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नए इनकम टैक्स एक्ट से टैक्सपेयर्स को क्या-क्या होंगे फायदे

  • न्यू इनकम टैक्स बिल जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। आम आदमी और टैक्सपेयर्स के लिहाज से देखा जाए तो नया कानून छोटा और बेहद सरल होगा। इससे इनकम टैक्स रिटर्न भरना और नोटिस का जवाब देने की प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमWed, 12 Feb 2025 05:45 AM
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नए इनकम टैक्स एक्ट से टैक्सपेयर्स को क्या-क्या होंगे फायदे

सरकार आयकर अधिनियम-1961 (Income Tax Act) में बदलाव करने जा रही है, जिसके लिए न्यू इनकम टैक्स बिल जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। आम आदमी और टैक्सपेयर्स के लिहाज से देखा जाए तो नया कानून छोटा और बेहद सरल होगा। इससे इनकम टैक्स रिटर्न भरना और नोटिस का जवाब देने की प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। इसमें गैर जरूरी और जटिल प्रावधान हट जाएंगे, जिससे विवाद के 40 फीसद मामलों में कमी आने की उम्मीद है।

मुकदमेबाजी में भी बड़ी गिरावट आएगी

वित्त मंत्रालय से जुड़े अधिकारी मानते हैं कि नए कानून से जुड़ी प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होगी, बल्कि देशभर में मुकदमेबाजी में भी बड़ी गिरावट आएगी। मौजूदा समय में आयकर से जुड़े सवा सात लाख से अधिक मामले विभिन्न आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के पास लंबित हैं। इसके अतिरिक्त उच्च और सर्वोच्च न्यायालय स्तर पर भी बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं।

सूत्र बताते हैं कि इसमें से करीब 40 फीसदी मामले ऐसे हैं, जो पुराने कानून के तहत दिए गए प्रावधानों के कारण बने हुए हैं, जिन्हें करदाता के लिखित जवाब या जुर्माने के आधार पर खत्म किया जा सकता है। इस तरह के मामलों के पीछे आयकर चोरी से ज्यादा करदाता द्वारा स्पष्ट जवाब न देने, जानकारी के अभाव में रिटर्न में त्रुटि किए जाने या रिकॉर्ड का सही से मिलान न हो पाना है।

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यहां होती है टैक्सपेयर्स को दिक्कत

आयकर अधिकारी कहते हैं कि मौजूदा कानून से कुछ प्रावधानों को सरकार ने बीते कुछ वर्षों में अलग से आदेश जारी कर हटा दिए हैं, लेकिन कानून की किताब में ये बने हुए हैं। इस कारण से कई बार अगर कोई करदाता ITR में सही जानकारी नहीं देता है तो विभाग खत्म हुए प्रावधानों में भी करदाता को नोटिस जारी कर देता। ऐसे में कई बार आयकरदाता अपील दाखिल करता है, जिससे मामलों की संख्या बढ़ती है।

सरकार ने समय के साथ संपत्ति कर, उपहार कर, फ्रिंज बेनिफिट टैक्स और बैंकिंग नकद लेनदेन पर कर समेत कई शुल्कों को समाप्त कर दिया है लेकिन ऐसे प्रावधान बने हुए हैं, जिन्हें हटाया जाएगा।

सिंगल पेपर सिस्टम को मिलेगा बढ़ावा

अभी तक के प्रावधानों में आयकरदाता से रिटर्न या किसी मामले में स्पष्टीकरण मांगा जाता है तो उसे पूरा रिकॉर्ड देना होता है। जबकि, मामला एक बिंदु का होता है, जिसे एक पेपर के जरिए समझाया जा सकता है, लेकिन पूरा रिकॉर्ड मुहैया कराने पर दोनों पक्षों (करदाता और अधिकारी) को समझने में दिक्कत होती है।

इसलिए सिंगल पेपर सिस्टम को नए कानून के जरिए बढ़ाया जाएगा। आवश्यकता होने और मांगे जाने पर ही आयकरदाता को पूरा रिकॉर्ड मुहैया कराना होगा। ऐसी व्यवस्था में करदाताओं पर नोटिस को बोझ कम होगा।

ITR दाखिल की प्रक्रिया को बनाया जाएगा आसान

सूत्रों का कहना है कि नए कानून में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को एकल पेपर के आधार पर आसान बनाया जाएगा। नियमों में इस तरह का बदलाव किया जाएगा, जिन्हें करदाता को समझने और एकल पेपर में जवाब देने और उससे जुड़ा कागज अपलोड करने में मदद मिलेगी। खासकर तौर पर पुरानी आयकर व्यवस्था में धारा-80 के तहत दी जाने वाली छूट से जुड़े कागजात को सिंगल पेपर में देने में आसानी होगी।

न्यू इनकम टैक्स एक्ट में होने वाले अन्य बदलाव

- इनकम टैक्स एक्ट से जुड़े 23 अध्याय और 298 धाराओं का बारीकी से अध्ययन किया गया है, जिसके बाद उनकी भाषा को सरल बनाया जा रहा है।

- उन सभी अनावश्यक व गैर जरूरी प्रावधानों को खत्म किया जाएगा, जिनकी वजह से करदाता और आयकर अधिकारी को समझने में परेशानी होती है।

- आयकर अधिनियम की भाषा को इतना सरल किया जाएगा कि उसे अपनी देनदारी को समझने के लिए सीए या किसी वकील के पास नहीं भागना पड़ेगा।

- करदाता रिटर्न दाखिल करते वक्त आसानी से अपने आयकर की गणना कर सकेगा।

- मौजूदा कानून में दिए गए प्रावधानों से करीब आधे प्रावधान नए आयकर कानून के अंदर होंगे, जिन्हें आम व्यक्ति को समझने और उनका अनुपालन करने में आसानी होगी।

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