भोजपुरी की मिठास में पढ़ सकेंगे अंगेजी की कविताएं
बगहा के पूर्व प्रोफेसर विनय कुमार मिश्र ने बच्चों में अंग्रेजी के प्रति डर को दूर करने के लिए इंटर की अंग्रेजी किताब का भोजपुरी में अनुवाद किया है। उनकी कविताएं 'भोजांगल' के नाम से लोकप्रिय हो रही...
बगहा, हसं। कस्बाई व ग्रामीण इलाकों में बच्चों को अंग्रेजी भाषा कुछ इस कदर डराती है कि उसकी पुस्तक को छूने से भी वे डरते हैं। मैट्रिक तक अंग्रेजी अनिवार्य नहीं होने के कारण छात्र इससे दूरी बनाकर रखते हैं। लेकिन इंटर में दाखिला होते है 50 अंक का अंग्रेजी पढ़ना अनिवार्य हो जाता है। यहीं से छात्रों की परेशानी शुरू हो जाती है। छात्रों की इस समस्याओ को देखते हुए जीएमएचपी कॉलेज के पूर्व प्रोफसर विनय कुमार मिश्र ने इंटर की अंग्रेजी पुस्तक का भोजपुरी में अनुवाद किया है। भोजांगल नाम से उनकी कविताएं बच्चों के बीच लोकप्रिय होती जा रही है। भोजपुरी भाषा में 11वीं व 12वीं की किताब का अनुवाद होने से बच्चों में अंग्रेजीफोबिया दूर हो रही है। उनकी रुचि भी अंग्रेजी में बढ़ रही है। प्रो. विनय बताते हैं कि छात्रों को अंग्रेजी विषय से भागते देखा। कारण पता किया तो पता चला कि अंगेजी को अंगेजी में ही शिक्षकों द्वारा विश्लेषित किया जा रहा है। यही छात्रों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। इसलिए अपनी भाषा में इसका अनुवाद किया। यह छात्रों को भा रहा है। शिक्षक शैलेश कुमार पासवान, तीरेन्द्र राम आदि ने बताया कि अंग्रेजी का भोजपुरी में रोचक अंदाज में अनुवाद किया गया है। छात्र आसानी से किसी भी कविता के केन्द्रीय भाव को समझ पा रहे हैं।
इस प्रकार का रोचक हो गया है अब शीर्षक
ह्वेयर द माइंड इज विदाउट फीयर अब ‘जहवां डेराय ना मनवां, द चिमनी स्वीपर का ‘चिमनी के मजूरी में बचपन, आइ कांट रिमेंबर माइ मदर अब ‘कइसे इयाद करी माइ के, थोमस हूड की कविता आइ रिमेंबर आई रिमेंबर का भोजपुरी वर्जन इयाद आवेला हमरा हो गया है। रॉबर्ट हैरीक की कविता डैफोडिल्स बदलकर झिलमिल दुनियां हो गया। विलियम वर्डसवर्थ की कविता द सोलीटरी रीपर अब बदलकर हो गया लड़की कटिया करेवाली हो गया है। इस प्रकार सभी कविताएं रोचक अंदाज में अनुवादित की गयी है।
भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में नहीं शामिल करने की दिख रही कसक:
भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शमिल नहीं करने की लोगो में कसक दिखने लगी है। स्थानीय लोगों सहित शिक्षाविदों की माने तो भोजपुरी को आठवीं अनुसूची शामिल करना चाहिये। तभी इसी भाषा का विस्तार हो सकेगा। अगर समय रहते इसके संरक्षण की दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो आने वाली पीढ़ी के बीच मनोरंजन का भाषा बन कर रह जाएगी।
बच्चों के बीच की गयी वितरित, भा रहा
प्रोफेसर विनय कुमार ने बताया कि पुस्तक को बच्चों के बीच निशुल्क वितरित किया। ताकि पढ़ने में पैसे बाधा न बने। पहले चरण में पांच सौ पुस्तके वितरित की गई है। बारहवीं की छात्रा निर्मला, प्रियंका, रीतिका आदि ने बताया कि भोजांग्ल बढ़िया पुस्तक है। इसने अंग्रेजी को काफी रुचिकर बना दिया गया है।
होकरा के देख होकरा के....द सोलिटरी रीपर:
विलियम वर्डसवर्थ की एक लिखी कविता है द सोलिटरी रीपर। जिसकी पक्तियां हैं- बिहोल्ड हर, सिंगल इन फील्ड..। जिसका भोजपुरी अनुवाद है होकरा के देख होकरा के खेतवा में अकेले बिया पहाड़ी बाला। गावत गितिया काटे फसलिया ओकर धुनवां हियरा समला। सुनब त रुक के सन ल देख कइसन तोहरा बुझाता..आदि। इसी प्रकार पूरी कविताएं रुचिकर है।
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