Surya gochar today : सूर्य वृषभ राशि में, वृष राशि में सूर्य शत्रु क्षेत्री होंगे, ज्योतिर्विद से जानें आपकी राशि पर असर
Horoscope Surya gochar: ग्रहीय व्यवस्था में सूर्य को राजा की पदवी प्राप्त है। सूर्य को प्रत्यक्ष देव भी माना जाता है। सूर्य को पिता का कारक ग्रह भी माना जाता है। सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह भी माना जाता है तथा सूर्य को सिंह राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है।

सूर्य का गोचर परिवर्तन 14 मई 2025 दिन बुधवार की रात में 3:36 बजे से अपनी उच्च राशि मेष से शुक्र की राशि वृष में हो गया है। अब सूर्य 15 मई की सुबह से वृष राशि में आ गए हैं। सूर्य के इस परिवर्तन का व्यापक प्रभाव चराचर जगत पर दिखाई देगा। ग्रहीय व्यवस्था में सूर्य को राजा की पदवी प्राप्त है। सूर्य को प्रत्यक्ष देव भी माना जाता है। सूर्य को पिता का कारक ग्रह भी माना जाता है। सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह भी माना जाता है तथा सूर्य को सिंह राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। सूर्य वृष राशि में पहुंचकर शत्रु क्षेत्री हो जाएंगे परंतु अपने राशि से दशम होने के कारण दिग्बल को भी प्राप्त करेंगे । इस प्रकार अपना पूर्ण प्रभाव दे पाने में समर्थ होंगे। सूर्य के परिवर्तन का प्रभाव स्वतंत्र भारत की दृष्टिकोण से देखा जाए तो सरकारी तंत्र से लाभ की स्थिति बनती दिखाई देगी। सरकारी तंत्र अपना प्रभावशाली प्रभाव स्थापित करने में सफलता प्राप्त करेगा। रियल एस्टेट एवं कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र से सरकार द्वारा कोई सकारात्मक फैसला लिया जा सकता है।
मेष :- मेष राशि के लिए यह परिवर्तन द्वितीय भाव अर्थात धन भाव पर होगा । ऐसे में कुटुंब में सकारात्मक कार्य होंगे। धन संबंधित कार्यों में प्रगति होगी । वाणी की तीव्रता में वृद्धि होगी। वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों को सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देगा। आंखों की समस्या के कारण कष्ट हो सकता है। बौद्धिक क्षमता के आधार पर धन में वृद्धि कर पाने में सफल होंगे। पेट की समस्या के कारण परेशानी हो सकती है।
वृष :- वृष राशि के लिए सूर्य का यह परिवर्तन राशि भाव अर्थात अथवा लग्न भाव पर होगा अतः सूर्य व्यक्तित्व में तीव्रता प्रदान करेगा। सरकारी तंत्र से लाभ की स्थिति उत्पन्न कराएगा। झल्लाहट में वृद्धि होगी। गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि होगी। जमीन जायदाद से संबंधित कार्यों में प्रगति की संभावना बनेगी। रियल एवं कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र से जुड़े लोगों को विशेष लाभ प्राप्त होगा। दांपत्य जीवन में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति उत्पन्न होगी।
मिथुन :- मिथुन राशि के लिए सूर्य का यह गोचर द्वादश स्थान अर्थात व्यय भाव पर होगा। ऐसे में पराक्रम में कमी महसूस होगी। पुरुषार्थ में कमी आएगी। भोग विलासिता एवं दिखावे में खर्च बढ़ेगा। दूरस्थ यात्रा का योग बनेगा। आंखों की समस्या के कारण तनाव हो सकता है। शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होगी। भाई-बहनों तथा मित्रों को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। मुकदमा आदि विजय की स्थिति बन सकती है।
कर्क :- कर्क राशि के लिए सूर्य का यह गोचर लाभ भाव में होगा। ऐसे में व्यापारिक गतिविधियों का विस्तार होगा। धन में वृद्धि होगी। कुटुंब में नया कार्य होगा। संतान पक्ष से लाभ प्राप्त होगा। पैतृक संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा। अचानक से धन वृद्धि की स्थिति बन सकती है। राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह समय विशेष रूप से लाभदायक रहेगा। वाणी व्यवसाय से जुड़े लोगों की वृद्धि होगी। अध्ययन अध्यापन में प्रगति होगा।
सिंह :- सिंह राशि के लिए सूर्य का यह गोचर दशम भाव अर्थात लाभ भाव पर होगा। ऐसे में मनोबल में वृद्धि । व्यक्तित्व में वृद्धि के साथ-साथ मानसिक तीव्रता में भी वृद्धि देखने को मिलेगी। सरकारी तंत्र से लाभ की स्थिति दिखाई देगी। नौकरी तथा व्यवसाय में परिवर्तन की स्थिति दिखाई देगी। सीने की तकलीफ, घबराहट, ब्लड प्रेशर अथवा धड़कन में वृद्धि दिखाई देगी। गृह एवं वाहन सुख प्राप्त होगा। माता के स्वास्थ्य को लेकर सामान्य चिंता भी हो सकती है।
कन्या :- कन्या राशि के लिए सूर्य का यह गोचर नवम भाव में होगा। ऐसे में कार्यों में भाग्य का साथ कम प्राप्त होगा। पराक्रम में वृद्धि होगी। दौड़ भाग में वृद्धि होगा। अनावश्यक खर्चे में वृद्धि होगा। पिता एवं पितामह के स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ सकता है। सामान्य रूप से चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भाई बहनों मित्रों का सहयोग सानिध्य प्राप्त हो सकता है। नेतृत्व क्षमता में वृद्धि की स्थिति बनेगी। धार्मिक कार्यों पर खर्च बढ़ सकता है।
तुला :- तुला राशि के लिए सूर्य का योग गोचर अष्टम भाव में होगा। ऐसे में पेट की समस्या के कारण तनाव हो सकता है। पुराने रोगों से मुक्ति होगी परंतु नए रोग के कारण तनाव भी होगा। वाणी की तीव्रता में वृद्धि होगी। कुटुंब में नया काम होगा। वाणी व्यवसाय के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा। आंखों की समस्या पर खर्च बढ़ेगा। आर्थिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। व्यापारिक गतिविधियों में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
वृश्चिक :- वृश्चिक राशि के लिए सूर्य का यह गोचर सप्तम भाव में होगा। परिणाम स्वरूप सामाजिक पद प्रतिष्ठा में सकारात्मक परिवर्तन नौकरी तथा व्यवसाय में सकारात्मक परिवर्तन स्थान परिवर्तन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। व्यक्तित्व में निखार की स्थिति उत्पन्न होगी। अति तीव्रता के कारण दांपत्य जीवन में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है तथा प्रेम संबंधों में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सरकारी तंत्र से लाभ की स्थिति उत्पन्न होगी।
धनु :- धनु राशि के लिए सूर्य का यह गोचर छठे भाव में होगा। ऐसे में प्रतियोगी परीक्षा में विजय की स्थिति बनती दिखाई देगी। मुकदमा में विजय की स्थिति बनती दिखाई देगी। शत्रुओं पर विजय की स्थिति बनती दिखाई देगी। कार्यों में भाग्य का साथ थोड़ा कम प्राप्त होगा। पिता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता अथवा मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। आंखों की समस्या के कारण तनाव हो सकता है। दूरस्थ यात्रा का योग बन सकता है। भोग विलासिता पर खर्च बढ़ सकता है।
मकर :- मकर राशि के लिए सूर्य का यह गोचर पंचम भाव में होगा परिणाम स्वरूप संतान पक्ष को लेकर सामान्य चिंता की स्थिति बन सकती है। अध्ययन अध्यापन में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। बौद्धिक क्षमता में अथवा निर्णय की क्षमता में परिवर्तन या अस्थिरता देखने को मिल सकता है। आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा। आय नए साधन बन सकते हैं। व्यापारिक गतिविधियों में सुधार हो सकता है। पेट एवं पैर की समस्या के कारण कार्यों में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
कुंभ :- कुंभ राशि के लिए सूर्य का यह गोचर चतुर्थ भाव अर्थात सुख भाव में होगा। ऐसे में सुख के संसाधनों में वृद्धि होगी। गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि होगी। जमीन जायदाद एवं अचल संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा। घर में कुछ नया कार्य हो सकता है। कंस्ट्रक्शन रियल एस्टेट के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समय अनुकूल रहेगा। घबराहट सीने की तकलीफ ब्लड प्रेशर आदि की समस्या तनाव दे सकता है। कार्य स्थल पर परिवर्तन, कार्यस्थल पर प्रगति एवं स्थान परिवर्तन का योग बन सकता है।
मीन :- मीन राशि के लिए सूर्य का यह गोचर तृतीय स्थान अर्थात पराक्रम भाव में होगा। ऐसे में पराक्रम में वृद्धि । पुरुषार्थ में वृद्धि। श्रम में वृद्धि । सामाजिक दायरे में वृद्धि दिखाई देगी। भाई बहनों तथा मित्रों का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा। शत्रुओं के कारण उलझन की स्थिति उत्पन्न होगी। पिता के स्वास्थ्य को लेकर सामान्य चिंता उत्पन्न हो सकती है। नेतृत्व क्षमता में वृद्धि हो सकता है।रोग ऋण शत्रु इस बीच में परेशान कर सकते हैं।