सर्टिफिकेस केस पर बैंक मैनेजरों को प्रशासन ने चेताया
पूर्वी सिंहभूम के सभी बैंक मैनेजरों को चेतावनी दी गई है कि वे नीलाम पत्र वाद में रुचि लें, अन्यथा उनके केस बंद कर दिए जाएंगे। एडीसी भगीरथ प्रसाद ने बैठक में बताया कि 15 हजार से अधिक मामले अदालत में...

पूर्वी सिंहभूम के सभी बैंक मैनेजरों को चेतावनी दी गई है कि वे नीलाम पत्र वाद अर्थात सर्टिफिकेट केस में रुचि लें, अन्यथा उनके केस बंद कर दिए जाएंगे। पूर्वी सिंहभूम जिले के अपर उपायुक्त (एडीसी) सह नीलाम पत्र वाद शाखा के वरीय प्रभारी भगीरथ प्रसाद ने बैंक मैनेजरों को यह चेतावनी सोमवार को आयोजित समीक्षा बैठक में दी। एडीसी ने यह चेतावनी ऋण लेने वालों की उस फरियाद के आलोक में दिया है, जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि कर्ज की राशि चुकाने या सेटलमेंट के बावजूद बैंक उन्हें एनओसी नहीं दे रहे और केस जारी है। उल्लेखनीय है कि जिले में करीब 15 हजार से अधिक नीलामपत्र वाद के केस दायर हैं।
ये केस कुल 28 सर्टिफिकेट अफसरों की कोर्ट में चल रहे हैं। और इन मामलों में 575 करोड़ रुपये से अधिक की राशि फंसी है। इनमें से पांच हजार आठ सौ से अधिक मामले बिजली विभाग के हैं, जिनमें 218 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सन्निहित है। हालांकि शेष राशि बैंकों की ही हैं। एडीसी ने बैंक मैनेजरों और उनके वरीय अधिकारियों से कहा कि वे केस की नियमित समीक्षा किया करें। उन्होंने सर्टिफिकेट केस के पारा नौ और 10 का मिलान करने के लिए भी कहा है। ऐसा होने से सर्टिफिकेट अफसर को यह जानकारी हो जाएगी कि कितने मामलों में ऋण बकाया है और कितने में चुकता कर दिया गया है। ऐसे केस को समाप्त किया जा सकेगा। वर्षों से ये मामले चल रहे हैं। इसमें बैंक अधिकारियों के अलावा थाना प्रभारियों की भी लापरवाही की बातें चर्चा में रही है। पिछले दिनों उपायुक्त ने धालभूम की अनुमंडलाधिकारी शताब्दी मजूमदार को सभी सर्टिफिकेट केस की नोडल अधिकारी बनाया था। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि अधिकांश मामले जमशेदपुर के हैं और अनुमंडल पदाधिकारी सभी थाना प्रभारियों के सीधे संपर्क में रहती हैं।
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