बीजापुर मुठभेड़ पर उठे सवाल, 7 ग्रामीणों को मारने का लगा आरोप; एनकाउंटर को बताया फर्जी
- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में एक नया मोड़ सामने आया है। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने इसे फर्जी करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि मारे गए लोग ग्रामीण थे ना कि माओवादी। जानिए क्या है मामला।
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छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में एक नया मोड़ सामने आया है। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने इसे फर्जी करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि मारे गए लोग ग्रामीण थे ना कि माओवादी। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि मारे गए लोग कट्टर माओवादी थे।
शनिवार को छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में आठ माओवादी मारे गए हैं। पुलिस ने यह भी दावा किया था कि मुठभेड़ में राज्य पुलिस का एक जवान भी घायल हुआ है। एक दिन बाद रविवार को पुलिस ने एक प्रेस नोट में बताया कि मुठभेड़ में मारे गए लोगों में पश्चिम बस्तर संभाग के सीपीआई (माओवादी) के एक एरिया कमेटी सदस्य के साथ माओवादियों की मिलिशिया कंपनी के सदस्य भी शामिल हैं। मुठभेड़ में और भी माओवादियों के मारे जाने या घायल होने की संभावना है और तलाशी जारी है।
इसके बाद सोमवार को छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार अभियान समूह कैंपेन फॉर पीस एंड जस्टिस द्वारा जारी प्रेस नोट में दावा किया गया कि मुठभेड़ फर्जी थी। कोरचोली के एक ग्रामीण जिसका भाई मारा गया था, उसने भी आरोप लगाया कि उसके भाई को उठाया गया और फिर मार दिया गया।
शनिवार सुबह लगभग 5:30 बजे, सुरक्षा बलों ने कोरचोली और तोड़का गांवों को घेर लिया और छापेमारी शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने कोरचोली (गायतापारा, पटेलपारा) और पूरे तोड़का गांव में घरों पर धावा बोल दिया, जिससे गांव में दहशत का माहौल फैल गया। डर के मारे कई गांव वाले पहाड़ियों की तरफ भागने लगे।
इसके बाद सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच टोडी हिल्स से रुक-रुक कर गोलियों की आवाजें आती रहीं। संगठन द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि तथाकथित मुठभेड़ तब की गई जब ग्रामीणों को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। इसमें यह भी कहा गया है कि वेरिफाइड रिपोर्ट बताती है कि मरने वाले सात लोगों में से दो कोरचोली के और पांच टोडका के ग्रामीण थे।
बयान में ये भी दावा किया गया है कि अवैध रूप से हिरासत में लिए गए 26 ग्रामीणों को अब रिहा कर दिया गया है, लेकिन कई लापता हैं। परिवार अपने लापता रिश्तेदारों की तलाश जारी रखे हुए हैं। घटना के तुरंत बाद स्थानीय समुदाय द्वारा कोरचोली से 21 लापता ग्रामीणों की सूची प्रस्तुत की गई थी। उनमें से दो को बाद में आधिकारिक पुलिस सूची में मृतकों में शामिल पाया गया। हालांकि कम से कम आठ लोग पुलिस हिरासत में हैं, उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
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