बाबा बागेश्वर के बाद श्रीश्री रविशंकर पहुंचे बिहार, पटना और औरंगाबाद में सत्संग
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर गुरुवार को पटना पहुंचे। अगले दो दिन उनके पटना और औरंगाबाद में सत्संग है। गांधी मैदान में शुक्रवार शाम को होने वाले महासत्संग में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ने की संभावना है।

बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री के बाद आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक एवं आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर बिहार यात्रा पर पहुंचे हैं। पटना एयरपोर्ट पर आध्यात्मिक गुरु के स्वागत के लिए गुरुवार शाम को बड़ी संख्या में संगठन के कार्यकर्ता और उनके अनुयायी पहुंचे। यहां से श्रीश्री रविशंकर रात्रि प्रवास के लिए होटल मौर्या के लिए रवाना हो गए। उनका बिहार में दो दिन का कार्यक्रम है। वे पटना और औरंगाबाद में सत्संग करेंगे।
श्रीश्री रविशंकर का 7 मार्च की शाम में पटना के गांधी मैदान में आम लोगों से संवाद करेंगे। यहां प्रवेश नि:शुल्क रखा गया है। वहीं, 8 मार्च को ज्ञान भवन में पटना के चुनिंदा एक हजार प्रबुद्ध लोगों से बातचीत करेंगे। ज्ञान भवन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए संगठन द्वारा पास बांटा जा रहा है। यहां के कार्यक्रम में प्रवेश संगठन द्वारा जारी पास के आधार पर ही होगा।
होटल मौर्या में आर्ट ऑफ लिविंग परिवार के सदस्यों द्वारा रविशंकर का आरती-वंदन और सत्कार किया गया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार सुबह श्रीश्री रविशंकर पटना से औरंगाबाद पहुंचेंगे और महासत्संग को संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम से पहले पटना लौटकर आ जाएंगे।
शुक्रवार की शाम में ही पटना में होने वाले कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसके लिए गांधी मैदान में 25 हजार वर्गफुट में मंच तैयार किया गया है। यहां होने वाले महासत्संग में काफी संख्या में लोगों के आने का अनुमान है। आर्ट ऑफ लिविंग के को-ऑर्डिनेटर ज्योति सिन्हा ने संगठन की तरफ से सभी पटना वासियों से अपील की कि शुक्रवार को गांधी मैदान में होने वाले महासत्संग में बड़ी संख्या में शामिल हों।
धीरेंद्र शास्त्री गोपालगंज में कर रहे कथा
दूसरी ओर, बागेश्वर धाम सरकार पंडिद धीरेंद्र शास्त्री भी बिहार यात्रा पर हैं। गोपालंगज में गुरुवार को उनकी पांच दिवसीय हनुमंत कथा की शुरुआत हुई। रामनगर स्थित जानकी पीठ में कथा के दौरान उन्होंने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की पहली आवाज बिहार से ही उठेगी। उन्होंने औरंगजेब विवाद पर बोलते हुए कहा कि भारत में शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप के किस्से गूंजते हैं। यहां औरंगजेब को महान बताना दुर्भाग्यपूर्ण है।