बिहार में जमीन सर्वे की मियाद एक साल बढ़ी, अब 2026 में खत्म होगा भूमि सर्वेक्षण
बिहार में चल रहे जमीन सर्वे की मियाद अब जुलाई 2026 तक बढ़ा दी गई है। पहले जुलाई 2025 तक भूमि सर्वेक्षण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।
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बिहार में भूमि सर्वेक्षण यानी जमीन सर्वे की मियाद एक साल और बढ़ा दी गई है। राज्य में अब जमीन सर्वे की प्रक्रिया जुलाई 2026 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। पहले यह सीमा जुलाई 2025 तय की गई थी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से सोमवार को इस संबंध में जानकारी दी गई। बता दें कि अक्टूबर-नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है। अब चुनाव के बाद ही जमीन सर्वे का काम पूरा हो पाएगा।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सोमवार को कहा कि राज्य में जमीन का सर्वे का काम जुलाई 2026 तक पूर्ण होगा। पहले यह समय सीमा जुलाई 2025 तक थी। पटना स्थित सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने ये बातें कहीं। सिंह ने कहा कि जो व्यक्ति जहां हैं, वहीं से जमीन सर्वे के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, इसके लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि 20 अगस्त 2024 को बिहार के 45000 राजस्व गांवों में जमीन सर्वे की प्रक्रिया को शुरू किया गया था। इसके बाद कई जगहों पर रैयतों (जमीन मालिकों) को जमीन के कागजात निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अंचल कार्यालयों में लंबी कतारें लग गईं। गांवों में जमीन सर्वे का विरोध भी होने लगा। इसका बाद राज्य सरकार ने सर्वे के नियमों में संशोधन किया और कागजात जमा करने की तारीख को भी आगे बढ़ाया।
पिछले कुछ दिनों से राज्य में भूमि सर्वेक्षण का काम धीमा हो गया है। अब राज्य सरकार ने इसकी समयसीमा भी आगे बढ़ा दी गई है। इससे रैयतों को भी राहत मिली है। उन्हें अपनी जमीन के कागजात निकालने का और समय मिल जाएगा।