बिहार में जाली नोट का सिंगापुर कनेक्शन, DRI ने खगड़िया के तस्कर को दबोचा; J&K तक नेटवर्क
- डीआरआई ने खगड़िया के जिशान बदर को गिरफ्तार किया है जिसने जनवरी में सिंगापुर से भारतीय नोट छापने वाले कागज का आयात किया था।

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की टीम ने भारतीय मुद्रा को छापने में उपयोग होने वाले हाई सिक्योरिटी कागज की खेप मंगवाने के आरोप में खगड़िया के गोगरी थाना क्षेत्र के राटन गांव से मो. जिशान बदर को गिरफ्तार किया है। इस पर राष्ट्र विरोधी गतिविधि के तहत नकली नोट बनाने वाले कागज की तस्करी समेत अन्य संगीन आरोपों से जुड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की तफ्तीश डीआरआई के स्तर से जारी है। सूत्रों के मुताबिक, इसी वर्ष 24 जनवरी को मो. जिशान बदर ने सिंगापुर से भारतीय नोट छापने वाले कागज का आयात किया था।
इस हाई-सिक्योरिटी कागज की खेप को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगवाया गया था, जिसे डीआरआई ने कस्टम विभाग के अधिकारियों के सहयोग से जब्त कर लिया। इसे कूरियर से मो. जिशान के पते पर गोगरी थाना के राटन गांव में मंगवाने की योजना थी। इन कागजों को कार्यालय कागज के नाम पर मंगवाया गया था। इनमें आरबीआई लिखा पतला महीन सिल्वर धागा भी लगा हुआ था। इन कागजों का उपयोग नकली नोटों की छपाई में करने की तैयारी थी। हालांकि अब तक यह नहीं स्पष्ट हो पाया है कि इन नोटों की छपाई गोगरी थाना क्षेत्र में किस गुप्त स्थान पर होनी थी या सीमा पार ले जाकर छपवाने की योजना थी।
भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी टोला निवासी मो. वारिस पॉलिटेक्निक की पढ़ाई करने के दौरान जाली नोटों के तस्करों की जाल में फंस गया था। उसे पिछले साल सितंबर माह में जाली नोटों की खेप को नेपाल के रास्ते बिहार होते दिल्ली और जम्मू-कश्मीर तक पहुंचाने की तैयारी के दौरान पकड़ा गया था।
गिरफ्तारी के बाद मोतीहारी (पूर्वी चंपारण) के बंजरिया थाने की पूछताछ में यह खुलासा हुआ था। पुलिस के अनुसार पूछताछ में वारिस सहित तीनों धंधेबाजों की ओर से पाकिस्तान में छपे भारतीय जाली नोट नेपाल के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए जाने की बात स्वीकार की गयी थी।
तीनों ने बताया था कि नेपाल के वीरगंज जिले के परसा निवासी राजेश सहनी के माध्यम से जाली नोट दिया जाता है। पाकिस्तान से नेपाल के रास्ते नोट मिलते थे। इसे लेकर पटना से जम्मूतवी एक्सप्रेस से जम्मू-कश्मीर जाने वाले थे। इससे पहले भी वे लोग कई बार जाली नोटों की खेप जम्मू-कश्मीर तक पहुंचा चुके थे।
जाली नोटों के धंधे में पाकिस्तान का नाम आने के बाद एनआईए की केस में इंट्री हुई थी। गिरफ्तार धंधेबाजों से एनआईए समेत कई सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की ओर से पूछताछ की गयी थी। इसके बाद ही एनआईए द्वारा गिरफ्तार धंधेबाजों का पाकिस्तानी कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। उसी सिलसिले में टीम भोजपुर पहुंची थी। पांच सितंबर 2024 को बंजरिया थाना क्षेत्र में इनपुट के आधार पर वाहन चेकिंग के दौरान एक लाख 95 हजार के भारतीय जाली नोट के साथ तीन धंधेबाज पकड़े गए थे। इनमें भोजपुर जिले के सहार थाना क्षेत्र के कोरनडिहरी गांव निवासी मो. वारिस के अलावे भागलपुर के इशाकचक थाना क्षेत्र का रहने वाला नजर सद्दाम और पटना के सिगोडी थाना क्षेत्र निवासी मो. जाकिर हुसैन शामिल थे। इनमें नजर सद्दाम को जाली नोटों की तस्करी का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इधर, जाली नोटों के धंधे में एनआईए की छापेमारी को लेकर दूसरे दिन भी चर्चाएं चलती रही।