कैमूर हिल्स में घूमता दिखा टाइगर? वन विभाग ने बताई वायरल वीडियो की सच्चाई
बिहार के रोहतास जिले में कैमूर पहाड़ी के क्षेत्र में बाघ दिखने की चर्चा से शनिवार को हड़कंप मच गया। जंगल में टाइगर का घूमते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि, वन विभाग ने जब इसकी जांच की तो यह दावा गलत पाया गया।

बिहार के कैमूर पहाड़ी पर टाइगर के सड़क किनारे घूमने की चर्चा से शुक्रवार को हड़कंप मच गया। जंगल के किनारे बाघ के घूमते हुए एक वीडियो शनिवार को वायरल हो गया। कहा जा रहा है कि किसी राहगीर ने बाघ के विचरण करते हुए वीडियो अपने फोन में कैद कर लिया। इसके बाद यह वायरल हो गया। इसके बाद वन विभाग भी एक्टिव हो गया है। एक टीम जांच के लिए तुरंत जंगल में भेजी गई।
जिला वन पदाधिकारी (डीएफओ) मनीष कुमार ने बताया कि कैमूर पहाड़ी में बाघ के विचरण का एक वीडियो वायरल हुआ है। इसकी पुष्टि के लिए एक टीम वहां भेजी गई। जांच के बाद कैमूर पहाड़ी में बाघ के विचरण करने की खबर पूरी तरह झूठी पाई गई। उन्होंने कहा कि यह वीडियो पूर्व में इंस्टाग्राम पर डाला हुआ था। वहां से यह वीडियो निकाल कर किसी ने वायरल कर दिया।

बता दें कि कैमूर हिल्स के आसपास करीब 5 दशक पहले अच्छी खासी संख्या में बाघ पाए जाते थे। वन माफिया और अन्य मानवीय गतिविधियों के चलते यहां बाघ विलुप्त होते चले गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल 2018 और 2019 में कैमूर जंगल में बाघ के मल और पैरों के निशान मिले थे। इन्हें देहरादून की लैब में जांच के लिए भेजा गया था। रिपोर्ट में मल टाइगर का ही होने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद साल 2020 में कोविड लॉकडाउन के दौरान एक नर बाघ को कैमरा ट्रैप में देखा गया था। हालांकि, इसके बाद यहां टाइगर स्पॉट नहीं हुए हैं।

बिहार में अभी एकमात्र वाल्मिकी टाइगर रिजर्व है, जो पश्चिम चंपारण जिले में स्थित है। सरकार द्वारा कैमूर वन्यजीव अभ्यारण को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने की कवायद चल रही है। केंद्र सरकार ने पिछले साल इसकी सैद्धांतिक मंजूरी भी दे दी थी। आने वाले महीनों में यहां वीटीआर से टाइगर लाकर बसाए जा सकते हैं।