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स्लैब टूटे और नाला जाम, हॉस्टल से जलनिकासी की व्यवस्था नाकाफी

मोतिहारी के कुशवाहा क्षत्रिय छात्रावास में रहने वाले छात्रों को सड़क की खराब स्थिति, नाले की सफाई न होने और कचरा उठाने की व्यवस्था की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के दौरान जलजमाव...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSun, 27 April 2025 11:53 PM
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स्लैब टूटे और नाला जाम, हॉस्टल से जलनिकासी की व्यवस्था नाकाफी

मोतिहारी शहर के वार्ड 34 स्थित कुशवाहा क्षत्रिय छात्रावास में रह रहे पांच दर्जन से अधिक छात्रों को कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। छात्र क्षतग्रिस्त स्लैब से होकर गुजरते हैं। पीसीसी सड़क के एक दर्जन से अधिक स्लैब टूटकर खतरे को दावत दे रहे हैं। नाले पर कई जगह तो टूटकर स्लैब गायब हो चुके हैं। सड़क में होल बन चुका है। छात्रों का कहना है कि दिन में संभलकर निकल जाते हैं लेकिन रात में अंधेरा होने पर मोबाइल की रोशनी में गुजरना पड़ता है। सबसे अधिक दक्कित बरसात के दिनों में इस सड़क से होकर आने-जाने में छात्रों को होती है। इनका कहना है कि हॉस्टल परिसर में पानी भरकर नाला के ऊपर जमा हो जाता है। पानी गंदा होने से छात्रों को आने-जाने में पता नहीं चल पाता कि सड़क में कहां होल है। कई बार तो छात्र इस होल में गिरकर चोटिल हो चुके हैं। इसके बावजूद यह समस्या जस की तस बनी हुई है। छात्रों की चिंता इस बात से है कि इन समस्याओं के समाधान को लेकर निगम के अधिकारी व जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं दिखते हैं।

नाले की नहीं होती सफाई, बदबू से परेशानी

छात्र सुनील कुमार, महंत कुमार, रजनीश कुमार के अनुसार, नाले की साफ-सफाई नहीं होती है। इसमें गंदगी की मोती गाद जम चुकी हैं। गंदगी से पटा यह नाला मच्छरों का बसेरा बन गया है। इसके बावजूद डीडीटी या ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव तो दूर की बात, इसकी सुधि लेने भी कोई नहीं आता।

न डस्टबिन और न कचरे का उठाव

छात्र अखिलेश कुमार, सोनू कुमार, टून्ना कुमार सिंह ने बताया कि हॉस्टल में इतनी तादाद में छात्रों के रहने के बावजूद कचरा उठाव की व्यवस्था काफी लचर है। यहां आज तक न तो कोई डस्टबिन रखा गया और न कचरा उठाव की कोई व्यवस्था है। इस कारण छात्रों को कचरा नष्पिादन में काफी परेशानी होती है।

हॉस्टल परिसर से जलनिकासी के लिए प्रबंधन ने लगाया मोटर पंप

छात्र शैलेंद्र कुमार सिंह, सुमन कुमार, दिनेश् कुमार तिरंगा के अनुसार,हॉस्टल में इतनी तादाद में छात्रों के रहने से स्नान से लेकर खाना बनाने में पानी का अधिक उपयोग होता है। जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने से परिसर में बने हौज में पानी को स्टॉक किया जाता है। फिर इसे मोटर पंप से पाइप के सहारे नाले में गिराया जाता है लेकिन बरसात के समय जब हॉस्टल परिसर में जलजमाव हो जाता है तब जलनिकासी के लिए कोई उपाय नहीं सूझता। इससे छात्रों को हॉस्टल से बाहर निकलने में काफी दक्कित होती है। इसमें हॉस्टल प्रबंधन को बेवजह पैसे खर्च करने पड़ते हैं।

सड़क पर नहीं लगता झाड़ू, गंदगी का अंबार

छात्र सुनील कुमार, महंत कुमार, रजनीश कुमार ने बताया कि सड़क पर सफाई कर्मी झाड़ू नहीं लगाते । लिहाजा सड़क गंदगी से पटी रहती हैं। सड़क पर पालीथीन से लेकर अन्य कचरा हवा में उड़ता रहता है। कचरा उड़कर मुहल्ले के लोगों के घरों तक पहुंच जाता है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है। हॉस्टल परिसर में पीएचईडी के द्वारा हैंड पंप लगाया गया है। शुरुआती दिनों में हैंड पंप से पेयजल का काम हो रहा था। लेकिन वर्षों से बंद पड़ने से पानी की समस्या खड़ी रहती है। हालांकि छात्रों की संख्या अधिक होने से हॉस्टल प्रबंधन ने हैंड पंप लगाया है।

शिकायतें

1.सड़क के बीच बने नाले का स्लैब क्षतग्रस्ति है। इससे छात्रों व स्थानीय लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।

2. नाले की सफाई नहीं होती है। इससे नाला जाम रहता है। पानी की निकासी भी बाधित हो रही है।

3. डस्टबिन नहीं रखने से कचरा रखने में परेशानी होती है। इससे कचरा इधर-उधर फैला रहता है।

4. नाले का कनेक्शन हॉस्टल परिसर से नहीं होने से जलनिकासी की समस्या बेहद गंभीर हो गयी है।

5. पीएचईडी का हैंड पंप वर्षों से खराब है। इससे लोगों को पेयजल संकट से जूझना पड़ता है। गर्मी में परेशानी और बढ़ गयी है।

सुझाव

1.मोहल्ले के नाले के क्षतग्रस्ति स्लैब को बदल नया लगाना जरूरी है। इससे लोगों को आवागमन में सुविधा होगी।

2. नाले की सफाई कराना आवश्यक है ताकि पानी का बहाव सही तरीके से हो सके। ऐसा नहीं होने पर बरसात में परेशानी होगी।

3. डस्टबिन की व्यवस्था हो ताकि कचरा रखा जाए। डस्टबिन नहीं रहने से कचरा इधर-उधर फैल जाता है।

4. हॉस्टल परिसर से नाले का कनेक्शन कराकर जलनिकासी की व्यवस्था कराई जाए।

5. पीएचईडी के हैंड पंप की मरम्मत कराकर पेयजल सुचारू कराया जाए ताकि भीषण गर्मी में पेयजल की समस्या नहीं रहे।

बोले जम्मिेदार

नाले के टूटे स्लैब का नर्मिाण कराया जा रहा है। इसे तुरंत बदला जाएगा ताकि आवागमन में छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। नाला की तुरंत सफाई कराई जाएगी। कचरा रखने के लिए डस्टबिन की व्यवस्था कराई जाएगी ताकि कचरे का नियमित उठाव हो सके। पीएचईडी का जो हैंड पंप खराब पड़ा है। इसे दुरुस्त कराने की तुरंत पहल की जाएगी। डॉ.लालबाबू प्रसाद, डप्टिी मेयर, मोतिहारी

हॉस्टल प्रबंधन छात्रों के पठन-पाठन को लेकर काफी संजीदा रहता है। नाला स्लैब क्षतग्रस्ति होने से छात्रों को आवागमन में दक्कित होती है। नाला का कनेक्शन नहीं होने से हॉस्टल से जलनिकासी की व्यवस्था हॉस्टल प्रबंधन के द्वारा की गई है। इन समस्याओं के निदान के लिए प्रबंधन के द्वारा आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।

विजय कुमार सिंह, अध्यक्ष, के के हॉस्टल

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