प्रशांत किशोर पर अब तीसरा केस, कोर्ट में भीड़ जुटाने और पुलिस से धक्का-मुक्की का आरोप
- एफआईआर में पुलिस से धक्का-मुक्की का आरोप है तथा सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि इस धक्का-मुक्की में एक पुलिसकर्मी का हाथ टूट गया है।
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BPSC अभ्यर्थियों के लिए आमरण अनशन करने वाले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। पटना में प्रशांत किशोर पर अब तीसरा केस दर्ज किया गया है। इससे पहले 26 दिसंबर को मार्च और 2 जनवरी को बिना इजाजत गांधी मैदान में अनशन पर बैठने के लिए भी उन पर केस दर्ज हुआ था। उन मुकदमों में गिरफ्तारी के बाद वो कोर्ट के आदेश पर थाने से ही जमानत पर छूट गए। बता दें कि बेमियादी अनशन कर रहे प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ गई है और फिलहाल वो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। पटना के पीरबहोर थाने में प्रशांत के खिलाफ तीसरी FIR दर्ज की गई है।
प्रशांत किशोर पर पटना में कोर्ट परिसर में भीड़ जुटाने और हंगाामा खड़ा करने का आऱोप लगा है। राजधानी पटना के पीरबहोर थाने में यह केस दर्ज हुआ है। पीके के साथ-साथ उनके 150- 200 समर्थकों पर भी केस दर्ज हुआ है। एफआईआर में पुलिस से धक्का-मुक्की का आरोप है तथा सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का भी आरोप है। एफआईआर में यह भी कहा गया है कि इस धक्का-मुक्की में एक पुलिसकर्मी का हाथ टूट गया है। यह कहा गया है कि कोर्ट परिसर में विधि-व्यवस्था को खराब करने की कोशिश की गई है।
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर को पेट में दर्द के बाद मंगलवार की सुबह मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। उनकी हालत स्थिर है। अस्पताल के निदेशक डॉ. रविशंकर सिंह ने कहा कि इलाज के बाद उनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। जल्द ही वे आईसीयू से बाहर हो जाएंगे।
बताया जा रहा है कि पटना सिविल कोर्ट परिसर में हंगामा करने और पुलिस की गाड़ी में बैठ कर मीडिया को संबोधित करने का आरोप भी इस एफआईआर में लगाया गया है। बता दें कि सोमवार की अहले सुबह पीके को पटना पुलिस ने अरेस्ट किया था। जिसके बाद गांधी मूर्ति के पास अनशन स्थल को खाली करवाया गया था। बाद में प्रशांत किशोर को कोर्ट ले जाया गया था। यहां 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर पीके को जमानत मिल सकी थी।
हालांकि, इन सब के बीच प्रशांत किशोर ने कहा था कि उनका अनशन जारी रहेगा। पटना जिला प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि प्रशांत किशोर को बेऊर जेल नहीं ले जाया गया था बल्कि कोर्ट में जमा भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशांत किशोर को वहां से हटा कर बेऊर थाने मेें ले जाया गया था।