वृद्ध की मौत के बाद शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप
दिघलबैंक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए लाए गए 70 वर्षीय राम प्रसाद साह की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर देर से आए और अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी थी। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी...

दिघलबैंक, एक संवाददाता। मंगलवार देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिघलबैंक में ईलाज के लिए लाये गये एक बुजुर्ग को समय रहते ईलाज नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई यह आरोप परिजनों ने लगाया है। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एनामुल हक से पूछे जाने पर उन्होंने वृद्ध की इलाज में देरी से मौत के मामले को खारिज किया है। मामला मंगलवार रात के करीब ग्यारह बजे का बताया जा रहा है जब अस्पताल में ईलाज कराने आये एक बुजुर्ग के परिजनों ने उस समय जमकर हंगामा किया जब डाक्टर ने मरीज को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप था कि रात के समय एमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था।
गार्ड के कहने पर करीब 45 मिनट बाद डॉक्टर आये तब तक मरीज की जान चली गई। मृतक की पहचान राम प्रसाद साह(70) वार्ड नं 2 दिघलबैंक पुराना मार्केट निवासी के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक राम प्रसाद साह को सांस लेने में हो रही परेशानी के बाद परिजनों द्वारा देर रात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टप्पू लाया गया। उस समय एमरजेंसी में कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं था। मरीज की लगातार हालत बिगड़ने से वहां मौजूद अस्पताल कर्मी से ऑक्सीजन लगाने की बात कहने पर बताया गया कि ऑक्सीजन खत्म हो गया है। इस बीच साथ आये परिजन मरीज कि बिगड़ती हालत को देखकर परेशान होने लगे और इस दौरान डॉक्टर की खोज में परिजनों ने अस्पताल का कोना कोना छान मारा। इस बीच अस्पताल के गार्ड द्वारा सूचना मिलने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. इनामुल हक अपने सरकारी आवास से आये और मरीज को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। मृत घोषित करते ही परिजन हंगामा करने लगे। मृतक के भाई सुन्दर साह और पुत्र परमानंद साह ने इस दौरान अस्पताल प्रबंधन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय पर डॉक्टर मौजूद रहते और समय रहते मरीज को ऑक्सीजन लगा दिया जाता तो उनकी जान बच जाती। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एनामुल हक से पूछे जाने पर उन्होंने वृद्ध की इलाज में देरी से मौत के मामले को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि सुबह से शाम तक लगातार ड्यूटी पर थे। रात 11 बजे के बाद वे आवास पर चले गए और यह संयोग कहिए कि उसी समय मरीज आ गया और इमेरजैंसी वार्ड का ऑक्सीजन भी दिन में समाप्त हुआ था जिसके जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। जबकि स्टोर में आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध था।
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