यूपी से बिहार तक गंगा नदी में जलीय जीवों पर संकट, गिर रहा ऑक्सीजन लेवल; सीओडी ने बताई वजह
- बिहार में भागलपुर, कहलगांव, मुंगेर, बड़हिया और बक्सर में खतरनाक स्थिति है। वर्ष 1981 से 2024 के बीच का आंकड़ा दोगुना से अधिक हो गया है। सिर्फ बटेश्वर के पास ही गंगा की सतह का बीओडी आंशिक बढ़ा मिला। सघन आबादी वाले कुछ जगहों में गंगा का प्रदूषण का स्तर पूरी तरह कम नहीं हो पाया।
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यूपी से बिहार तक गंगा के पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा है। इससे गंगा में मौजूद जलीय जीवों पर संकट मंडरा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ तीन दशक (1981 से 2024 के बीच) में गंगा के सतह की बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) दोगुनी बढ़ गई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बीओडी और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) यदि बढ़ा पाया जाता है तो इसे हाइपोक्सिया कहते हैं, जो जलीय जीव ही नहीं, पानी का सेवन करने वाले मनुष्य और जानवरों को गंभीर रोगों की चपेट में लाता है। हाइपोक्सिया और एनोक्सिया से मछली का जीवन चक्र प्रभावित होता है। सीपीसीबी की रिपोर्ट पर जलशक्ति मंत्रालय सुधार की नीति तैयार कर रहा है। बोर्ड समय-समय पर गंगा और यमुना के ग्राउंड वाटर लेवल की जांच कराता रहता है।
बिहार में भागलपुर, कहलगांव, मुंगेर, बड़हिया और बक्सर में खतरनाक स्थिति है। वर्ष 1981 से 2024 के बीच का आंकड़ा दोगुना से अधिक हो गया है। सिर्फ बटेश्वर के पास ही गंगा की सतह का बीओडी आंशिक बढ़ा मिला। देशभर में लॉकडाउन से वायु प्रदूषण घटा था। सघन आबादी वाले कुछ जगहों में गंगा का प्रदूषण का स्तर पूरी तरह कम नहीं हो पाया।
डाउन स्ट्रीम में बीओडी की मात्रा निरंतर बढ़ रही
सीपीसीबी की रिपोर्ट बताती है कि गंगा के डाउन स्ट्रीम की दिशा में बीओडी की मात्रा में निरंतर बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि उत्तराखंड में हरिद्वार, गढ़मुक्तेश्वर, नरौरा के रास्ते उत्तर प्रदेश के कन्नौज, बिठूर, कानपुर, दलमाऊ रायबरेली, प्रयागराज, त्रिघाट गाजीपुर, वाराणसी होते हुए बिहार में बक्सर, पटना, बड़हिया, मोकामा, मुंगेर, सुल्तानगंज, भागलपुर, कहलगांव और झारखंड में साहिबगंज होकर प. बंगाल के दक्षिणेश्वर तक गंगा में बीओडी की मात्रा बढ़ी हुई है। पश्चिम बंगाल में बीओडी की मात्रा अत्यधिक है। जहां औद्योगिक गतिविधियां बंद हैं, वहां सीओडी की मात्रा में कमी आई है।
बिहार में प्रमुख स्थलों की बीओडी कितनी
स्थल बीओडी (ग्राम/लीटर)
चौसा (बक्सर) 1.3 से बढ़कर 2.7
पटना (दरभंगा घाट) 2.3 से बढ़कर 2.8
बड़हिया 0.8 से बढ़कर 2.5
मुंगेर 1.2 से बढ़कर 2.7
भागलपुर 1.0 से बढ़कर 2.7
कहलगांव 1.7 से बढ़कर 2.6
गंगा में गंदगी रोकने से बीओडी पर कंट्रोल
टीएमबीयू के रीवर बायोलॉजिस्ट एंड रीवर डॉल्फिन एक्सपर्ट डॉ. सुनील चौधरी बताते हैं, गंगा में जलीय जीवों की मौजूदगी में बीओडी की अहम भूमिका होती है। यही वजह है कि बिहार में डॉल्फिन हमेशा साफ और गहरे पानी में रहती है। गंगा में गंदगी का बहाव रोककर ही बीओडी लेवल कंट्रोल में रह पाएगा।