आचार्य नियमावली में विसंगतियों पर शिक्षा सचिव को सौंपा ज्ञापन
झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने नई माध्यमिक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2025 में विसंगतियों को लेकर शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि नई नियमावली में...

गिरिडीह। झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर ने माध्यमिक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2025 में निहित विसंगतियों को लेकर शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह को ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि 2012 में बनी पीजीटी नियुक्ति नियमावली के अनुसार पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति 4800 ग्रेड पे में की जाती थी तथा 12 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद उनकी प्रोन्नति 5400 ग्रेड पे होती है। उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा जो नई नियुक्ति नियमावली बनाई गई है उसमें प्राचार्य के पद का उल्लेख नहीं कर प्रधानाचार्य का पद उल्लेखित किया गया है और 7600 ग्रेड पे घटाकर 4800 ग्रेड पर नियुक्त की जाएगी।
ऐसी स्थिति में जो शिक्षक 5400 ग्रेड पे में पहुंच चुके हैं उनके वेतन संरक्षण के बारे में स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है। जिससे पूर्व से नियुक्त शिक्षकों में संशय की स्थिति है। वहीं नई शिक्षा नीति के तहत माध्यमिक विद्यालय में वर्ग 9 से 12 तक के लिए एक ही तरह के शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी, जो माध्यमिक आचार्य कहलाएंगे तो पहले से जो शिक्षक टीजीटी और पीजीटी के रूप में कार्यरत है उनसे सरकार किस तरह कार्य लेगी। वर्षों से प्राचार्य पद पर नियुक्ति नहीं की गई है और उम्र सीमा 45 वर्ष तक रखी गई है। कई शिक्षक इस कारण आवेदन करने से वंचित हो जाएंगे। सरकार नाम प्राचार्य अथवा प्रधानाचार्य जो चाहे रखे लेकिन वेतन में कमी नहीं करे। वेतन में कमी होने से योग्य उम्मीदवार शिक्षण के पेशा को नहीं अपनाएंगे। जिससे भविष्य में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। झारखंड सरकार और विभाग को केंदीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति की तरह शिक्षकों को सुविधाएं देना चाहिए। गिरिडीह जिले सहित पूरे राज्य में 99 प्रतिशत उच्च विद्यालय एवं प्लस टू उच्च विद्यालय प्राचार्य विहीन हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद ठाकुर एवं संरक्षक सुनील कुमार ने सरकार से अविलंब प्राचार्य नियुक्ति की मांग की है और कहा कि यदि सरकार कार्यरत शिक्षकों की सेवा शर्त में कोई अलाभकारी परिवर्तन करती है तो संगठन आंदोलन करने एवं न्यायालय जाने को विवश होगा। जिला सचिव ऋषिकांत सिन्हा, संरक्षक मिथिलेश कुमार, उपाध्यक्ष दयानंद कुमार, आदित्य कुमार झा, कार्तिक प्रसाद वर्मा, रेणु कुमारी, वंदना कुमारी, राकेश कुमार पाठक, नूतन शर्मा, कोषाध्यक्ष उमेश प्रसाद वर्मा, सुरेश कुमार रजक, प्रीति चौरसिया, उमेश सिन्हा, अजय वर्मा, सुमित कुमार पाण्डेय, सभ्यता भूषण, कृष्ण मुरारी कुमार, सुनील कुमार सहित कई शिक्षकों ने नई नियमावली का विरोध किया है।
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