क्या होली के रंगों से सेफ है आपका वाटरप्रूफ स्मार्टफोन? कहीं आप भी इस भ्रम में तो नहीं
अगर अपने प्रीमियम स्मार्टफोन को वाटरप्रूफ मानते हुए उसके साथ होली खेलने का मन बना रहे हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए। आइए समझने में मदद करते हैं कि वाटरप्रूफ फोन पर भी पूरी तरह भरोसा क्यों नहीं करना चाहिए।

होली एक ऐसा त्योहार है, जिसमें ढेरों खूबसूरत और कलरफुल फोटोज क्लिक किए बिना मजा नहीं आता। हालांकि, इस दौरान स्मार्टफोन या फिर अन्य गैजेट्स को सुरक्षित रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा। अगर आपके पास कोई प्रीमियम स्मार्टफोन है, जो वाटरप्रूफ रेटिंग के साथ आता है तो आप उसे अन्य फोन्स के मुकाबले सुरक्षित मानते हैं। कई यूजर्स को यह नहीं पता कि उनका वाटरप्रूफ फोन भी पूरी तरह वाटर डैमेज से सुरक्षित नहीं है।
कंपनियां अपने मिडरेंज या प्रीमियम स्मार्टफोन्स को मिलने वाली IP-रेटिंग के चलते उन्हें वाटरप्रूफ या वाटर-रेसिस्टेंस बताती हैं। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आपका फोन पानी या नमी से होने वाले डैमेज से पूरी तरह सुरक्षित है। यह बात भ्रामक हो सकती है कि वाटरप्रूफ फोन को पानी या फिर होली के रंगों से कोई खतरा नहीं है। ऐसे में आपकी लापरवाही फोन खराब होने की वजह बन सकती है और आपको कंपनी की ओर से वारंटी क्लेम करने का विकल्प भी नहीं मिलेगा।
क्या है IP-रेटिंग का मतलब?
किसी भी स्मार्टफोन को मिलने वाली IP रेटिंग से उसकी वाटर रेसिस्टेंस का नमी का सामना करने की क्षमता को मापा जाता है। उदाहरण के लिए किसी फोन को मिलने वाली IP68 रेटिंग का मतलब है कि फोन 1.5 मीटर गहरे पानी में करीब 30 मिनट तक सेफ रह सकता है। हालांकि, यह रेटिंग ताजे साफ पानी के लिए होती है और खारे पानी, स्विमिंग पूल के क्लोरीन वाले पाने या फिर होली के रंगों पर लागू नहीं होती।
एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि फोन की IP रेटिंग वक्त के साथ कम हो सकती है। जैसे कि फोन के गिरने, उसपर स्क्रैच लगने या फिर फिजिकल डैमेज से वाटर रेसिस्टेंस सील डैमेज हो सकती है। ऐसे में नमी अंदर जा सकती है और फोन खराब हो सकता है।
होली के रंगों से इसलिए सेफ नहीं है फोन
जिन रंगों का इस्तेमाल होली खेलने के लिए किया जाता है, उनमें कई तरह के रसायन मिले होते हैं। ऐसे में फोन की स्पीकर ग्रिल, रिसीवर या फिर चार्जिंग पोर्ट में इसके जाने से अलग तरह के रिएक्शंस होते हैं और IP रेटिंग का कोई फायदा नहीं मिलता। यहां तक कि अबीर-गुलाल के छोटे कण भी डिवाइस को परमानेंट डैमेज का शिकार बना सकते हैं। वाटर डैमेज की स्थिति में फोन की वारंटी का फायदा भी नहीं दिया जाता।
बेहद जरूरी है कि आप पहले ही तैयारी करें और फोन के लिए वाटरप्रूफ केसिंग यूज करें। इसके अलावा फोन के रंगों में भीगने पर फौरन उसे सुखाएं और कुछ वक्त के लिए इस्तेमाल ना करें। जरा सी लापरवाही फोन खराब होने की वजह बन सकती है तो वहीं थोड़ी सावधानी के साथ आप अच्छे से त्योहार का लुत्फ उठा सकते हैं।
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