नीतीश के बिहार में निवेश की बहार; ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में पटना आ रहे 80 उद्योगपति
पटना में 19-20 दिसंबर को बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 यानि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होने जा रहा है। इस आयोजन में देश-विदेश से उद्योगपति, निवेशक और आर्थिक विशेषज्ञों का जमावड़ा लगेगा। जिससे बिहार में बड़ा निवेश आने की संभावना है। पिछली बार 50530 करोड़ के 278 निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए थे।
पटना के ज्ञान भवन में 19 दिसंबर से शुरू होने वाले दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में तमाम क्षेत्रों की कंपनियों के लगभग 80 प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है। बिहार बिजनेस कनेक्ट 2024 उद्योग विभाग की इस तरह की दूसरी पहल है। मंगलवार को पटना में उद्योग विभाग की सचिव वंदना प्रेयशी ने कहा कि राज्य में निवेशकों को आकर्षित करेंगे। हमें विश्वास है कि इस वर्ष निवेशकों और बिहार सरकार के बीच एमओयू बीते साल के मुकाबले ज्यादा होंगे।
बीते साल 50,530 करोड़ रुपये की कुल 278 निवेश प्रस्तावों पर एमओयू साइन हुए थे। प्रेयशी ने पटना के होटल मौर्या में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल आए 278 प्रस्तावों में 38,000 करोड़ की 244 परियोजनाएं पहले ही लागू की जा चुकी हैं। प्रेयशी ने कहा कि ये आयोजन उद्योग विभाग द्वारा आयोजित वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन है। जिसमें खाद्य प्रसंस्करण, सामान्य विनिर्माण, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, रसद, प्लास्टिक और रबर, नवीकरणीय ऊर्जा, कपड़ा, चमड़ा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों के प्रमुखों के भाग लेने की उम्मीद है।
उन्होने कहा कि इस आयोजन को लेकर निवेशकों जबरदस्त उत्साह है। हमें सोमवार को रजिस्ट्रेशन बंद करना पड़ा, क्योंकि हम गोलमेज बैठक के लिए शीर्ष उद्योगपतियों की संख्या को 80 तक सीमित रखने की कोशिश कर रहे हैं। उद्घाटन के बाद, हमारे पास बिहार की औद्योगिक नीति, सूचना प्रौद्योगिकी पर क्षेत्रीय सत्र होंगे , श्रम, ऊर्जा और पर्यटन पर पूर्ण सत्र होगा।
प्रेयशी ने कहा कि हम देखेंगे कि विदेशी निवेशक आते हैं या नहीं, लेकिन हम व्यक्तिगत और ऑनलाइन दोनों तरह से लगभग 5,000 प्रतिनिधियों की भागीदारी की उम्मीद कर रहे हैं। प्रेयशी ने कहा कि राज्य सरकार एक नई निवेश प्रोत्साहन नीति पर काम कर रही है, जिसमें फार्मास्यूटिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण और जैव ईंधन पर विशेष जोर दिया गया है। इससे पहले, उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि बिहार एक नए औद्योगिक युग में प्रवेश कर रहा है और निवेशक शिखर सम्मेलन बिहार में निवेश के अवसरों और व्यापार करने में आसानी को दर्शाएगा।
उद्योग मंत्री ने सरकार की नीतियां निवेशकों के अनुकूल है। सरकार ने पिछले वर्ष 337 इकाइयों को 853 करोड़ रुपये का इन्सेंटिव दिया है। 3400 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है। 422 इकाइयों में 35 हजार करोड़ निवेश का प्रस्ताव आया है। हमारा मकसद राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना है। राज्य में केंद्र की मदद से विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाए जा रहे हैं। गया में 1700 एकड़ में इंडस्ट्रियल कोरिडोर बन रहा है। सात जिलों में उद्योग लगाने के लिए भूमि बैंक बनाए जा रहे हैं, अन्य जिलों में बढ़ाया जा रहा है।
इस बात पर जोर देते हुए कि बिहार में उत्तर भारत का विकास इंजन बनने की क्षमता है, उद्योग मंत्री ने कहा कि दो दिवसीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक शिखर सम्मेलन उद्योग विभाग के प्रयासों की परिणति होगी। पिछले 10 महीनों में कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, लुधियाना, कानपुर, कोयंबटूर, पटना और गया में सम्मेलन आयोजित करके निवेशकों तक पहुंच बनाई गई।