By Navaneet Rathaur
PUBLISHED January 26, 2025

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मौनी अमावस्या पर जलाएं इस तेल का दीया, मिलेगा शुभ परिणाम

मौनी अमावस्या

माघ माह के अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस साल 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या है।

धरती पर आते हैं पितृ

मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पितृ गण धरती लोक पर आते हैं।

मौनी अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण, दान, श्राद्ध के साथ दीप जलाने का महत्व माना गया है।

दीप का महत्व

दीप जलाने के नियम

पितरों के लिए दीप जलाने के कुछ नियम हैं। आइए जानते हैं कि दीप कैसे, कब और कहां जलाना चाहिए?

वापस जाते हैं पितृ

श्री राम त्रेतायुग में जन्में थे। त्रेतायुग सतयुग के बाद सबसे बड़ा युग था।

मान्यता है कि पितरों के रास्ते में अंधेरा न हो, इसलिए दीपक जलाया जाता है। इससे प्रसन्न होकर वे आशीर्वाद देते हैं।

दीप जलाने का महत्व

पितरों को प्रसन्न करना है, तो सूर्यास्त से कुछ देर पहले ही दीप जला दें, जिससे उनके मार्ग में अंधेरा नहीं होगा।

कब जलाएं दीप?

पीपल के पेड़ के नीचे या घर की दक्षिण दिशा में दीप जलाएं।

कहां जलाएं दीपक?

मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालकर और रुई की बाती लगाकर दीप जलाएं।

कैसे जलाएं दीप?

राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करने के लाभ 

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