ये काम करवाए केंद्र सरकार, तभी समझेंगे कश्मीर की स्थिति में हुआ सुधार; CM अब्दुल्ला की गजब दलील
अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय राजधानी में पर्यटन संबंधी एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनका यह मानना है कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के बजाय ‘मूल्य आधारित पर्यटन’ पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को केंद्रशासित प्रदेश की यात्रा न करने के लिए जो परामर्श जारी किए हैं, विदेश मंत्रालय को उन्हें वापस लेने के लिए उन देशों पर कूटनीतिक दबाव डालना चाहिए। अब्दुल्ला ने कहा कि यही सबसे बड़ा सबूत होगा कि क्षेत्र में स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार, विशेषकर विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर उन देशों पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिन्होंने ‘‘बहुत सख्त’’ यात्रा परामर्श जारी किए हैं। अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश सरकार में पर्यटन विभाग भी संभाल रहे हैं।
अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय राजधानी में पर्यटन संबंधी एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि उनका यह मानना है कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के बजाय ‘‘मूल्य आधारित पर्यटन’’ पर जोर दिए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सबसे पहले हम जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के आगमन के संदर्भ में जो कुछ भी हुआ है, उसके आलोक में पर्यटन नीति की समीक्षा करेंगे। जैसा कि मैंने पहले कहा कि जम्मू-कश्मीर को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है और क्या इसका मतलब यह है कि हमें पूरी तरह से नयी पर्यटन नीति की आवश्यकता है या हमारे पास पहले से मौजूद पर्यटन नीति में थोड़ा बदलाव करने की आवश्यकता है।’’
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को विश्वास दिलाना होगा: CM
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कह रही है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति अब पूरी तरह से सामान्य है लेकिन यह इसी बात पर निर्भर करेगा कि पश्चिमी देश जम्मू-कश्मीर से नकारात्मक यात्रा परामर्श हटाते हैं या नहीं। अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह विश्वास दिलाना होगा कि जम्मू-कश्मीर सामान्य है और हमें यह बताने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि हम देख रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर कैसा है।’’ अब्दुल्ला ने साथ ही कहा कि उन्हें संदेह है कि ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में बैठे लोग भारतीय समाचार पत्र पढ़ेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय को अपनी कूटनीतिक ताकत का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इन यात्रा परामर्श के (लहजे में सख्ती को) कम किया जा सके। मुझे लगता है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जाने वाला सबसे बड़ा सबूत होगा कि जम्मू कश्मीर में बेहतरी के लिए बदलाव आया है।’’
1989 से पहले कश्मीर हजारों विदेशी पर्यटक आते थे
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक सरकार ही यह कह रही है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इसे स्वीकार करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आने वाले सभी विदेशी पर्यटकों के लिए किसी न किसी प्रकार का पहचान पत्र दिखाने की अनिवार्यता कोई नयी बात नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा कि 1989 से पहले कश्मीर में ‘‘कई हजारों विदेशी पर्यटक’’ आते थे। उन्होंने कहा कि पंजीकरण तब कोई बाधा नहीं था और अब भी कोई बाधा नहीं होगा। अब्दुल्ला ने कहा कि विदेशी पर्यटकों को पंजीकरण नहीं रोक रहा बल्कि यात्रा परामर्श बाधा है जिसके कारण उनका बीमा अमान्य हो जाता है।
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