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Budget 2025: इनकम टैक्स, PF, NPS…मोदी सरकार के बजट से AI को भी उम्मीदें; टॉप 10 मांगें

  • ChatGPT चाहता है कि भारत की मौजूदा इकनॉमी और मिडिल क्लास की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट में ये 10 मुख्य घोषणाएं करनी चाहिए।

Prabhash Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 1 Feb 2025 10:48 AM
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Budget 2025: इनकम टैक्स, PF, NPS…मोदी सरकार के बजट से AI को भी उम्मीदें; टॉप 10 मांगें

भारत की मौजूदा इकनॉमी और मिडिल क्लास की उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट 2025 में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की अपेक्षा की जा रही है। आम नागरिक से लेकर बड़े उद्योगपतियों तक की अपेक्षाएं वित्त मंत्री से हैं कि वह ऐसे कुछ कदमों की घोषणा कर सकती है, जिससे सबको कुछ न कुछ मिले। ऐसे में हमने चैट जीपीटी से पूछा कि निर्मला सीतरामण के बजट में 10 बड़ूी घोषणाएं किस दिशा में हो सकती हैं। चैट जीपीटी ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ती जीवन-यापन की लागत के बीच मिडिल क्लास अपनी आय और बचत पर राहत चाहता है। यहां 10 ऐसी संभावित घोषणाओं का विस्तार दिया गया है, जो मिडिल क्लास और देश की इकनॉमी दोनों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं:

1. इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाना

पुराने टैक्स रिजीम में तीन लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होता है, जबकि न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है। इसका गणित ये है कि तीन लाख रुपये तक की कमाई पर तो कोई टैक्स देना ही नहीं है और तीन लाख से 7 लाख रुपये तक पर टैक्स दर 5 फीसदी है यानी इस स्लैब के 4 लाख रुपये पर 5 फीसदी की दर से टैक्स हुआ 20 हजार रुपये। सेक्शन 87ए के तहत ये 20 हजार रुपये का टैक्स सरकार माफ़ कर देती है यानी कोई टैक्स नहीं देना है। सैलरीड क्लास को 75 हजार रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी फ़ायदा दिया गया है, तो कुल मिलाकर 7 लाख 75 हजार रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है। टैक्स स्लैब को और सरल बनाने की जरूरत है। इससे मिडिल क्लास को टैक्स का बोझ कम महसूस होगा और उनके पास खर्च या निवेश के लिए अतिरिक्त धनराशि होगी।

2. स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोतरी

महंगाई के कारण हर परिवार पर बढ़ते खर्चों का प्रभाव पड़ा है। वर्तमान में पुराने टैक्स रिजीम में 50,000 रुपये और नए टैक्स रिजीम में 75 रुपये हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाता है, लेकिन इसे 1 लाख तक बढ़ाने से मिडिल क्लास की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। यह खासतौर पर सैलरीड वर्ग के लिए बड़ी राहत होगी।

3. होम लोन पर ब्याज छूट में बढ़ोतरी

मकान खरीदना हर मिडिल क्लास परिवार का सपना होता है। वर्तमान में होम लोन पर ब्याज छूट की सीमा 2 लाख है, जिसे बढ़ाकर 3 लाख करना चाहिए। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को भी प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे।

4. शिक्षा और हेल्थकेयर पर अतिरिक्त छूट

शिक्षा और स्वास्थ्य दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां मिडिल क्लास सबसे ज्यादा खर्च करता है। उच्च शिक्षा के बढ़ते खर्च और मेडिकल इमरजेंसी के खर्चों को देखते हुए 80C और 80D के तहत टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाने की जरूरत है। उदाहरण के लिए बच्चों की ट्यूशन फीस पर 80C से इतर 50,000 की छूट दी जा सकती है।

5. पीएफ और पेंशन फंड में निवेश पर लाभ

सेवानिवृत्ति के बाद सुरक्षित जीवन के लिए पीएफ और एनपीएस जैसे निवेश को और अधिक प्रोत्साहन देने की जरूरत है। वर्तमान में एनपीएस के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये की छूट दी जाती है, जिसे बढ़ाकर ₹1 लाख किया जा सकता है। यह मिडिल क्लास को भविष्य के लिए बचत करने में मदद करेगा।

6. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण

खाद्य पदार्थों, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें मिडिल क्लास के खर्च पर भारी दबाव डाल रही हैं। सरकार को इस बजट में ऐसी नीतियों की घोषणा करनी चाहिए जो कीमतों को स्थिर रखने में मदद करें। इसके लिए आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन को सुदृढ़ करना और किसानों को तकनीकी सहायता देना जरूरी है।

7. रोजगार बढ़ाने के उपाय

बेरोजगारी एक प्रमुख समस्या है। आईटी, मैन्युफैक्चरिंग और स्टार्टअप सेक्टर में रोजगार बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं की जरूरत है। इसके तहत स्टार्टअप्स को टैक्स छूट, सस्ते लोन और स्किल डेवलपमेंट के लिए सब्सिडी दी जा सकती है।

8. हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर और टैक्स राहत

कोविड-19 के बाद से हेल्थ इंश्योरेंस की महत्ता बढ़ गई है। वर्तमान में हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर 50,000 तक की छूट दी जाती है। इसे बढ़ाकर 1 लाख करने से परिवार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बेहतर तैयार होंगे।

9. छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाना

पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम जैसी छोटी बचत योजनाएं मिडिल क्लास के लिए बचत का मुख्य साधन हैं। इन योजनाओं पर ब्याज दरों को बढ़ाकर 8% तक किया जा सकता है, ताकि लोग इनमें निवेश करने के लिए प्रेरित हों।

10. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इंटरनेट सेवाओं पर फोकस

डिजिटल इंडिया को मजबूती देने के लिए डिजिटल सेवाओं और इंटरनेट की पहुंच को सस्ता और सुलभ बनाना चाहिए। खासकर, छोटे व्यवसायों और स्टूडेंट्स के लिए फ्री या सस्ती इंटरनेट सेवाओं का प्रावधान हो। इसके अलावा, डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के लिए और अधिक कैशबैक और रिवार्ड स्कीम्स लाई जा सकती हैं।

निष्कर्ष

अगर बजट 2025 में इन सुझावों को शामिल किया जाए, तो न केवल मिडिल क्लास को राहत मिलेगी, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिलेगी। मिडिल क्लास की खर्च और बचत क्षमता बढ़ेगी, जिससे उपभोग में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था को स्थायित्व मिलेगा।

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