1008 इंजन चोरी! किआ फैक्ट्री के अंदर से हुआ करोड़ों का खेल, जांच के बाद अब सामने आई सच्चाई
किआ के आंध्र प्रदेश स्थित फैक्ट्री से चुपचाप 3 सालों में 1,008 कारों के इंजन चोरी हो गए। अब जाकर इसका खुलासा हुआ है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।

एक-दो नहीं पूरे 1,008 कार इंजन चोरी हो जाएं और वो भी एक नामी ऑटो कंपनी की फैक्ट्री से? जी हां, किआ इंडिया की आंध्र प्रदेश स्थित फैक्ट्री से चुपचाप तीन सालों में इतनी बड़ी चोरी को अंजाम दिया गया और अब जाकर इसका खुलासा हुआ है। इस मामले में दो पूर्व कर्मचारी, कई कबाड़ी और ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग शामिल पाए गए हैं। चोरी किए गए इंजन की कीमत लगभग 19 करोड़ (2.3 मिलियन डॉलर) आंकी गई है। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।

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चोरी कैसे हुई?
पुलिस जांच में सामने आया है कि इसमें किआ (Kia) के दो पूर्व कर्मचारी हैं। इसमें एक सेक्शन हेड (विनायगमूर्ति वेलुचामी) और एक टीम लीडर (पटान सलीम) शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर इंजन डिस्पैच सिस्टम में हेरफेर की और फर्जी बिल और गेट पास के जरिए इंजन फैक्ट्री से बाहर भेजे।
इनके साथ कुछ ट्रक ड्राइवर, ट्रांसपोर्ट एजेंट और कबाड़ी भी मिले हुए थे, जो इन इंजनों को दिल्ली जैसे शहरों तक पहुंचाते थे। ट्रकों के फर्जी नंबर, नकली दस्तावेज और बार-बार की गई लेन-देन से इस पूरे नेटवर्क का संचालन हो रहा था।
हुंडई से आए इंजन थे निशाने पर
ये इंजन किआ (Kia) को हुंडई (Hyundai) से भेजे जाते थे, लेकिन इनका कोई रिकॉर्ड फैक्ट्री में मौजूद नहीं था। जनवरी 2025 में जब किआ (Kia) ने स्टॉक मिलान (Stock Reconciliation) किया, तब इस गड़बड़ी की भनक लगी। इसके बाद कंपनी ने मार्च में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
तकनीक ने खोले राज
पुलिस ने छापेमारी में 9 मोबाइल फोन बरामद किए, जिनमें व्हाट्सअप (WhatsApp) चैट, ट्रक की तस्वीरें और फर्जी इनवॉइस जैसी अहम सबूत मिले। इससे पूरा नेटवर्क सामने आने लगा।
आरोपी और कानूनी कार्रवाई
मुख्य आरोपी विनायगमूर्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। उसने कोर्ट में जमानत याचिका लगाई है और खुद को निर्दोष बताया है। दूसरा आरोपी पटान सलीम अभी फरार है और उसका मोबाइल भी बंद है। अगर दोषी पाए गए तो दोनों पर 10 साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है।
सिर्फ चोरी नहीं, कंपनी की साख पर भी हमला
किआ (Kia) का कहना है कि इस तरह की घटना से उद्योग की कार्यप्रणाली, स्टेकहोल्डर्स का विश्वास और कर्मचारियों की सुरक्षा पर सीधा असर पड़ा है। कंपनी ने अपनी आंतरिक जांच पूरी कर ली है और अब इंवेंट्री सिस्टम को और सख्त कर रही है।

भारत में पहली बार इतनी बड़ी ऑटो चोरी
भारत में छोटी-मोटी फैक्ट्री चोरियों की खबरें आती रहती हैं, लेकिन इतनी बड़ी और योजनाबद्ध कार इंजन चोरी शायद पहली बार सामने आई है। यह सिर्फ एक आपराधिक मामला नहीं, बल्कि एक औद्योगिक सुरक्षा अलार्म है। इस मामले से एक बात तो साफ हो जाती है, चाहे कंपनी कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर आंतरिक निगरानी ढीली हो, तो करोड़ों की चपत लग सकती है।
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