Hindi Newsबिहार न्यूज़Secrets of NEET paper leak be revealed Sanjeev Mukhiya police remand approved EOU question him for 36 hour

नीट पेपर लीक के खुलेंगे राज, संजीव मुखिया की पुलिस रिमांड मंजूर; 36 घंटे तक सवाल करेगी EOU

आर्थिक अपराध इकाई ने न्यायालय से पांच दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन न्यायालय ने मात्र 36 घंटे की रिमांड दी है। अब आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी संजीव मुखिया के विरुद्ध दर्ज कांडों में उसके ऊपर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ करेंगे।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तान, पटनाSat, 26 April 2025 02:18 PM
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नीट पेपर लीक के खुलेंगे राज, संजीव मुखिया की पुलिस रिमांड मंजूर; 36 घंटे तक सवाल करेगी EOU

देश भर में चर्चित नीट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कांडों के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की पुलिस रिमांड मंजूर हो गई है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने न्यायालय से पांच दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन न्यायालय ने मात्र 36 घंटे की रिमांड दी है। अब आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी संजीव मुखिया के विरुद्ध दर्ज कांडों में उसके ऊपर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ करेंगे।

लंबे समय से फरार चल रहे संजीव मुखिया को गुरुवार की देर रात पटना के दानापुर स्थित एक फ्लैट से पकड़ा गया था।आर्थिक अपराध इकाई, ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने कहा कि पटना में उसके एक स्थान पर पहुंचने की सूचना पुलिस को मिली थी। उसके सत्यापन के दौरान ही एसटीएफ ने संजीव मुखिया को दबोच लिया। शुक्रवार कोर्ट में पेश कर उसे न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया गया। ईओयू ने शुक्रवार को रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में लगाई थी। शनिवार को कोर्ट ने संजीव मुखिया की पुलिस रिमांड पर मंजूरी की मुहर लगा दी।

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माना जा रहा है कि पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया से पूछताछ में पेपर लीक कांड से संबंधित अहम जानकारियों जांच एजेंसी को हासिल होंगी। संजीव मुखिया से सीबीआई भी पूछताछ कर सकती है क्योंकि पेपर लीक कांड की जांच सीबीआई भी कर रही है।

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संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के लिए बिहार सरकार ने तीन लाख का इनाम रखा था। उसका कनेक्शन केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं था बल्कि यह एक व्यवस्थित और संगठित पेपर माफिया गिरोह का सरगना है जिसका नेटवर्क बिहार से लेकर झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और राजस्थान तक फैला हुआ है। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई के साथ अन्य जांच एजेंसियों ने इस गिरोह के पैटर्न, नेटवर्किंग के आधार पर मुखिया को दबोचने में सफलता पाई। इससे पहले कई बार वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। इस मामले में कई एमबीबीएस छात्र भी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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