इस दिग्गज कंपनी के बेच दिए गए 7.2 करोड़ शेयर, क्रैश हुआ भाव, निवेशकों में हड़कंप
Hindustan Zinc shares: हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में 7 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 452.5 रुपये पर आ गया। शेयरों में इस गिरावट के पीछे एक बड़ी वजह है।

Hindustan Zinc shares: हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में 7 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 452.5 रुपये पर आ गया। शेयरों में इस गिरावट के पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल, वेदांता ने बुधवार को ब्लॉक डील के जरिए कंपनी के 1.71 प्रतिशत या 7.2 करोड़ शेयर बेचे हैं। इसका ट्रांजेक्शन साइज लगभग 3,323 करोड़ रुपये था। डील के लिए फ्लोर प्राइस 460.5 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। यह एनएसई पर हिंदुस्तान जिंक के पिछले बंद भाव 485.95 रुपये से 5 प्रतिशत कम है। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर, 2024 तक वेदांता के पास कंपनी में 63.42 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
क्या है डिटेल
राजस्थान में नए इंटीग्रेटेड जिंक मेटल परिसर में देबारी में 250 केटीपीए क्षमता वाला स्मेल्टर और विस्तारित खनन परिचालन शामिल होंगे। हिंदुस्तान जिंक ने एक विज्ञप्ति में कहा, "यह विस्तार अगले पांच वर्षों में भारत और वैश्विक स्तर पर मांग में मजबूत वृद्धि के अनुरूप है।" साथ ही कहा कि परियोजना के 36 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स और सिटी ब्लॉक डील के बैंकर हैं। मंगलवार को हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जिससे पांच दिनों से जारी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। इस अवधि के दौरान शेयर में 8 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है, जबकि कंपनी ने 12,000 करोड़ रुपये की बड़ी विस्तार परियोजना की घोषणा की है। सुबह करीब 9:20 बजे कंपनी के शेयर एनएसई पर पिछले बंद भाव से 6 प्रतिशत कम होकर 457 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। पिछले सप्ताह हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में 9 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस बीच, वेदांता के शेयर 1 प्रतिशत बढ़कर 464 रुपये पर कारोबार कर रहे थे।
कंपनी की योजना
कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार की रेगुलेटरी फाइलिंग में यह जानकारी देते हुये निदेशक मंडल ने अगले कुछ वर्षों में जिंक, सीसा और चांदी में अपनी उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की कंपनी की व्यापक ‘दो गुना विकास’ रणनीति के तहत इस परियोजना को मंजूरी दी है। नए प्लांट को अतिरिक्त खनन और मिलिंग क्षमताओं द्वारा समर्थित किया जाएगा और इसके 36 महीनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। निवेश को आंतरिक स्रोतों और ऋण के संयोजन के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा। कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “ हम इस दो गुना विकास परियोजना की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं, जो भारत की आर्थिक प्रगति और बढ़ती बुनियादी ढांचे की मांग के अनुरूप है। यह कदम हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य बनाते हुए जिंक उत्पादन में हमारी आत्मनिर्भरता को बढ़ाता है।”