहिए, जिससे राहत मिले।

-गुलाम जफर

बाजार में पान की दुकान लगाते थे, लेकिन बाजार खत्म होने के कारण अब रोजी-रोटी पर भी आफत हो गया है। सरकार को रोजगार की व्यवस्था करनी चाहिए।

-आजाद कुरैशी

इस मोहल्ले में 700 से अधिक लोगों की संख्या है, लेकिन यहां पर एक भी मोहल्ला क्लिनिक नहीं है। इस मोहल्ले में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।

-जावेद कुरैशी

जमीयतुल कुरैश पंचायत में नगर निगम के लोग नालियों की सफाई नहीं कर रहे हैं। सफाई नहीं होने से इस क्षेत्र में बदबू फैली रहती है, बीमारी फैलने का भी डर बना रहता है।

-अरशद कुरैशी

झारखंड में कुरैशी समाज की लगभग 5 लाख की आबादी है। इनके मूल रोजगार को समाप्त कर दिया गया है। इस क्षेत्र में सरकारी स्कूल की व्यवस्था भी नहीं है।

-गुलाम जावेद, मीडिया प्रभारी,जमीयतुल कुरैश पंचायत

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