भाजपा आरक्षणखोर,आरक्षण चोर; चंद्रवंशी समाज के मंच पर भाषण करते बहक गए तेजस्वी
- तेजस्वी ने समझाया कि अगर केंद्र की बीजेपी सरकार आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल देती तो आरक्षण कोर्ट के फैसले से प्रभावित नहीं होता। लेकिन ऐसा नहीं कर रही है।
बिहार में चुनावी डंका बजने से पहले सियासी चहल पहल जोरों पर है। नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा की तो तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ता दर्शन कार्यक्रम रखा। एनडीए के दलों का संयुक्त सम्मेलन भी चल रहा है। सभी कार्यक्रमों एक बात कॉमन है कि अपने विरोधियों पर जुबानी हमला में कोई पीछे नहीं है। इस दौर में कई बार भाषाई मर्यादाएं भी टूट रही हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव रविवार को एक कार्यक्रम में भाषण करते समय बहक गए। आरक्षण के मुद्दे पर बोलते समय उन्होंने भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के नेताओं को चोर कह दिया।
मौका था पटना में चंद्रवंशी समाज के सम्मेलन का। तेजस्वी यादव को इसमें बतौर गेस्ट आमंत्रित किया गया था। जब नेता प्रतिपक्ष गए थे तो भाषण देना तो बनता था। डायस पर पहहुंचे तो आत्मविश्वास झलकने लगा। बोलते बोलते आरक्षण पर आ गए। निशाने पर थी भारतीय जनता पार्टी। ऐसे बिहार में जातीय सर्वे के बाद आरक्षण का मुद्दा गर्म है। तेजस्वी यादव बताने लगे कि कैसे बीजेपी की वजह से पिछड़े समाज को घाटा हो रहा है। कहने लगे हम लोगों ने आरक्षण की सीमा को पचास से बढ़ाकर पैंसठ कर दिया। दस प्रतिशत EWS ऊपर से। लेकिन कोर्ट के आदेश पर फिर यह सीमा 50 परसेंट हो गई।
तेजस्वी ने समझाया कि अगर केंद्र की बीजेपी सरकार आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाल देती तो आरक्षण कोर्ट के फैसले से प्रभावित नहीं होता। नीचे से तालियां बजी तो उत्साह बढ़ गया। कहने लगे भाजपा के लोग आरक्षणखोर और आरक्षण चोर हैं। कहने लगे- हमलोग चाहते हैं कि अंतिम पायदान के लोग मुख्य धारा में आएं और उनका मान सम्मान बढ़े। लेकिन बीजेपी वाले नहीं चाहते कि गरीब गुरबा आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र शुरू होगा तो यह मुद्दा उठाएंगे।बीजेपी अगर आरक्षण चोर नहीं है तो तमिलनाडु की तर्ज पर बिहर में आरक्षण को संविधान की नौंवी अनुसूची में शामिल करेगी।
तेजस्वी यादव इससे पहले चुनाव आयोग पर भी टिप्पणी कर चुके हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को बीजेपी का चीयरलीडर और कैंसर बताया था। वे नीतीश कुमार पर भी अक्सर व्यक्तिगत आक्षेप लगाते रहते हैं।