बिहार में 10 हजार करोड़ से दुरुस्त होगा रेल नेटवर्क; नमो भारत समेत नई ट्रेन की सौगात
बिहार में रेल नेटवर्क को दुरुस्त करने के लिए 10 हजारर 66 करोड़ खर्च होंगे। जिसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी। जिसके तहत दक्षिण भारत के लिए नई ट्रेनें, पटना, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर स्टेशनों को अगले 50 सालों के लिए विकसित किया जाएगा। नमो भारत के अलावा नई ट्रेनों की सौगात मिलेगी।
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रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि बिहार में रेल नेटवर्क और यात्री सुविधाओं पर अगले वित्तीय वर्ष में दस हजार 66 करोड़ खर्च की जाएगी। ताजा बजट में इसका प्रावधान किया गया है। बिहार में रेलवे परियोजनाओं के विकास का लगभग 90 हजार करोड़ का काम चल रहा है। इनमें 5346 किमी की नई लाइन/ दोहरीकरण और आमान परिवर्तन की 57 परियोजनाओं पर 86456 करोड़ की लागत से काम जारी है। इसके साथ ही 98 अमृत भारत स्टेशनों के पुनर्विकास पर 3164 करोड़ का खर्च किए जा रहे हैं। सोमवार को रेलवे बोर्ड से ऑनलाइन माध्यम से बिहार में रेलवे के विकास के लिए बजट में हिस्सेदारी के बारे में जानकारी दे रहे थे।
रेल मुख्यालय में आयोजित कार्य्रकम में पूमरे के जीएम छत्रसाल सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। रेल मंत्री ने बताया कि बिहार की परियोजनाओं के हिसाब से धनराशि खर्च होगी। उन्होंने कहा कि बिहार में शत प्रतिशत विद्युतीकरण का काम हो चुका है। इसके अलावा गया, पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा सहित अन्य महत्वपूर्ण स्टेशनों को अगले 50 सालों के यात्री क्षमता के हिसाब से विकसित करने की योजना है। पटना के लिए विशेष रूप से डीपीआर और डिजाइन के मास्टर प्लान पर काम चल रहा है।
बिहार में सांस्कृतिक पर्यटन और औद्योगिक सुविधाएं बढ़ीं
रेलमंत्री ने कहा कि बिहार में सांस्कृतिक पर्यटन और औद्योगिक सुविधाएं बढ़ी हैं। इस इसे देखते हुए महत्वपूर्ण शहरों के लिए इस साल नमो ट्रेन चलाई जाएगी। इसकी गति 140 किमी प्रतिघंटे होगी। अभी मेमू ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 100 किमी प्रतिघंटे है। बिहार में 12 वंदे भारत ट्रेनों की सुविधा मिल रही है। इसकी सफलता के बाद अब नमो ट्रेन की सुविधा भी बिहार के लोगों को मिलेगी। बिहार में शत प्रतिशत विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। पहली अमृत भारत ट्रेन बिहार को मिली थी। नमो भारत ट्रेनों की सुविधा भी बिहार के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेंगी। इस ट्रेन में चार या पांच एसी बोगी और 12 जनरल डिब्बे होंगे।
दक्षिण भारत और लंबी दूरी की ट्रेनें बढ़ेंगी
पटना व बिहार के विभिन्न स्टेशनों के लिए मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद के लिए नई ट्रेनें चलेंगी। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत देश भर के स्टेशनों का विकसित करने की योजना है।
1783 किमी में कवच लगाने का काम
बिहार में 1783 किमी में कवच लगाने का काम चल रहा है।
2014 से 2024 के बीच औसतन हर वर्ष 275 किमी विद्युतीकरण।
पहले औसतन 30 किमी प्रतिवर्ष ट्रैक का विद्युतीकरण हो रहा था।
2009 से 2014 तक प्रतिवर्ष 64 किमी नई लाइन का निर्माण होता था।
2014 से 2024 तक औसतन प्रतिवर्ष 167 किमी हुआ है।
2014 से अब तक 1832 किमी रेल नेटवर्क
बिहार में वर्ष 2014 से अबतक 1832 किमी नई रेल लाइन का निर्माण हुआ है जो लगभग मलेशिया के रेल नेटवर्क के बराबर है। इस दौरान 3020 किमी रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया।
रिकॉर्ड धनराशि
भारतीय रेल के विकास के लिए रिकॉर्ड 252200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यूपीए के कार्यकाल में 2009 से 2014 तक हर वर्ष बिहार में औसतन 1132 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे जो कि इस वर्ष 10 हजार 66 करोड़ कर दिया गया गया है।
झाझा से डीडीयू तक रेल पटरियों के विस्तार
जीएम ने रेलमंत्री की प्रेस वार्ता के बाद बताया कि झाझा से डीडीयू तक रेल पटरियों के विस्तार की परियोजना पर काम जारी है। इसके दो हिस्से हैं। मोकामा से डीडीयू तक तीसरी और चौथी लाइन बनेगी। वहीं मोकामा से झाझा तक पटरियों के तिहरीकरण का काम होगा। इसके सर्वे का काम अंतिम चरण में है। बिहटा-औरंगाबाद लाइन की डीपीआर बनाकर स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड भेज दिया गया है।
परियोजना पर औरंगाबाद के समीप लगभग 12 किमी तक काम भी हो रहा है। इसके अलावा छपरा से कटिहार तक तीसरी और चौथी लाइन बनाने की योजना है। मुजफ्फपुर से सीतामढ़ी के बीच रेलवे अवसंरचना बेहतर करने के काम में अब तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि नेउरा-दनियावां रेल लाइन का काम अंतिम चरण में है। अगले डेढ़ साल में इसे चालू कर दिया जाएगा।