आनंद महिंद्रा ने खोला राज! टेस्ला की कारों को ऐसे टक्कर देगी महिंद्रा, जानिए क्या है पूरा प्लान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक यूजर ने आनंद महिंद्रा से पूछा कि टेस्ला की चुनौती से निपटने के लिए उनकी क्या रणनीति होगी? इस पर आनंद महिंद्रा ने बड़े ही दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया है। उन्होंने पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए बताया कि टेस्ला की कारों को महिंद्रा कैसे टक्कर देगी?

जब भी भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बाजार की बात होती है, टेस्ला (Tesla) का नाम जरूर आता है। 2025 में टेस्ला ने भारत में नौकरियां निकालनी शुरू की हैं, जिससे इसके भारतीय बाजार में एंट्री की चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं। इसी बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक यूजर ने महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा से पूछा कि टेस्ला की चुनौती से निपटने के लिए उनकी क्या रणनीति होगी? इस पर आनंद महिंद्रा ने बड़े ही दिलचस्प अंदाज में जवाब दिया है। आइए इसे जरा विस्तार से समझते हैं।
मिलती जुलती गाड़ियाँ
और गाड़ियां देखें
आनंद महिंद्रा ने X यूजर के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमें 1991 से ही ऐसे सवाल पूछे जाते रहे हैं। हमने तब भी मुकाबला किया था और अब भी कर रहे हैं। हमारी टीम पूरी मेहनत से काम कर रही है, ताकि हम आने वाले 100 सालों तक भी प्रासंगिक बने रहें!
1991 में भी आया था विदेशी कंपनियों का तूफान
1991 में भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) की ओर मोड़ा। इस बदलाव से विदेशी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार के दरवाजे खुल गए। ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी कई विदेशी ब्रांड जैसे हुंडई (Hyundai), Daewoo, फोर्ड (Ford) और जनरल मोटर्स (General Motors) ने अपनी गाड़ियां लॉन्च करनी शुरू कर दीं।
लेकिन, महिंद्रा तब भी इस प्रतिस्पर्धा में डटी रही और अपने इनोवेशन और देसी समझदारी से बाजार में बनी रही। अब 2025 में जब टेस्ला जैसे दिग्गज भारत में एंट्री की तैयारी कर रहे हैं, महिंद्रा फिर से पूरी मजबूती से मुकाबले के लिए तैयार है।
महिंद्रा का EV सफर: Reva से BE 6 तक
महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की दुनिया में 2010 में कदम रखा, जब उसने Reva Electric Car Company का अधिग्रहण किया। यह वही कंपनी थी, जिसने भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार Reva (2001) लॉन्च की थी। इसके बाद महिंद्रा ने e2o (2013), eVerito (2016) और XUV400 (2022) जैसे मॉडल लॉन्च किए। हालांकि, ये गाड़ियां बाजार में बहुत सफल नहीं हो पाईं।
लेकिन, 2024 में लॉन्च किए गए BE 6 और XEV 9e को लेकर महिंद्रा पूरी तरह आत्मविश्वास से भरी हुई है। ये दोनों गाड़ियां महिंद्रा के नए INGLO प्लेटफॉर्म पर बनी हैं, जिसे एडवांस टेक्नोलॉजी और ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के साथ डिजाइन किया गया है।
BE 6 और XEV 9e की बैटरी और परफॉर्मेंस
महिंद्रा की ये नई इलेक्ट्रिक गाड़ियां दो बैटरी पैक ऑप्शंस में आती हैं, जिनकी डिटेल नीचे चार्ट में दी गई है।
मॉडल | बैटरी पैक (kWh) | रेंज (किमी) | DC फास्ट चार्जिंग टाइम |
---|---|---|---|
BE 6 | 59 kWh | 535 km | 20 मिनट में 80% तक |
BE 6 | 79 kWh | 682 km | 20 मिनट में 80% तक |
XEV 9e | 59 kWh | 542 km | 20 मिनट में 80% तक |
XEV 9e | 79 kWh | 656 km | 20 मिनट में 80% तक |
इनमें DC फास्ट चार्जिंग सपोर्ट है, जिससे बैटरी को 20% से 80% तक चार्ज करने में सिर्फ 20 मिनट लगते हैं।
टेस्ला से मुकाबले की रणनीति
महिंद्रा ने साफ कर दिया है कि वह EV मार्केट में सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी टेस्ला से मुकाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके लिए महिंद्रा नीचे दी गई स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करेगी।
1- देसी EV टेक्नोलॉजी
महिंद्रा अपनी गाड़ियों को भारतीय सड़कों और ग्राहकों की जरूरतों के हिसाब से डिजाइन कर रही है।
2-किफायती और पावरफुल EVs
टेस्ला की गाड़ियां भारत में महंगी हो सकती हैं, लेकिन महिंद्रा किफायती इलेक्ट्रिक गाड़ियों के साथ ज्यादा ग्राहकों तक पहुंचना चाहती है।
3- लोकल मैन्युफैक्चरिंग
महिंद्रा भारत में ही अपनी EVs का उत्पादन कर रही है, जिससे लोकल जॉब्स बढ़ेंगी और कीमतें भी कंट्रोल में रहेंगी।
4- महिंद्रा की 'मेड इन इंडिया' मजबूती
महिंद्रा हमेशा से मजबूत, टिकाऊ और भरोसेमंद गाड़ियां बनाने के लिए जानी जाती है। BE 6 और XEV 9e भी इसी डीएनए के साथ बनी हैं।
क्या महिंद्रा टेस्ला को टक्कर दे पाएगी?
टेस्ला के पास दुनिया की सबसे एडवांस्ड EV टेक्नोलॉजी है, लेकिन भारत में यह कितनी सफल होगी, यह अभी कहना मुश्किल है। महिंद्रा को भारतीय बाजार की बेहतर समझ है और इसका लोकल प्रोडक्शन इसे मजबूत बनाता है।
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