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इजरायल की कैद से छूटे तो विक्ट्री साइन दिखाने लगे कैदी, लहराए हमास और हिजबुल्ला के झंडे; मना जश्न

  • इजरायल की कैद से छूटे 90 लोगों को लेकर बसें रामलल्हा से तीन किलोमीटर दूर स्थित बेतुनिया कस्बे में पहुंचीं तो जश्न मनने लगा। हजारों की संख्या में जुटे फिलिस्तीनियों ने बसों को घेर लिया और नारे लगाते दिखे। वहीं कुछ उत्साही लोग बसों पर ही झंडे लेकर चढ़ गए। हमास ने इजरायल के तीन बंधकों को छोड़ा था।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, तेल अवीवMon, 20 Jan 2025 12:06 PM
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इजरायल की कैद से छूटे तो विक्ट्री साइन दिखाने लगे कैदी, लहराए हमास और हिजबुल्ला के झंडे; मना जश्न

इजरायल की कैद से छूटे 90 फिलिस्तीनी बंधक जब गाजा पहुंचे तो वहां बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया। सफेद वॉल्वो बसों में सवार इन कैदियों को इजरायल ने रेड क्रॉस को सौंपा था, जिसकी टीम इन्हें लेकर गाजा में दाखिल हुई तो जश्न मनने लगा। कुछ लोग तो बसों की छतों पर ही चढ़ गए और विक्ट्री साइन दिखाने लगे। इसके अलावा इन लोगों के हाथों में हमास और हिजबुल्ला के झंडे भी थे। इजरायल की कैद से छूटे 90 लोगों को लेकर बसें रामलल्हा से तीन किलोमीटर दूर स्थित बेतुनिया कस्बे में पहुंचीं तो जश्न मनने लगा। हजारों की संख्या में जुटे फिलिस्तीनियों ने बसों को घेर लिया और नारे लगाते दिखे। वहीं कुछ उत्साही लोग बसों पर ही झंडे लेकर चढ़ गए। हमास ने इजरायल के तीन बंधकों को छोड़ा था, जिसके बाद यहूदी देश ने भी बदले में 90 कैदियों को रिहा किया।

यह हमास और इजरायल के बीच सीजफायर के बाद पहली डील थी। अब कहा जा रहा है कि 25 तारीख को दूसरी बार दोनों तरफ से लोगों को छोड़ा जाएगा। इस डील के तहत तय हुआ है कि एक इजरायली बंधक के बदले में बेंजामिन नेतन्याहू सरकार 30 लोगों को रिहा करेगी, जो उसकी जेलों में बंद हैं। इजरायल ने जिन लोगों को रिहा किया है, उनमें से ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं। इन लोगों पर इजरायल की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोप हैं। जैसे इजरायली प्रतिष्ठानों पर पत्थर फेंकना, सुरक्षा बलों को टारगेट करना आदि। इसके अलावा कुछ लोगों पर हत्या के प्रयास जैसे मुकदमे भी दर्ज थे। इन लोगों की रिहाई और सीजफायर को हमास अपनी जीत के तौर पर देख रहा है।

इस बीच गाजा में लाखों लोग वापस अपने घरों को लौटने लगे हैं। भले ही उनका घर अब मलबे में तब्दील है, लेकिन लोग वापस जिंदगी पटरी पर लाने की उम्मीद संजोकर लौट रहे हैं। उन्हें लगता है कि वे फिर से किसी तरह अपने घरों को खड़ा कर सकेंगे। फिलहाल सबसे बड़ी बेफिक्री इसी बात की है कि अब उन पर बमों और रॉकेट का साया नहीं रहेगा, जो बीते सवा साल से टारगेट कर रहे थे। इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के चलते गाजा में ही अकेले 50 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा लाखों को पलायन करना पड़ा है। फिलिस्तीन के लोगों को अब मानवीय सहायता भी मिलने लगी है।

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सीजफायर लागू होने के बाद मानवीय सहायता की सामग्री से भरे 630 ट्रकों को गाजा में एंट्री दी गई। दरअसल गाजा में बड़ा इलाका ऐसा है, जहां लोग साफ पानी, खाने और दवाओं तक के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में मानवीय सहायता की सामग्री पहुंचना उनके लिए बड़ी राहत होगी। इजरायल के साथ हुई डील में यह भी तय हुआ था कि मानवीय सहायता पहुंचाने वाले ट्रकों को रोका नहीं जाएगा। बता दें कि 15 महीनों तक चली इजरायल और हमास की जंग अब थम गई है, जिससे मिडिल ईस्ट के कई देशों को राहत मिली है। बीते सवा साल में कई बार तो ऐसे मौके भी आए, जब ईरान, तुर्की और अमेरिका समेत कई देश जंग में एंट्री करते दिखे।

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