BSNL का नया सिम कार्ड लेने बिहार से केरल जाने की थी मजबूरी, फिर निकला हैरानी भरा जुगाड़
- सरकारी कंपनी बीएसएनएल के एक ग्राहक को खराब सिम कार्ड बदलने लेकिन पुराना नंबर चालू रखने के लिए बिहार के गया से केरल बुलाया गया था। नियम है कि जिस सर्किल से सिम जारी हुआ, वहीं बदला जा सकता है।

सरकार और सरकारी कंपनियों के नियम कभी-कभी आम आदमी ही नहीं, विभाग के लोगों के लिए भी गले की हड्डी बन जाते हैं। ऐसा ही हुआ है भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के साथ, जिसके एक ग्राहक को अपना 27 साल पुराना नंबर बचाने के लिए बिहार के गया से 2600 किलोमीटर दूर केरल का टिकट कटाना पड़ा। ग्राहक का सिम कार्ड खराब हो गया है। पुराने नंबर के साथ नया सिम कार्ड लेने के लिए बीएसएनएल के नियमों के तहत उन्हें केरल जाना होगा। इस बात की जानकारी होने पर बिहार के बीएसएनएल अधिकारियों ने कुछ जुगाड़ निकाला है लेकिन ग्राहक को नए सिम कार्ड का इंतजार है।
ये अनोखा मामला गया के सत्यजीत कुमार का है। 62 साल के सत्यजीत कुमार केनरा बैंक में काम करते थे और डीजीएम पद से रिटायर होकर गया में बस गए हैं। सत्यजीत ने केनरा बैंक की सर्विस के दौरान झारखंड और केरल में काम किया है। उन्होंने 2007-08 में झारखंड के कोडरमा जिले में बीएसएनएल का प्रीमेड सिम कार्ड खरीदा था। नौकरी के दौरान जब उनकी पोस्टिंग केरल हो गई तो उन्होंने केरल में उसी नंबर का सिम कार्ड लिया था। रिटायरमेंट के बाद सत्यजीत उसी नंबर के साथ गया लौट गए। लेकिन जनवरी महीने में सिम कार्ड ने काम करना बंद कर दिया। 22 मार्च को सिम कार्ड की वैद्यता भी खत्म हो जाएगी।
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उन्होंने बीएसएनएल में संपर्क किया तो बताया गया कि विभागीय नियमों के तहत सिम कार्ड जिस सर्किल (क्षेत्र) से लिया गया है, उसी सर्किल से बदला जा सकता है। सत्यजीत ने इसके लिए केरल जाने को पटना से कोच्चि का टिकट भी करा लिया। उनकी परेशानी ये है कि रिश्तेदार और दोस्तों के पास उनका ये नंबर ही है। उनका आधार, बैंक खाता, नेटबैंकिंग सब इसी नंबर से जुड़ा है। इस नंबर को गंवाने का मतलब है सब कुछ नए सिरे से ठीक करना। इसलिए वो केरल जाने को तैयार थे लेकिन इस बीच बीएसएनएल के सीनियर अफसरों ने कुछ जुगाड़ निकाला है।
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बीएसएनएल के बिहार सर्किल के चीफ जनरल मैनेजर आरके चौधरी से जब हिन्दुस्तान टाइम्स ने इस मसले पर बात की तो उन्होंने विभाग के अफसरों को इस अनोखी समस्या का समाधान खोजने कहा। उन्होंने एचटी से कहा था कि उन्हें कुछ समय दिया जाए, वो कुछ रास्ता निकालेंगे। विभाग के अफसरों ने एक दिन की माथापच्ची और केरल के अफसरों से कई दौर की बातचीत के बाद ये रास्ता निकाला है कि सत्यजीत अपना पुराना सिम कार्ड सरेंडर कर दें और उन्हें भरोसा दिया गया है कि उन्हें झारखंड के कोडरमा से उनके पुराने नंबर का ही सिम कार्ड जारी किया जाएगा। गया से कोडरमा लगभग 100 किलोमीटर दूर है।
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सत्यजीत कुमार ने शनिवार को अपना सिम कार्ड सरेंडर कर दिया है और अपने आवेदन में पुराने नंबर के साथ नया सिम कार्ड देने का आग्रह बीएसएनएल से किया है। विभागीय अधिकारियों का अनुमान है कि उन्हें एक सप्ताह के अंदर पुराने नंबर का नया सिम कार्ड मिल जाएगा। सत्यजीत ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि झारखंड के रास्ते उन्हें उनका पुराना नंबर मिल जाएगा। बीएसएनएल के एक सीनियर अफसर ने बताया कि उनके मौजूदा सिम कार्ड में इंटर सर्किल स्वैपिंग की सुविधा नहीं है लेकिन यूनिवर्सिल सिम कार्ड की टेस्टिंग चल रही है जिसकी लॉन्चिंग के बाद इस तरह की समस्याओं का अंत हो जाएगा।