ias sanjeev hans friend vipul bandsal said also took bribe from mumbai farm आईएएस संजीव हंस के खिलाफ रिश्वत का एक और मामला, ED के सामने दोस्त विपुल बंसल ने किया खुलासा, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar Newsias sanjeev hans friend vipul bandsal said also took bribe from mumbai farm

आईएएस संजीव हंस के खिलाफ रिश्वत का एक और मामला, ED के सामने दोस्त विपुल बंसल ने किया खुलासा

ईडी के आरोप पत्र के अनुसार बंसल ने खुलासा किया कि हंस ने बेंच के आदेश का अनुपालन करने और सारंगा अग्रवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए आरएनए कॉर्प के लिए एनसीडीआरसी बेंच से दो अलग-अलग तारीखों की व्यवस्था की।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाWed, 30 April 2025 05:49 AM
share Share
Follow Us on
आईएएस संजीव हंस के खिलाफ रिश्वत का एक और मामला, ED के सामने दोस्त विपुल बंसल ने किया खुलासा

जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस ने तत्कालीन केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री के निजी सचिव रहते राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) से अनुकूल फैसला दिवलवाने के लिए मुंबई के एक रियल्टी फर्म से एक करोड़ की रिश्वत ली थी। ईडी ने अपने अभियोजन शिकायत में यह आरोप लगाया है। एजेंसी ने यह आरोप हंस के मित्र विपुल बंसल के स्वीकार नामे के आधार पर लगाया है, जो उस फर्म में कार्यरत थे और इस सौदे में बिचौलिये की भूमिका निभा रहे थे।

आरोप पत्र के अनुसार बंसल ने खुलासा किया कि हंस ने बेंच के आदेश का अनुपालन करने और सारंगा अग्रवाल की गिरफ्तारी को रद्द करने के लिए आरएनए कॉर्प के लिए एनसीडीआरसी बेंच से दो अलग-अलग तारीखों की व्यवस्था की। ईडी सूत्रों के अनुसार रिश्वत संजीव हंस के एक परिचित शादाद खान के माध्यम से भुगतान किया गया था।

ये भी पढ़ें:संजीव हंस और गुलाब यादव पर स्पेशल कोर्ट ने लिया संज्ञान, 30 अप्रैल को सुनवाई
ये भी पढ़ें:संजीव हंस पर और कसेगा शिकंजा, अब नई FIR दर्ज करने की तैयारी; ठेकेदार भी रडार पर

एनसीडीआरसी उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के उपभोक्ता मामलों के विभाग के तहत काम करता है। हंस तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री के निजी सचिव के रूप में 3 जुलाई 2014 से 30 मई 2019 तक कार्यरत थे। ईडी के आरोपपत्र के अनुसार, आरएनए कॉर्प के पेरोल पर रहने वाले बंसल ने कथित तौर पर हंस और फर्म के प्रमोटर अनुभव अग्रवाल के बीच बैठक कराई थी, ताकि अनुकूल फैसला आये और उनकी गिरफ्तारी को रोका जा सके।

ये भी पढ़ें:संजीव मुखिया के गैंग में बेटा, राजस्थान पुलिस को भी पेपर लीक मास्टरमाइंड की तलाश
ये भी पढ़ें:पेपर लीक केस में EOU की रडार पर कई डॉक्टर, पैसों के लिए संजीव मुखिया के सॉल्वर