बिहार के विश्वविद्यालयों से रिटायर कर्मियों को पेंशन मिलने में क्यों हो रही देरी, क्या बोले अधिकारी
- अब भी बड़ी संख्या में पेंशनरों का ब्योरा अपलोड नहीं है, जबकि विभाग ने इसे अनिवार्य कर दिया है। इस कारण ही पेंशन राशि का भुगतान होने में देर होती है। राज्य के इन विवि और कॉलेजों में 20 हजार पेंशनधारी हैं, जिन्हें हर माह औसतन 180 करोड़ से अधिक राशि का पेंशन के रूप में भुगतान होता है।
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बिहार के परंपरागत 13 विश्वविद्यालयों और अंगीभूत कॉलेजों के सेवानिवृत्त कर्मियों के पेंशन का समय पर भुगतान एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। एक-दो महीने के अतिरिक्त इंतजार करने के बाद ही इन्हें पेंशन प्राप्त हो पाती है। अब भी दिसंबर, 2024 के बाद की पेंशन की राशि का भुगतान कर्मियों को नहीं हुआ है। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा और केएसडी संस्कृत विश्वविद्यालयों में नवंबर के बाद से ही भुगतान बकाया है।
अक्टूबर और नवंबर, 2024 का सेवानिवृत्त कर्मियों का बकाया पेंशन एक साथ जनवरी, 2025 के प्रथम सप्ताह में मिला। इसके बाद से इन्हें पेंशन नहीं मिली है। विभागीय पदाधिकारी बताते हैं कि पे-रोल मैनेजमेंट में पेंशनधारियों के संबंध में ब्योरा अपलोड करने की गति अत्यंत धीमी है। शिक्षा विभाग के बार-बार के रिमाइंडर के बाद भी विवि द्वारा इस संबंध में अपेक्षित प्रगति नहीं हो रही है।
अब भी बड़ी संख्या में पेंशनरों का ब्योरा अपलोड नहीं है, जबकि विभाग ने इसे अनिवार्य कर दिया है। इस कारण ही पेंशन राशि का भुगतान होने में देर होती है। राज्य के इन विवि और कॉलेजों में 20 हजार पेंशनधारी हैं, जिन्हें हर माह औसतन 180 करोड़ से अधिक राशि का पेंशन के रूप में भुगतान होता है। विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि जल्द ही सभी विविकी पेंशन राशि भेज दी जाएगी।
समय पर हो भुगतान
वीर कुंवर सिंह विवि मुख्यालय शिक्षकेत्तर पेंशनर समाज के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि ऐसा कभी नहीं हो पाता है कि महीने की पहली तारीख को हमलोगों के खाते में पेंशन प्राप्त हो जाये। शिक्षा विभाग से मांग रही है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि भुगतान हर महीने कर दिया जाये।