Siddharth Shines in JEE Advanced with 187th Rank Aspires for IIT in Computer Science सिद्धार्थ ने जेईई एडवांस में लहराया परचम, हासिल की 187वीं रैंक, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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सिद्धार्थ ने जेईई एडवांस में लहराया परचम, हासिल की 187वीं रैंक

सिद्धार्थ ने जेईई एडवांस में लहराया परचम, हासिल की 187वीं रैंक सिद्धार्थ ने जेईई एडवांस में लहराया परचम, हासिल की 187वीं रैंक

Sat, 7 June 2025 10:36 PMNewswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफ
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सिद्धार्थ ने जेईई एडवांस में लहराया परचम, हासिल की 187वीं रैंक

सिद्धार्थ ने जेईई एडवांस में लहराया परचम, हासिल की 187वीं रैंक बचपन में खिलौनों से खेलते-खेलते सीखी कोडिंग अब आईआईटी में पढ़ेंगे नालंदा के सिद्धार्थ फोटो: सिद्धार्थ: जेईई एडवांस में सफलता हासिल करने वाले सिद्धार्थ मैरा। कतरीसराय, निज संवाददाता। प्रखंड के मैरा गांव के सिद्धार्थ ने अपनी मेहनत और लगन से जिले का नाम रोशन किया है। उन्होंने देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस-2025 में ऑल इंडिया 187वीं रैंक हासिल की है। इस शानदार सफलता के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है। सिद्धार्थ को उम्मीद है कि उन्हें देश के शीर्ष तीन आईआईटी में से किसी एक में कंप्यूटर साइंस ब्रांच में दाखिला मिल जाएगा।

सिद्धार्थ के पिता डॉ. रंजीत कुमार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद में कृषि वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में हैदराबाद में कार्यरत हैं। उनकी मां अर्चना ने बेटे की बेहतर परवरिश के लिए गृहिणी बनना चुना। सिद्धार्थ की शुरुआती पढ़ाई हैदराबाद के दिल्ली पब्लिक स्कूल से हुई। उसके बाद उन्होंने जेईई की तैयारी के लिए फिटजी स्कूल में दाखिला लिया। उन्होंने जेईई मेन्स में भी 99.983 पर्सेंटाइल हासिल किया था। बचपन से ही थी कंप्यूटर में रुचि: सिद्धार्थ की रुचि बचपन से ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और कंप्यूटर में थी। उन्होंने महज 8-9 साल की उम्र में ही यूट्यूब की मदद से कोडिंग की भाषा 'पाइथन' सीख ली थी। इसी जुनून ने उन्हें इंजीनियरिंग की राह पर आगे बढ़ाया। अपनी सफलता का श्रेय वह नियमित पढ़ाई को देते हैं। वे हर दिन 8 से 10 घंटे पढ़ाई करते थे। भविष्य में स्टार्टअप शुरू करने का सपना: सिद्धार्थ भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में रिसर्च करना चाहते हैं और अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का सपना देखते हैं। उनकी बड़ी बहन भी तेलंगाना के एक सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस कर रही हैं। सिद्धार्थ ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के कारण वे पिछले कुछ समय से अपने गांव नहीं आ पाए, लेकिन उन्हें अपनी मिट्टी से गहरा लगाव है। छात्रों को दिया सफलता का मंत्र: जेईई की तैयारी कर रहे अन्य छात्रों को उन्होंने सलाह दी कि सोशल मीडिया जैसी ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि नियमित 8 घंटे की पढ़ाई और ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस टेस्ट हल करना ही सफलता की कुंजी है।

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