बिहार में बच्चों की मौत पर होगा कंट्रोल, 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव; नीतीश सरकार का प्लान समझें
टीकाकरण केंद्र बढ़ने से शिशुओं का शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण करने में मदद मिलेगी। इससे संभावित बीमारियों को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा। इससे पहले सितंबर में राज्य के 38 जिलों के प्रत्येक प्रखंड में दो-दो चिन्हित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नए टीकाकरण कॉर्नर शुरू किए गए थे।
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बिहार में शिशु मृत्यु दर रोकने को राज्य के एक हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में टीकाकरण केंद्र खुलेंगे। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य इसी वित्तीय वर्ष में ही नए टीकाकरण केंद्र(कॉर्नर) चालू करने की है। इसकी तैयारी तेज कर दी गई है। राज्य में शिशु और मातृ मृत्यु दर नगण्य करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की यह तैयारी है।
टीकाकरण केंद्र बढ़ने से शिशुओं का शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण करने में मदद मिलेगी। इससे संभावित बीमारियों को बहुत हद तक कम किया जा सकेगा। इससे पहले सितंबर में राज्य के 38 जिलों के प्रत्येक प्रखंड में दो-दो चिन्हित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर नए टीकाकरण कॉर्नर शुरू किए गए थे।
नियमित टीकाकरण सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जाता है। हर साल लगभग 32 लाख गर्भवती महिलाओं को टिटनस और गलघोंटू से सुरक्षा के लिए टीका लगाया जाता है। राज्य, क्षेत्रीय, जिला और प्रखंड स्तर पर 735 शीत शृंखला भंडार स्थापित हैं।
सप्ताह में तीन दिन लगेंगे टीके राज्य में टीका कॉर्नर के जरिए सप्ताह में 3 दिन सोमवार, मंगलवार और गुरुवार को नियमित टीकाकरण किया जाता है। टीकाकरण लक्ष्य कम से कम 95 प्रतिशत प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, यह पिछले छह माह से लगातार 87 फीसदी के आसपास बना हुआ है। नए टीकाकरण केंद्र खुलने से बच्चे और गर्भवती महिलाएं आवश्यक टीकाकरण सेवाओं से वंचित नहीं रहेंगी। टीकाकरण लक्ष्य शत-प्रतिशत प्राप्ति के लिए मॉडल टीकाकरण केन्द्र का संचालन, मुख्यमंत्री सघन टीकाकरण अभियान, समय- समय पर मिशन इन्द्रधनुष अभियान चलाए जा रहे हैं।
भर्ती प्रक्रिया जल्द
नियमित टीकाकरण को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में लगभग 12 हजार और नर्सों की जल्द बहाली करने की तैयारी है। इसके साथ आवश्यक स्वास्थ्य कर्मियों की भी बहाली होनी है।
12 बीमारियों से होगा बचाव
नियमित टीकाकरण के जरिए 30 लाख बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाए जाते हैं। इसमें पोलियो, गलघोंटू, काली खांसी, टीबी, टिटनस, हीमोफिलस इंफुलेंजी टाइप बी, न्यूमोनिया, हेपेटाइटिस बी, जापानी इंसेफलाइटिस, रोटा वायरस, खसरा और रूबैला शामिल हैं।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री
राज्य में और एक हजार टीकाकरण कॉर्नर खोले जाएंगे। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि जल्द ही टीकाकरण कॉर्नर चालू करा दिए जाएं। इसके साथ ही जल्द नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी बहाल किए जाएंगे। - मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री।