कैसा होगा नया इनकम टैक्स एक्ट, टैक्सपेयर्स को क्या-क्या होगा फायदा
- New Income Tax Act: नया आयकर अधिनियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। इससे इनकम टैक्स से जुड़ी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा। व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स से लेकर कॉरपोरेट क्षेत्र को गैरजरूरी प्रावधानों से छूटकारा मिलेगा।
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इनकम टैक्स से जुड़ी प्रक्रिया को सरकार ज्यादा पारदर्शी और सरल बनाने जा रही है। नया आयकर अधिनियम (New Income Tax Act) अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। इसके लिए सरकार संशोधित (नया) आयकर विधेयक गुरुवार को संसद में पेश कर सकती है। इसके जरिए सरकार आयकर अधिनियम से जुड़े गैरजरूरी प्रावधानों को खत्म करेगी।
इनकम टैक्स से जुड़ी भाषा को आसान कर उसे टैक्सपेयर्स और अधिकारियों के समझने योग्य बनाया जाएगा। साथ ही, उन सभी प्रावधानों को हटाया जाएगा, जिनकी वजह से आयकर विभाग के ऊपर मुकदमों का बोझ बढ़ता है। शनिवार को लोकसभा में पेश बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक लेकर आएगी।
आयकर से जुड़ी प्रक्रिया में आएगा बड़ा बदलाव
वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि तैयार किया गया नया विधेयक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। इससे देश में आयकर से जुड़ी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा। व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स से लेकर कॉरपोरेट क्षेत्र को गैरजरूरी प्रावधानों से छूटकारा मिलेगा।
छोटे-छोटे मामलों में नोटिस जारी नहीं होंगे
इसका मतलब है कि छोटे-छोटे मामलों में नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। अभी तक आयकर अधिनियम में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनमें आयकरदाता को रिटर्न भरते वक्त उससे जुड़े कुछ डॉक्युमेंट अटैच्ड करने होते हैं, लेकिन मौजूदा वक्त में जब बहुत सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है तो उनकी जरूरत नहीं होनी चाहिए। इसके बावजूद नियमों में प्रावधान के चलते ऐसी गैरजरूरी व्यवस्थाएं बनी हुई हैं।
अधिनियम की भाषा काफी कठिन
दूसरा, अधिनियम की भाषा काफी कठिन है, जिसे कई बार समझने में गड़बड़ी होने की स्थिति में भी विभाग नोटिस जारी करता है। कई ऐसे छोटे-छोटे प्रावधान भी हैं, जिसमें आयकरदाता से नोटिस के जरिए स्पष्टीकरण मांगा जाता है। अब ऐसे सभी प्रावधानों को हटाया जाना है। नया कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने से देश के अंदर बेहतर व्यावसायिक माहौल बनाने में भी मदद मिलेगी।
संशोधन के लिए बनाई गई 22 विशेष उप-समितियां
आयकर अधिनियम-1961 में संशोधन करने के लिए वित्त मंत्रालय ने लंबे समय तक काम किया है। अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां गठित की गईं। आम लोग व करदाता अधिनियम पर अपना सुझाव दे सकें, इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी खोला गया। पोर्टल खुलने के बाद अक्तूबर में 6500 से अधिक सुझाव वित्त मंत्रालय को मिले।
इसके साथ ही, उद्योग जगत के सुझावों को भी आमंत्रित किया गया। अब इन सुझावों के आधार पर आयकर अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि आयकर अधिनियम में संशोधन का प्रारूप करीब पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है। अंतिम दौर में उद्योग जगत से भी सुझाव मांगे गए हैं, जिससे कि उन्हें भी शामिल किया जा सके।
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