पहले उपनिवेश फिर संसाधनों पर कब्जा, जेलेंस्की ने भांप लिया था ट्रंप का इरादा; यूं ही नहीं ठुकराया प्रस्ताव
जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप की योजना यूक्रेन को एक उपनिवेश में बदल देगी। इसके बाद यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर उनका कब्जा हो जाएगा और किसी भी फैसले के लिए यूक्रेन को US से इजाजत लेनी पड़ेगी।
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दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पहले संबोधन में ही डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक शांति के दूत के रूप में खुद को पहचाने जाने की इच्छा जता दी थी। लिहाजा, वह तीन सालों से चल रहे यूक्रेन-रूस जंग को खत्म कराने की ओर ताबड़तोड़ कदम उठा रहे हैं। पहले जर्मनी के म्यूनिख में अपने उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स को यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से बात करने को कहा और अब विदेश मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और मिडिल-ईस्ट के प्रभारी को सऊदी अरब के शहर रियाद भेजा है, जहां रूसी विदेश मंत्री और अन्य राजनयिकों से युद्ध खत्म करने पर चर्चा होने के आसार हैं।
इस बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वह शांति स्थापना के लिए अगर जरूरी हुआ तो जेलेंस्की से बात करने को तैयार हैं लेकिन जेलेंस्की अमेरिकी प्रस्ताव से पीछे हट गए हैं। उन्होंने कहा है कि वह ऐसी कोई भी बात नहीं मानेंगे जो उनकी मौजूदगी के बिना की गई हो। जेलेंस्की के दो बड़े कदम से अमेरिकी कोशिशों को झटका लगा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि दो साल से जो यूक्रेन अमेरिकी मदद और हथियारों के बल पर रूस से लोहा ले रहा था, वह अब बदले अमेरिकी शासन की बात मानने से इनकार क्यों कर रहा है। इसके पीछे ट्रंप प्रशासन की छिपी मंशा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति का आरोप है कि अमेरिका शांति समझौते की आड़ में कुछ ऐसी शर्तें मनवाना चाह रहा है जो उनके देश को अमेरिका का उपनिवेश बनाने वाला है।
जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी सरकार की योजना यूक्रेन को एक उपनिवेश में बदल देगी। इसके बाद यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों पर अमेरिका का कब्जा हो जाएगा और किसी भी फैसले के लिए यूक्रेन को अमेरिका से इजाजत लेनी पड़ेगी। यानी यूक्रेन से जुड़े हरेक मुद्दे पर फैसला लेने का अधिकार अमेरिका का हो जाएगा। जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक अमेरिका की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित समझौते पर हस्ताक्षर न करें, क्योंकि यह प्रस्ताव अमेरिकी हितों पर अत्यधिक केंद्रित है। इस महीने की शुरुआत में ट्रंप ने कहा था कि रूस के साथ युद्ध में यूक्रेन के सहायता उपलब्ध कराने के लिए उनके पास एक योजना है।
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समझौते को अस्वीकार करने के जेलेंस्की के निर्णय को फिलहाल के लिए ‘‘अदूरदर्शी’’ कदम बताया है। जेलेंस्की ने शनिवार को म्यूनिख में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘मैंने मंत्रियों को संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करने का निर्देश दिया क्योंकि मेरे विचार में यह हमारी, हमारे हितों की रक्षा करने के लिए नहीं है।’’ यूक्रेन के वर्तमान और पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर बताया कि प्रस्ताव में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि अमेरिका बाइडन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दी गई सहायता के बदले ‘‘मुआवजे के रूप में’’ और भविष्य की सहायता के भुगतान के रूप में कीव के दुर्लभ खनिजों का किस तरह उपयोग कर सकता है।
यूक्रेन में यूरेनियम, टाइटेनियम,लिथियम, ग्रेफाइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के विशाल भंडार हैं जिनका उपयोग एयरोस्पेस, रक्षा और परमाणु उद्योगों में किया जाता है। ट्रंप प्रशासन ने संकेत दिया है कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए यूक्रेन के खनिजों में उसकी रुचि है। व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने स्पष्ट रूप से इस प्रस्ताव के बारे में कुछ नहीं बताया, लेकिन एक बयान में कहा कि ‘‘ट्रंप प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दिए गए उत्कृष्ट अवसर के बारे में राष्ट्रपति जेलेंस्की का रुख अदूरदर्शी है।’’ (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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