Hindi Newsबिहार न्यूज़Headmaster reached school drinking alcohol in Muzaffarpur Bihar when asked said on leave

VIDEO: शराबबंदी की ऐसी-तैसी! दारू पीकर स्कूल पहुंचे हेडमास्टर साहब, पूछने पर बोले- छूट्टी पर हैं

  • मुजफ्फरपुर के विशुनपुर जगदीश राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जयकिशुन बैठा नशे में स्कूल पहुंच गए। जब लोगों नें पूछा तो खुद को छुट्टी पर बताने लगे। हालांकि पुलिस के आने से पहले ही मास्टर साहब फरार हो गये।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 7 Feb 2025 03:24 PM
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VIDEO: शराबबंदी की ऐसी-तैसी! दारू पीकर स्कूल पहुंचे हेडमास्टर साहब, पूछने पर बोले- छूट्टी पर हैं

Bihar Liquor Ban: पूर्ण शराबबंदी वाले नीतीश कुमार के बिहार में सरकारी सेवक भी कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। शराब के नशे में धुत एक सरकारी स्कूल में पहुंचे हेडमास्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। औराई प्रखंड के विशुनपुर जगदीश राजकीय प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जयकिशुन बैठा को जब लोगों नें नशे की हालत में पकड़ा तो खुद को छुट्टी पर बताने लगे। हालांकि पुलिस के आने से पहले ही मास्टर साहब फरार हो गये। लाइव हिन्दुस्तान इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे रोज पीकर आते हैं और छात्र-छात्राओं को परेशान करते हैं।

बुधवार को मास्टर साहब नशे की हालत में स्कूल जा रहे थे। रास्ते में जब लोगों ने पकड़ लिया तो भागकर स्कूल में पहुंच गए। गांव के लोग वहां भी पहुंच गए। शराब पीकर कानून भंग करने की बात जब उनसे पूछा गया तो कहने लगे कि छुट्टी पर हैं, रजिस्टर देख लीजिए। नशे में धुत हेडमास्टर साहब ने स्कूल में जमकर ड्रामा किया। जब उनसे पूछा गया कि स्कूल का संचालन कैसे करते हैं तो कहने लगे की सब बात स्टाफ लोग समझते हैं और रसोईया से पूछ लीजिए कि हम क्या करते हैं या नहीं करते हैं। थाना बुलाने की बात पर जयकिशुन साह ने कहा कि आप लोग रोज आकर मेरा वीडियो बनाइए। हालांकि पीने बात स्वीकार करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि रोज नहीं पीते हैं, कभी कभार पी लेते हैं।

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स्थानीय युवक प्रभात कुमार ने कहा कि हेडमास्टर साहब रोज शराब पीकर स्कूल आते हैं। जब उनका आचरण ऐसा होगा तो बच्चे क्या करेंगे। शराब के नशे में बच्चों को परेशान करते हैं एवं विद्यालय की व्यवस्था को पूरी तरह खराब करके रख दिया है। विधालय के शौचालय में ताला बंद रखते हैं जिस कारण बच्चों खासकर छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इनके खिलाफ शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को कार्रवाई करना चाहिए।

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