बोले भागलपुर: स्मार्ट सिटी का तमगा लिए शहर का दक्षिण क्षेत्र ठगा महसूस कर रहा
शहर का चयन जब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए किया हर का दक्षिण क्षेत्र ठगा महसूस कर रहा
शहर का चयन जब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए किया गया तो दक्षिणी क्षेत्र के मोहल्ले के लोगों को उम्मीद जगी कि अब वे लोग भी उपेक्षित नहीं रहेंगे। लेकिन स्मार्ट सिटी की तमाम योजनाएं पूर्व से संवरे मोहल्लों तक सीमित रह गईं। दक्षिणी क्षेत्र अपने हाल पर रह गया। इस बात की टीस स्थानीय लोगों को है। दक्षिणी क्षेत्र में एक चर्चित महादेव तालाब तक का सौंदर्यीकरण नहीं हुआ। जबकि इसका धार्मिक महत्व भी है और यहां इलाके के लोग कई आयोजनों में इकट्ठे होते हैं। इस इलाके में सड़क, नाला जलापूर्ति, पार्क आदि की भी दिक्कत है। लोगों का कहना है कि हमलोग नगर निगम क्षेत्र में हैं और बराबर टैक्स देते हैं, लेकिन विकास योजनाओं में हमारी उपेक्षा होती है।
शहर के दक्षिणी क्षेत्र में लगभग ढाई लाख की आबादी बसती है। पुराना व्यावसायिक केन्द्र भी इधर ही था। लिहाजा इलाके का घनत्व अधिक है। लेकिन शहरी मानक के अनुरूप सुविधाएं नहीं हैं। जब स्मार्ट सिटी की योजना आयी तो यहां के लोगों को लगा शायद सैकड़ों करोड़ की इस योजना से अब उनका इलाका भी स्मार्ट हो जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। वहीं गलियां, वही नाले, उसी तरह जलजमाव, पानी के लिए नगर निगम की चिरौरी, न लोगों के घूमने के लिए कोई पार्क न बच्चों के खेलने के लिए कोई मैदान। हिन्दुस्तान के साथ चर्चा में स्थानीय लोगों ने बताया कि भागलपुर के महादेव तालाब स्थित भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, मां काली और रामभक्त हनुमान के मंदिर में सालों भर श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगा रहता है। यहां पर विशाल 24 कुण्डीय यज्ञ और कथावाचक द्वारा प्रवचन का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। बावजूद इसके नगर निगम और प्रशासनिक स्तर से इस क्षेत्र के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। यहां तक कि तालाब का सौंदर्यीकरण भी नहीं किया गया। जबकि छठ त्योहार में यहां इलाके के लोगों की भीड़ होती है। गंगा किनारे अगर रिवर फ्रंट बन सकता है तो महादेव तालाब को क्यों नहीं सुंदर बनाया जा सकता है। इससे यहां के लोगों को सुबह-शाम सुकून के दो पल बिताने की जगह मिल जाएगी। वार्ड नंबर 51 स्थित प्रसिद्ध महादेव तालाब के सौंदर्यीकरण और कुतुबगंज के विभिन्न मोहल्लों और कॉलोनी में सड़क और नाला निर्माण नहीं होने से वहां रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शहर के अंतिम वार्ड 51 स्थित बसंत विहार कॉलोनी, रामेश्वर नगर एवं रामनगर कॉलोनी में नाला निर्माण नहीं होने से स्थानीय लोगों को करीब 30 से 35 वर्षों से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर स्थानीय वार्ड 51 की पार्षद दीपिका कुमारी ने बताया कि कुतुबगंज के दर्जनभर कॉलोनियों में रहने वाले परिवारवालों से नगर निगम और सरकार टैक्स तो वसूलता है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर इस इलाके के लोगों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि महादेव तालाब का सौंदर्यीकरण कराने की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन निजी जमीन पर तालाब होने की बात कहकर निगम प्रशासन द्वारा टाल दिया जाता है, जबकि यहां स्थित महादेव मंदिर समेत सभी अन्य मंदिर दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और पूजा करते हैं। इसके सौंदर्यीकरण होने से यह इलाका लोगों के लिए धार्मिक आयोजनों के साथ पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित हो सकता है। स्थानीय लोगों ने एक और बड़ी समस्या पर ध्यान मुखरता से रखी जो थाना क्षेत्र का है। लोगों ने कहा कि कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी भागलपुर नगर निगम का हिस्सा है और यह मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत नहीं जा सकता है, इसलिए भागलपुर पुलिस प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों को इस दिशा में पहल कर दो थाना क्षेत्र के बीच फंसे इस सीमा विवाद को जल्द सुलझा लेना चाहिए, जिससे यहां की जनता अपनी सुरक्षा और समस्याओं को लेकर थाना में अपनी बात रख सके। पार्षद प्रतिनिधि शशी मोदी ने बताया कि बबरगंज थाना प्रभारी का कहना है कि कुतुबगंज उनके क्षेत्र में नहीं पड़ता है और बाईपास थाना में जाने पर वहां के थाना प्रभारी ने बताया कि कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी बबरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत आता है। जबकि शुरू से उनलोगों का थाना क्षेत्र बबरगंज ही रहा है, और यह इलाका मुफस्सिल क्षेत्र में नहीं बल्कि शहरी क्षेत्र में पड़ता है। उन्होंने बताया कि कोई भी समस्या, विवाद हो या कैरेक्टर सर्टिफिकेट या क्षेत्र के निवासी होने से संबंधित प्रमाणपत्र या वेरिफिकेशन की जरूरत हो, सभी जगहों पर स्थानीय थाना की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, लेकिन यहां तो दो थाना के बीच जनता झूलने को विवश है और प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस के वरीय पदाधिकारी पता लगाने की बात करते हैं, क्षेत्र के लोगों में इसको लेकर सुरक्षा की दृष्टि से भय का माहौल है। साथ ही बताया कि रामनगर कॉलोनी, सूरतनगर कॉलोनी, राजनाथ कॉलोनी, रामेश्वरनगर, मानिकपुर, कुतुबगंज, महमदाबाद, वारसलीगंज, बाबा बासुकीनाथ कॉलोनी, वसंत विहार कॉलोनी और न्यू एलआईसी कॉलोनी समेत कई जगहों पर अलग-अलग तरह की समस्या है, जिसमें कई ऐसी कॉलोनी है जहां तीन दशक से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सड़क और नाला की व्यवस्था नहीं है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय निवासी पंकज कुमार चौरसिया ने बताया कि महादेव तालाब में होने वाला छठ पर्व काफी प्रसिद्ध है और यहां दूर-दूर से लोग छठ महापर्व के अलावा भागवत महायज्ञ, महाशिवरात्री और अन्य पूजन अवसरों पर पहुंचते हैं, लेकिन इसके सौंदर्यीकरण के लिए नगर निगम द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया, जबकि यहां स्कूल और अस्पताल की भी व्यवस्था नहीं है। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि नगर निगम प्रशासन द्वारा तालाब की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता है, जबकि छठ महापर्व और अन्य आयोजनों पर स्थानीय लोगों और पूजा समिति के द्वारा साफ-सफाई कराई जाती है। साथ ही बताया कि सामने में बड़ी सी पानी टंकी बनी हुई है, लेकिन इस टंकी से उनलोगों को पानी नहीं मिलता है, जबकि बबरगंज फांड़ी के पास की जलमीनार से पानी सप्लाई करने की बात कही जा रही है, जो अबतक नहीं हो सका है।
ऐतिहासिक महादेव तालाब की बेबसी, जीर्णोद्धार की जरूरत
भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र के वार्ड संख्या 51 के प्रतिनिधि शशि मोदी ने प्राचीन महादेव तालाब के जीर्णोद्धार को लेकर बताया कि यह तालाब क्षेत्र का सबसे पुराना जलस्रोत है, लेकिन रखरखाव के अभाव में इसकी स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। यह तालाब न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि इसका धार्मिक और पर्यावरणीय महत्व भी है। तालाब के पास एक प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जिसका ऐतिहासिक विवरण भले ही स्पष्ट न हो, लेकिन आस्था का केंद्र जरूर है। तालाब का जीर्णोद्धार होने से न केवल क्षेत्र की सुंदरता में वृद्धि होगी, बल्कि इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तालाब में पानी संग्रहित रहने से आसपास के इलाके में जलस्तर बना रहता है, जिससे चापाकल सुचारू रूप से काम करते हैं और स्थानीय लोगों को जलसंकट का सामना थोड़ा कम करना होता है। उन्होंने बताया कि जब भी इस तालाब के जीर्णोद्धार के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाता है, जवाब मिलता है कि यह तालाब निजी संपत्ति है और प्रशासन इसके रखरखाव के लिए असमर्थ है। उन्होंने यह भी बताया कि यह तालाब धार्मिक आयोजनों के दौरान विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। शिवरात्रि और छठ पूजा के अवसर पर यहां सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं और पूजा-अर्चना कर अपनी आस्था व्यक्त करते हैं। छठ पर्व पर तालाब का किनारा श्रद्धालुओं से गुलजार रहता है।
थाना क्षेत्र की सीमा विवाद को लेकर स्थानीय लोग परेशान
भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में थाना के चल रहे सीमा विवाद को लेकर स्थानीय निवासी विक्रम कुमार ने बताया कि इस वजह से स्थानीय निवासियों की परेशानी बढ़ गई है। सूर्यलोक कॉलोनी और कुतुबगंज इलाके में रहने वाले लोगों को अपनी शिकायत दर्ज कराने में लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह इलाका पहले पूरी तरह से बबरगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से बबरगंज थाना इन क्षेत्रों की घटनाओं में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। जब भी स्थानीय लोग किसी विवाद या घटना की शिकायत लेकर बबरगंज थाना पहुंचते हैं, तो वहां से उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि ये क्षेत्र अब बाईपास थाना क्षेत्र में आता है। जब हम बाईपास थाना अपनी समस्या लेकर जाते हैं, तो वहां से भी हमें यह कहते हुए लौटा दिया जाता है कि यह शहरी क्षेत्र है और उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इस थाना क्षेत्र की सीमा विवाद का फायदा असामाजिक तत्व उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इलाके में बीते कुछ समय से पुलिस गश्ती भी पूरी तरह बंद है, जिससे आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। मारपीट, पारिवारिक झगड़े और छिनतई की घटनाएं आए दिन हो रही हैं, लेकिन लोग समझ नहीं पा रहे कि उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए कहां जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही थाना क्षेत्र को स्पष्ट नहीं किया गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। उन्होंने वरीय पुलिस अधीक्षक से अपील की वे इस विवाद का संज्ञान लेते हुए जल्द से जल्द समाधान निकालें।
पानी संकट से भी परेशान हो रहे हैं स्थानीय लोग
भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में पानी की समस्या और थाना सीमा विवाद ने स्थानीय निवासियों की परेशानियों को दोगुना कर दिया है। स्थानीय निवासी पंकज चौरसिया ने बताया कि गर्मी शुरू होते ही यहां पानी का संकट गहरा जाता है। सबसे ज्यादा परेशानी वारसलीगंज इलाके में है, जहां पाइपलाइन कनेक्शन तो बुडको द्वारा लगाया गया है, लेकिन पानी की सप्लाई अब तक शुरू नहीं हुई है। पानी की समस्या इतनी गंभीर है कि रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना में भी परेशानी होती है। गर्मी आते ही पानी के एक-एक बूंद के लिए संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इलाके में कई जगहों पर पाइपलाइन में टोटियां नहीं लगी हैं, जिससे जब कभी पानी सप्लाई होती भी है, तो वह सड़कों पर बह जाता है। इससे सड़कें कीचड़ में तब्दील हो जाती हैं और लोगों को आवागमन में भारी परेशानी होती है। इस क्षेत्र में पानी का बंटवारा भी अजीब है। एक घर में पानी आ रहा होता है, तो ठीक बगल वाले घर में नल सूखा रहता है। इसको लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि थाना क्षेत्र को लेकर चल रहे क्षेत्र विवाद ने भी लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों को पता नहीं है कि आपराधिक घटना की सूचना देने के लिए बबरगंज थाना पहुंचे या बाईपास थाना। लेकिन बाईपास थाना शिकायत लेकर पहुंच भी जाएं तो यह कहकर लौटा दिया जाता है कि यह क्षेत्र शहरी सीमा में आता है। हमें समझ नहीं आता कि घटना होने पर किस थाने में जाएं।
हथिया नाला बना रहा है संकट, नाला और सफाई की है क्षेत्र में कमी
भागलपुर के दक्षिणी क्षेत्र में हथिया नाला की दुर्दशा और नाले की कमी को लेकर स्थानीय निवासी अंजय यादव ने बताया कि यह वार्ड शहर का सबसे अंतिम वार्ड है और क्षेत्रफल भी अच्छा खासा बड़ा है। यहां नई और पुरानी कई कॉलोनियां बसी हुई हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। उन्होंने बताया कि हथिया नाला जी का जंजाल है। लगभग एक किलोमीटर लंबा और 10 फीट गहरा है, लेकिन इस पर अब तक कोई ढक्कन नहीं लगाया गया है। स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से अस्थायी व्यवस्था की है, लेकिन कई जगह नाला खुला है, जिससे लगातार दुर्घटनाएं हो जाती हैं। खासकर रात में जब अंधेरा होता है, तो नाले में गिरने की संभावना और बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में नाले की सफाई न होने से गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में भी परेशानी होती है। बरसात के दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है, जब पानी का जमाव सड़कों को बदहाल कर देती है। उन्होंने कहा कि बसंत बिहार, रामेश्वर और राजनाथ कॉलोनी जैसे इलाकों में नाले की सुविधा में कमी है। बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या हो जाती है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा हथिया नाले को ढकने का काम जल्द से जल्द करने की जरूरत है और निगम प्रशासन को नए नालों का निर्माण कर सफाई की व्यवस्था भी सुनिश्चित करना चाहिए।
समस्याएं:–
1. बबरगंज और बाईपास थाना के बीच सीमा विवाद के कारण शिकायत दर्ज कराने में परेशानी हो रही है।
2. गश्ती में कमी आने से चोरी, पॉकेटमारी और अन्य आपराधिक घटनाए बढ़ रही हैं।
3. कई गलियों में सड़कें क्षतिग्रस्त हैं, जिससे आवागमन में दिक्कत होती है, गहरा हथिया नाला बिना ढक्कन के दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है।
4. बसंत बिहार, रामेश्वर और राजनाथ कॉलोनी में नाले की कमी से जलजमाव होता है। बारिश के दिनों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
5. गर्मियों में पानी की किल्लत बढ़ जाती है और पाइपलाइन होते हुए भी सप्लाई प्रभावित है।
सुझाव:–
1. पुलिस प्रशासन को स्पष्ट रूप से थाना सीमा निर्धारित करनी चाहिए और एक सार्वजनिक सूचना जारी करनी चाहिए। जिससे लोगों को कठिनाई नहीं हो।
2. पुलिस नियमित गश्ती सुनिश्चित की जाए और संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और गस्त भी बढ़ाई जाए।
3. क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की जाए और नई कॉलोनियों में सड़कों का निर्माण किया जाए, हथिया नाला को पक्के ढक्कन से ढकने और नियमित सफाई की व्यवस्था की जाए।
4. जलजमाव की समस्या से निपटने के लिए इलाके की सभी कॉलोनियों में नालों और सड़क का निर्माण किया जाए।
5. पाइपलाइन की मरम्मत और नियमित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए, विशेषकर गर्मियों के दिनों में जब पानी की किल्लत होती है।
दो थाना के सीमा विवाद के कारण सुरक्षा की समस्या
भागलपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी की जनता के पास अपनी शिकायत या सुरक्षा की गुहार लगाने के लिए सीमा विवाद के कारण कोई थाना नहीं है, जहां किसी अप्रिय या समस्या की स्थिति में यहां के लोग अपनी शिकायत स्थानीय पुलिस को कर सकें। पुलिस की गश्ती भी नहीं होती है, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ जाता है। इसको लेकर स्थानीय वार्ड पार्षद दीपिका कुमारी के प्रतिनिधि शशी मोदी ने बताया कि इन दोनों कॉलोनियों की जनता बबरगंज थाना और बाईपास थाना के क्षेत्र विवाद के कारण काफी परेशान हैं, जिसके कारण ये लोग अपनी शिकायत भी स्थानीय थाना में नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने बताया कि जनता लगातार पुलिस प्रशासन से थाना विवाद को सुलझाने की गुहार कर रही है, लेकिन पिछले तीन माह से यह समस्या लोगों के सामने बनी हुई है। उन्होंने बताया कि शुरू से कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी के वार्ड 51 का हिस्सा होने के कारण क्षेत्र की जनता अपनी कोई शिकायत बबरगंज थाना में कर सकती थी, लेकिन थानों के परिसीमन के बाद अब ये लोग बिना थाना के रह गए हैं, जिनके पास अपनी सुरक्षा या कई तरह की समस्याओं की शिकायत करने के लिए एक अदद थाना भी नसीब नहीं हो रहा, जो प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। वहीं इसको लेकर स्थानीय निवासी विक्रम साह और सुनील मोदी ने बताया कि शुरू से बबरगंज थाना में ही उनलोगों की शिकायत दर्ज होती रही है, जिसके कारण आपराधिक तत्वों से बचाव की गुहार प्रशासन से लगाई जाती है, वहीं अब जब कभी भी थाना से संबंधित बात इलाके के लोगों द्वारा की जाती है, तो बबरगंज थाना में साफतौर पर कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी को अपने क्षेत्र में नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है, जबकि तीन माह पूर्व तक उसी थाना में दोनों कॉलोनी के लोगों की शिकायत की जाती थी और पुलिस भी उसपर संज्ञान लेती रही है।
पेंडुलम जैसी हालत हो गई है लोगों की
बताया कि बबरगंज थाना में कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी को बाईपास थाना क्षेत्र अंतर्गत होने की बात बताई जा रही है, जबकि बाईपास थाना प्रभारी का कहना है कि सूर्यलोक कॉलोनी और कुतुबगंज उनके क्षेत्र में नहीं आता है, इसलिए इस क्षेत्र के मामले या शिकायत बाईपास थाना में दर्ज नहीं हो सकता है। अब एक ओर जहां दो थाना क्षेत्र के विवाद में कुतुबगंज और सूर्यलोक कॉलोनी की बड़ी आबादी थाना क्षेत्र के मामले में अधर में लटकी हुई है, उससे इन लोगों की हालत पेंडुलम जैसी हो गई है, जिन्हें एक थाना से दूसरे थाना क्षेत्र का निवासी बताकर चक्कर काटने पर विवश कर दिया गया है, जबकि करीब तीन माह बीतने के बाद भी जिला प्रशासन या पुलिस प्रशासन के वरीय पदाधिकारियों की इस पर नजर नहीं पड़ी है।
बोले जिम्मेदार
इस मामले में दोनों थाने से बात की जाएगी
बबरगंज और सूर्यलोक कॉलोनी में थाना की सीमा का कोई विवाद नहीं है। पुराने मामले के अनुसंधान को लेकर अक्सर बबरगंज थाना की पुलिस पहुंचती है। नए मामले के अनुसंधान को लेकर बायपास थाना की पुलिस पहुंचती है। पुलिस की गश्त नियमित रूप से होती है। इस मामले को लेकर बबरगंज और बायपास थानाध्यक्ष से बात की जाएगी। किसी भी तरह की तकनीकी दिक्कत होने पर उसे तुरंत दूर किया जाएगा। इस तरह की शिकायत उन्हें अभी तक नहीं मिली है। शहरी क्षेत्र में विधि-व्यवस्था को लेकर किसी भी तरह की कोई कोताही नही बरती जा रही है।
शुभांक मिश्रा, सिटी एसपी ।
1. अगर हम किसी घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने बबरगंज थाना जाते हैं, तो वहां से कहा जाता है कि यह मामला बाईपास थाना क्षेत्र का है। जब हम बाईपास थाना जाते हैं, तो वहां से यह कहकर लौटा दिया जाता है कि मामला शहरी क्षेत्र का है।
गनौरी राम (स्थानीय निवासी)
2. नाले की कमी और जलनिकासी की समस्या ने क्षेत्र में मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खासकर बारिश के दिनों में जलजमाव की स्थिति भयावह हो जाती है, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सुनील मोदी (स्थानीय निवासी)
3. साफ-सफाई की व्यवस्था तो ठीक है, लेकिन गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत हो जाती है, जिससे लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। गर्मियों में पानी नहीं मिलती हैं और हमें दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है। बेचनी देवी(स्थानीय निवासी)
4. पुलिस गश्ती की कमी के कारण चोरों और पॉकेटमारी की गतिविधियां बढ़ गई हैं। पहले पुलिस गश्ती नियमित रूप से होती थी, जिससे चोरी और पॉकेटमारी की घटनाएं कम थीं। लेकिन अब गश्ती न होने के कारण चोर और पॉकेटमार सक्रिय हो गए हैं। ललिता देवी (स्थानीय निवासी)
5. थाना सीमा विवाद के कारण वार्ड में चोरी, झपटमारी और अन्य घटनाएं हो रही हैं, लेकिन कोई पुलिसकर्मी समय पर नहीं पहुंचता। जब किसी घटना की सूचना पुलिस को दी जाती है, तो बबरगंज थाना और बाईपास थाना एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहते हैं। मितो पंडित
6. थाना सीमा विवाद के कारण पुलिस सुरक्षा प्रभावित हो रही है, जिससे आपराधिक घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इस विवाद की वजह से पुलिस गश्ती में कमी आई है और अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। सोनी देवी (स्थानीय निवासी)
7. अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले बरसात में स्थिति और भी बदतर हो जाएगी। नए नालों का निर्माण कराया जाए और समय पर साफ सफाई होती रहे। शकुंतला देवी (स्थानीय निवासी)
8. थाना सीमा विवाद की स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी आम नागरिकों को हो रही है। पारिवारिक विवाद, मारपीट या अन्य आपराधिक घटनाओं में लोग इधर-उधर भटकते रहते हैं, लेकिन उनकी शिकायत दर्ज नहीं होती। रीता देवी, स्थानीय निवासी
9. अंधेरे का फायदा उठाकर चोर गली-मोहल्लों में घूमते हैं और मौका पाकर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। रात को बाहर निकलने में डर लगता है। पहले पुलिस गश्ती नियमित रूप से होती थी, अब नहीं। सुषमा देवी(स्थानीय निवासी)
10. इलाके में नालों की व्यवस्था ठीक नहीं है। बारिश होते ही सड़कों पर पानी भर जाता है और कीचड़ में चलना मुश्किल हो जाता है। जिससे दैनिक जीवन प्रभावित होता है। कई इलाकों में नाले की कमी है। पवन कुमार (स्थानीय निवासी)
11. इलाके में बुडको द्वारा पानी की पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन पानी की सप्लाई नियमित नहीं है। कई बार कम प्रेशर में पानी आता है, तो कई बार नल सूखा ही रह जाता है।
रेखा देवी (स्थानीय निवासी)
12. थाना सीमा विवाद के कारण क्षेत्र में पुलिस गश्ती भी प्रभावित हुई है, जिससे असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ गया है। इस भ्रम की स्थिति में सबसे ज्यादा परेशानी आम नागरिकों को हो रही है। गणेश साह (स्थानीय निवासी)
प्रस्तुति
रविशंकर, संतोष
फोटो: कांतेश
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