₹21 लाख की टेस्ला टैक्स के बाद इतने लाख हो जाएगी कीमत, प्राइस भारतीय ग्राहकों के होश उड़ा देगी!
- भारतीय बाजार में टेस्ला के श्री गणेश का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। कंपनी अप्रैल से भारत में अपना कारोबार शुरू कर देगी। सरकार ने भी टेस्ला का रास्ता आसान बनाने इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की है।
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भारतीय बाजार में टेस्ला के श्री गणेश का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। कंपनी अप्रैल से भारत में अपना कारोबार शुरू कर देगी। सरकार ने भी टेस्ला का रास्ता आसान बनाने इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती की है। एक प्रमुख ग्लोबल कैपिटल बाजार फर्म CLSA की एक रिपोर्ट के अनुसार, इम्पोर्ट ड्यूटी में हाल ही में 20% से नीचे की कटौती के बावजूद टेस्ला के सबसे अफॉर्डेबल मॉडल की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 35 लाख से 40 लाख रुपए के बीच होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि कंपनी करीब 21 लाख रुपए के प्राइस टैग के साथ कार लॉन्च करेगी, लेकिन टैक्स के साथ इसकी कीमत 35 लाख रुपए तक हो जाएगी।
CLSA ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में टेस्ला का सबसे सस्ता मॉडल 3 वर्तमान में रिटेल स्तर पर लगभग 35,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 30.4 लाख रुपए) में बिकता है। भारत में इम्पोर्ट ड्यूटी में 15 से 20% की अनुमानित कमी के साथ-साथ रोड टैक्स और इंश्योरेंस जैसे अन्य खर्च के साथ इसकी अनुमानित ऑन-रोड कीमत अभी भी लगभग 40,000 अमेरिकी डॉलर होगी। जो लगभग 35 से 40 लाख रुपए के बराबर है।
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यदि टेस्ला मॉडल 3 की कीमत महिंद्रा XEV 9e, हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक और मारुति सुजुकी ई-विटारा जैसे घरेलू इलेक्ट्रिक व्हीकल मॉडल से 20 से 50% ज्यादा रखती है, तो रिपोर्ट इस बात का भी अलर्ट देती है कि इससे भारतीय ईवी बाजार पर कोई खास प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। भले ही टेस्ला 25 लाख रुपए से कम कीमत वाला बजट मॉडल पेश करने का ऑप्शन चुनती है और बाजार के एक हिस्से पर कब्जा कर लेती है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर में हाल ही में आई गिरावट पहले से ही इस संभावित सेनेरियो को दिखाते हैं।
इसके बाद भी रिपोर्ट बताती है कि टेस्ला की एंट्री से प्रमुख भारतीय ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चर्स पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की वर्तमान में डिमांड चीन, यूरोप और अमेरिका जैसे अन्य बाजारों की तुलना में काफी कम है। आने वाले महीनों में टेस्ला दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में अपने मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी ने आधिकारिक तौर पर भारत में अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो घरेलू बाजार में लंबे समय से रुकी हुई एंट्री की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
18 फरवरी को टेस्ला ने लिंक्डइन पर मुंबई के लिए कंज्यूमर इंगेजमेंट मैनेजर के रोल के लिए नौकरी की जॉब ओपन की है। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि टेस्ला को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण की पेशकश करने और अपने ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए उसे भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करनी चाहिए। भले ही अभी उसे इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी का फायदा मिल रहा हो।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत, टेस्ला को सालाना 8,000 यूनिट पर 15% की कम इम्पोर्ट ड्यूटी का लाभ मिल सकता है, अगर वह स्थानीय सुविधा बनाने में 4,150 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश करती है। रिपोर्ट में भारतीय मोटरसाइकिल उद्योग के साथ तुलना की गई है, जिसमें बताया गया है कि हार्ले-डेविडसन की X440, जिसकी कीमत रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350 से लगभग 20% अधिक है, प्रति महीने सिर्फ 1,500 यूनिट ही बेच पाती है। दूसरी तरफ, क्लासिक 350 की मासिक बिक्री लगभग 28,000 यूनिट है।
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