ऐसे नारे लगेंगे तो नहीं चाहिए राज्य का दर्जा; जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामे से भड़की BJP
- Jammu and Kashmir Assembly: जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अगर राज्य में कहीं अलगाववाद और आतंकवाद की जड़े मौजूद हैं तो उन्हें पूरी तरह से खत्म होना चाहिए तभी राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हुए हंगामे की वजह से राज्य की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस पर सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा को चरमपंथी विचारधारा के मंच में बदलने के किसी भी प्रयास को स्वीकार नहीं किया जाएगा और अगर विधानसभा में ऐसे ही नारे लगाए जाने हैं तो अभी क्षेत्र के राज्य का दर्जा भी बहाल नहीं किया जाना चाहिए।
भाजपा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता पक्ष ने पिछले तीन दिनों से सदन की कार्यवाही को बाधित किया है। जम्मू-कश्मीर के लोगों इच्छाओं और अकांक्षाओं की परवाह किए बिना उन्होंने सदन में गतिरोध पैदा करने में इतिहास रच दिया है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने सदन में लगे नारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर क्षेत्र में कहीं अलगाववाद या आतंकवाद की कोई जड़ें बची हैं तो हम चाहते हैं कि उन्हें भी पूरी तरह से उखाड़ दिया जाए और उसके बाद ही राज्य का दर्जा बहाल किया जाए उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा में कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा दे रही है।
मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने कहा,"हम किसी भी कीमत पर राज्य का दर्जा बहाल करने के पक्ष में नहीं हैं। अगर राज्य का दर्जा बहाल करने का मतलब यह है कि फिर से ऐसा माहौल बने जहां नेकां के वरिष्ठ नेता पाकिस्तान से बातचीत की बात करें और ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’ जैसे नारे लगाए जाएं, तो हम इसके पक्ष में नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह जामा मस्जिद नहीं है, जहां इस तरह के धार्मिक नारे लगाए जाएं। यह विधानसभा है, जहां लोगों के मुद्दों पर चर्चा होती है और समाधान ढूंढे जाते हैं। लोगों को अपने प्रतिनिधियों से जो उम्मीदें होती हैं, वो यहां पूरी होती हैं।’’
आपको बता दें कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने ‘‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’’ का धार्मिक नारा लगाया था। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ था और कई विधायक हाथापाई पर उतर आए थे।