बिहार में आसमानी आफत! मधुबनी में बिजली गिरने से तीन की मौत, दरभंगा में भी गई जान; गेहूं की फसल भी बर्बाद
- दरभंगा जिले के बिरौल थाना क्षेत्र के लदहो कटैया गांव में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के दौरान वज्रपात से एक बुजुर्ग की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। मृतक स्व. लखन चौपाल के 68 वर्षीय पुत्र जवाहर चौपाल थे। बारिश के दौरान वह खेत थ्रेसरिंग हुई गेहूं लाने गए थे। इसी दौरान वज्रपात की चपेट में आ गए।

बिहार में अचानक मौसम ने करवट ली है और कई जिलों में बारिश और वज्रपात की सूचना है। बिहार में बदले मौसम ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी है तो वहीं कुछ जगहों पर बारिश और वज्रपात कहर बनकर भी इंसानों पर टूटा है। राज्य के अलग-अलग जिलों में कई हादसे हुए हैं। मधुबनी जिले में वज्रपात की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है। यहां बुधवार सुबह आकाशीय बिजली (ठनका) गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई। जिसमें दो महिला और एक पुरुष शामिल है। दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में घटना हुई। एक घटना झंझारपुर थाना क्षेत्र के पिपरौलिया पंचायत वार्ड 4 में हुई, जबकि दूसरी घटना रुद्रपुर थाना क्षेत्र के ननौर पंचायत स्थित अलपुरा गांव वार्ड 10 में हुई। दोनों ही घटना में आकाश में बादल देख लोग गोइठा एवं गेहूं की कटी फसल को ढकने के लिए गए थे। तभी आकाशीय बिजली के चपेट में आ गए। तत्काल ही उनकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार बारिश में अपने गोइथा को ढकने के लिए गई 47 वर्षीय महिला के शरीर पर ठनका गिर गया। तत्काल मौत हो गई। मृत महिला की पहचान वार्ड 4 निवासी रमन कुमार महतो की पत्नी दुर्गा देवी (47 वर्ष)के रूप में हुई है। दुर्गा देवी के पति रमन कुमार महतो दो दिन पूर्वी मजदूरी करने पंजाब गए हुए थे। मौत की सूचना मिलते ही वह वापसी का ट्रेन पकड़ रहे हैं। अररिया संग्राम थाना प्रभारी अरविंद कुमार ने बताया कि बॉडी पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। आपदा के तहत हुई मौत की जानकारी आपदा प्रबंधन पदाधिकारी को भी दी जा रही है।
दूसरी घटना अंधराठाढ़ी प्रखंड के रुद्रपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ननौर पंचायत के अलपुरा गांव में घटित हुई। बुधवार की सुबह आकाश में बादल को देख घर से लगभग 300 मीटर दूर काटे गए गेहूं के बोझ को पॉलिथीन से ढकने के लिए दोनों पिता-पुत्री खेत गए थे। उनके साथ उनका पुत्र भी गया था। अचानक ठनका गिरी। जिसकी चपेट में पिता-पुत्री दोनों आ गए और दोनों की मौत वहीं पर हो गई। जबकि पुत्र बाल बाल बचे। वह दहशत में है। जानकारी मिलते ही गांव में कोहराम मच गया है। रुद्रपुर थानाध्यक्ष आयशा कुमारी ने बताया कि सूचना मिली है। पोस्टमार्टम के लिए तैयारी की जा रही है। आकाशीय बिजली से एक साथ हुई तीन मौत से दोनों पंचायत में मातम छाया हुआ है।
दरभंगा जिले में एक की मौत
इधर दरभंगा जिले के बिरौल थाना क्षेत्र के लदहो कटैया गांव में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश के दौरान वज्रपात से एक बुजुर्ग की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। मृतक स्व. लखन चौपाल के 68 वर्षीय पुत्र जवाहर चौपाल थे। बारिश के दौरान वह खेत थ्रेसरिंग हुई गेहूं लाने गए थे। इसी दौरान वज्रपात उसके शरीर पर ही गिर गया जिससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी। घटना करीब सुबह 7:45 बजे की बतायी जा रही है। इसकी जानकारी मिलते ही मृतक के परिजनों एवं गांव में कोहराम मच गया है। ग्रामीणों की सूचना पर सीओ आदित्य शंकर एवं थाने के पुलिस अधिकारी दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मामले में कागजी प्रक्रिया की जा रही है।
नवादा में वज्रपात से 4 लोग झुलसे
वहीं नवादा जिले के वारिसलीगंज में वज्रपात की चपेट में आने से चार लोग झुलस गए हैं। थाना क्षेत्र के मिल्की गांव स्थित दो मंजिला मकान पर बुधवार की सुबह घटना हुई है। इसमें घर में रहे चार लोग गंभीर रूप से झुलस गए। घर का चार एंड्रॉयड मोबाइल फोन भी क्षतिग्रस्त हो गया है। पीएचसी में इलाज के बाद सभी चारों को सदर अस्पताल नवादा रेफर किया गया है।
गेहूं की फसल पर बर्बाद
बिहार में इस बार गर्मी अपेक्षा से थोड़ा पहले आ गई थी। मार्च के महीने में ही गर्मी का असर दिखने लगा था। कृषि विशेषज्ञों ने उसी वक्त अनुमान जताया था कि तापमान में बढ़ोतरी की वजह से इसकी मार गेहूं के फसल पर पड़ सकती है। विशेषज्ञों ने कहा था कि अत्यधिक गर्मी होने की वजह से गेहूं के दाने विकसित होने से पहले पक सकते हैं। एक तरफ गर्मी की मार तो दूसरी तरफ बिहार में इस बदले मौसम की मार भी गेहूं के फसलों पर पड़ी है। बेमौसम बारिश की वजह से कई जिलों में गेहूं के फसलों को नुकसान हुआ है।
इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। तेज हवा और बारिश से गेहूं के दाने कमजोर हो जाते हैं, जिससे उपज पर असर पड़ता है। मौसम विभाग ने पहले ही बताया है कि कई जिलों में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इसके अलावा 13 अप्रैल तक कुछ जिलों में बारिश का दौर रह सकता है। आपको बता दें कि तेज हवाओं की वजह से गेहूं की फसल गिर सकती है। इसकी वजह से कटाई में भी दिक्कतें आएंगी। गर्म और नम मौसम की वजह से गेहूं की फसलों में रोग लगने की संभावना अत्यधिक हो जाती है। हालांकि, इस बेमौसम बारिश की वजह से गेहूं की कितनी फसल बर्बाद हुई है अभी इसका आंकड़ा सामने नहीं आया है।
लीची को भी नुकसान
बिहार में अप्रैल महीने में ही तापमान के 41 डिग्री के आसपास पहुंच जाने के कारण इस साल लीची के फसल पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।इस साल हालांकि लीची के पेड़ों पर भरपूर मंजर आया है। अप्रैल में अचानक तापमान में तेजी से वृद्धि होने के कारण उद्यान मालिकों और इस व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों की चिंता बढ़ने लगी है. उन्हें मंजर झड़ने का डर सताने लगा है